” मिरा भाईंदर ” शहर क्षेत्र के विकास का चिराग ऊर्फ भीष्मपितामह……

” मिरा भाईंदर ” शहर के सर्वांगीण विकास में यतीत से आज तक पत्रकारों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है.जनता को न्याय दिलाने , ये लोग अपनी जान की बाजी तक लगा देते है. ये लोकशाही का चतुर्थी स्तंभ देशकी लोकशाही की रक्षा के लिए मर मीटते है.

सुराज्य की स्थापना के लिए वें पहरी बनकर सत्य को उजागर करते है यहीं कारण देशद्रोही, देश के गद्दार और भ्रस्टाचारीओके लिए ये दुश्मन बन जाते है. मेरी पोस्टकी शुरुआत करने से पहले प्रथम ऐसे तमाम सच्चे, अच्छे, देशप्रेमी, निर्भीक, निडर और जागरुक पत्रकारों को सलाम करता हूं.

आज मुजे बात करनी है भाईंदर के वरिष्ठ पत्रकार, गहन विश्लेषणज्ञ, मंच के महान वक्ता, लेखक, संपादकीय के शहंशाह, भाईंदर पत्रकारिता जगत के भीष्मपितामह, “भाईंदर भूमि” समाचार पत्र के प्रधान संपादक श्री पुरुषोत्तम लाल बिहारीलाल चतुर्वेदी ऊर्फ गुरूजी, जिसे लोग ” लाल साहब ” के नामसे पुकारते है.

” लाल साहब ” की लीला प्रारंभ होती है, भगवान श्रीकृष्ण की पावन भूमि मथुरा से. उनकी जन्मभूमि भले मथुरा रही हो, मगर कर्म भूमि हमारी भाईंदर भूमि रही है. जहां उन्होंने 14 साल तपस्चर्या की. वो समय था सन 1984 – 85 का जब लोग पानीकी एक एक बूंद के लिए तरसते थे. स्थानीय राजनीति गंभीर पानी समस्या के इर्द गिर्द घूमती थी. टैंकर लॉबी हावी थी.

वरिष्ठ अधिकारीयों द्वारा अनदेखा करने पर लाल साहब ने ता : 1 जनवरी 1986 के दिन ” भाईंदर भूमि ” हिंदी साप्ताहिक समाचार पत्र का प्रकाशन प्रारंभ किया. कवि, लेखक, राजनीतिज्ञ, समाज सेवकों, पत्रकारों को मंच मिला.

विकास में गति आयी और आज हम देख रहे है की मिरा भाईंदर अब महा नगर पालिका ( 2002) बन चुकी है, और मेघा सिटी की तरफ आगे प्रयाण कर रही है.

पर्यावरण की रक्षा और विश्व का कल्याण हेतु , लाल साहब ने ” एक मत ट्रस्ट ” संस्था के अंतर्गत 9 साल तक भाईंदर ( पूर्व ) जेसल पार्क चौपाटी स्थित शारदीय नवरात्रि के शुभ अवसर पर पंच कुण्डीय यज्ञ और रामलीला का मंचन करके इतिहास रचा था.

मेट्रो आगमन, जल यात्रा परिवहन सेवा का प्रारभ, भाईंदर – वसई पश्चिम कोरिडोर मार्ग का कार्य प्रगति पथ पर है. आज हमें जो विकशित मिरा भाईंदर शहर दिख रहा है, इसमे यहाके कई समाज सेवक, पत्रकारों, अधिकारियो, सामाजिक संस्थाएं और कर्मचारियों का योगदान भले रहा हो….

मगर इन सभीमे सबसे ज्यादा यातना सहन की है, तो वो है पत्रकार श्री पुरुषोत्तम लाल चतुर्वेदी साहब ने. जिन्होंने लगातार 14 साल तक भाईंदर के विकास के लिए तपस्चर्या की है.

उनके परिवार ने आर्थिक संकटो का डटकर सामना किया है. उनको व उनके परिवार को प्रताड़ित किया गया. फिर भी वें अपने मिशन में लगे रहे और आखिरकार कामियाब हुए.

अब समय आ गया है, उनके कार्य की कदर करने का, अब समय आ गया है उनको सम्मानित करने का. मैं मेरे राजकीय सृस्टि, चकोर दृस्टि स्तंभ के माध्यम से आयुक्त श्री संजय काटकर

महोदय, भाईंदर की तमाम राजनीतिज्ञ पार्टियोंको अनुरोध करता हूं कि मिरा भाईंदर मुख्यालय ग्राउंड फ्लोर स्थित पत्रकार कक्ष का नाम ” श्री पुरषोत्तम “लाल” चतुर्वेदी पत्रकार कक्ष ” रखा जाय तो भाईंदर के पत्रकारोंका सही मायनेमें सम्मान किया माना जायेगा.

मुजे विश्वास है , विकास की चाह रखने वाली मिरा भाईंदर शहर क्षेत्र की प्रबुद्ध जनता मेरे अभिप्राय का अवश्य अनुमोदन करेंगी

About पत्रकार : सदाशिव माछी -"शिव सर्जन"

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