मिलावट खोरो से सावधान | Beware of Adulteration

मिलावट खोरो से सावधान

 हमारे आदरणीय प्राइम मिनिस्टर श्री नरेंद्र मोदी जी राजकीय विपक्षो के लिए महामिलावत जैसे शब्द का प्रयोग करते है, मगर उनको पता है , की आम लोगोके खानपानकी चीजे , फल, तेल एवं पेट्रोल, जैसी चीजोमे मिलावट का प्रमाण तेजी से बढ़ रहा है ?. 

        मिलावट खोरो से आम आदमी त्राहिमाम हो रहा है. सुबह उठते ही चाय मे दूध डालने जाता हुं तो दूध नकली. मावा नकली. दोहपर की सब्जी केमिकल युक्त नकली. अंडे नकली. हर चीज नकली. एक समय डॉक्टर मरीज को बोलता था, हरी सब्जी खाओ. आज डॉक्टर बोल रहे है, की हरी सब्जी मत खाओ. केमिकल युक्त सब्जी स्वास्थय के लिए हानि कारक हो सकती है !

       जमाना कितना बदल गया है. खानपान भी राम भरोसे हिन्दू होटल की तरह हो गया है. लोगोके लिए पहला सुख निरोगी शरीर होता है. वही ठीक न हो तो बाकी सब बेकार है. इसके लिए खानपान को महत्त्व दिया जाता है. 

      सरकार ने इसके लिए स्वास्थय विभाग, अन्न व औषध प्रशासन. ( फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ) तो बनाये है, मगर निष्क्रिय, मृतप्राय अवस्था मे नजर आ रहे है. 

     स्वास्थय के बारेमे क्यों लोगोंकी जिंदगी के साथ खिलवाड़ हो रहा है ? इसे रोकना सरकार का काम है. फिर भी क्यों कार्यवाही मे विलम्ब हो रहा है ? 

  आज मार्किट मे पपीता हो या केला या फिर अन्य फल हो, ख़रीदने मे भी डर लगता है की कही नकली तो नहीं है ? 

       आज छोटी उम्र के बच्चोमे भी कैंसर जैसी बीमारी लग रही है, यह मिलावट का ही परिणाम है. 

      ये तो फल भाजी की बात हुयी, मगर औषधि मे न जाने कितनी मिलावट होती होंगी ! पहिले डॉक्टर अपनी पास की दवाइयां देते थे उसीमे काम चल जाता था. आज के डॉक्टर ज्यादा से ज्यादा दवाइयां मेडिकल स्टोर की लिखकर देता है. आज एक डॉक्टर के दवाखाने से एक मेडिकल स्टोर चलता है. 

       पट्रोल मे मिलावट आम बात बन गयी है. मिलावट की बात तो दूर, पेट्रोल कम देनेकी, अनेको शिकायत दर्ज होते रहती है. फ़िरभी कुछ लोग मीटर तक नहीं देखते है. 

  तेलो मे, मूंगफली का तेल , सरसो का तेल , खोबरेल मे मिलावट, पाम तेल , सनफ्लॉवर तेल मे भी मिलावट पायी जाती है ! सूत्रों की माने तो तेल की मिल मे ही, तेलोमे मिलावट की जाती है, ये बात खुदरा व्यापारी ओके भी समज से बहार होती है. 

      उपभोक्ता को पैसे का भुकतान करने के बाद भी बाजार मे असली चीजे मिलना महा मुश्किल हो गया है. मिलावट करने वाले के खिलाफ ” मानव वध ” का गुन्हा दाखिल किया जाना चाहिए. ताकि ऐसा करनेके लिए गुनहगार दस बार सोचेगा. 

       कुछ साल पहले दहिसर ( WR ) स्थित एक कंपनी कैप्सूल मे सिर्फ हल्दी भरकर कैप्सूल बनाकर बेचती थी. मगर किसीको पताही नहीं चलता था की कैप्सूल मे हल्दी भरी हुई है, मगर आखिरकार पकड़ा गये. हमारे देश मे ऐसा है की रिश्वत लेके पकड़ा गया तो रिश्वत देकर छूट जाओ ! 

     बाजार मे उपलब्ध अनेक प्रकारकी एलोपेथी की गोलिया, सिरप मौजूद है मगर इसके बारेमे असली नकली कोई नहीं समझ पाता है इसीलिए कई लोग आयुर्वेद की काष्ट औषधि की ओर लोग आकर्षित हो रहे है. 

        प्रभु श्री लक्मण जी मूर्छित हुए थे तब श्री हनुमानजी ने संजीवनी लाकर जान बचाई थी. ऐसी ही जड़ी बुट्टी औषधि का भंडार आयुर्वेद है. आयुर्वेद जड़ मूल से बीमारी को निकालता है, मगर इसमे समय लगता है. मगर अलोपथी तुरंत राहत देता है मगर दोबारा बीमारी वापिस होनेका डर रहता है. 

       भारत देश की जनसंख्या भय जनक तरीकेसे बढ़ रही है, मांग के प्रमाण मे पुरवठा नहीं हो पा रहा हे उसीका फायदा मिलावटखोर ले रहे है. इसका एकमात्र उपाय उपभोक्ता द्वारा इसका कड़ा विरोध हो. सरकारी यंत्रणा कड़क कार्यवाही करें तो इसका हल हो सकता है. 

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                   शिव सर्जन

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