आप लोग मुंबई के महालक्ष्मी स्टेशन तो कई बार गये होंगे मगर क्या आपको पता है कि इस रेलवे स्टेशन के पास मे स्थित धोबी घाट है जो विश्व की सबसे बड़ी खुले आसमान के नीचे बनी लॉन्ड्री है. इसे 1890 के समय में तत्कालीन ब्रिटिश शासन के दौरान इस धोबी घाट का निर्माण किया गया था.
इस घाट पर हर दिन 1 लाख से ज्यादा कपड़े धुले जाते हैं. और धोबियों का प्रतिनिधित्व करने वाली सर्वोच्च संस्था धोबी कल्याण एवं औद्योगिक विकास कोऑपरेटिव सोसायटी के अनुसार महालक्ष्मी धोबीघाट का एक साल का टर्नओवर करीब 100 करोड़ रुपये बताया जाता है.
हर रोज 7000 से अधिक लोग इस घाट पर कपड़े धोने का काम करते हैं. और रोज एक लाख (100,000) से अधिक कपड़े धोए जाते हैं. तथा कपडे पर रंग और ब्लीचिंग किया जाता है. फिर रस्सियों पर कपड़ों को सुखाये जाते हैं. फिर प्रेस करके शहर के अलग अलग भागोंमें में पहुंचाये जाते हैं.
अब तो यहां के कुछ अमीर धोबियों ने हाथ से कपड़े धुलने के बजाय कपड़े धुलने और सुखाने के लिए बड़ी-बड़ी मशीनें लगवा ली हैं. आधुनिक युग मे कई घरोंमे वॉशिंग मशीने आ चुकी हैं, तथा बडी होटेल और हॉस्पिटल्स में अपनी निजी लॉन्ड्रीज बन गई हैं. फिर भी इसका कोई असर इस धोबीघाट के बिजनस पर नहीं पडा हैं.
जहां लॉन्ड्रीज एक पैंट या शर्ट को धुलने के लिए 50 रुपए लेती हैं वहीं इस धोबीघाट पर सिर्फ 5 रुपए लिए जाते हैं. यहां पर साड़ियां भी बड़ी मात्रा में आती हैं. एक साड़ी के लिए 4 से 5 रुपए लिया जाता है. इसके अलावा ये लोग अगले दिन डिलिवरी की गारंटी का वादा भी निभाते हैं.
इस धोबी घाट ने सन 2011 में एक ही स्थान पर 496 लोग हाथ धोने वाले कपड़े के तहत गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में भी नाम दर्ज किया हुआ है. मुंबई का यह धोबी घाट विदेशी टूरिस्ट्स के लिए पर्यटन स्थल है. यहां हर दिन बड़ी संख्या में विदेशी पर्यटक आते हैं और दिन भर घूमते दिखाई देते हैं. मुंबई के धोबी घाट से प्रेरित होकर अंग्रेजों ने सन 1992 में कोलकाता में भी धोबी घाट का निर्माण किया था.
ये दुनिया का सबसे बड़ा आउट डोर लॉन्ड्री हैं, जो विदेशी पर्यटकों के बीच एक बहुत लोकप्रिय आकर्षण है.
इसे महालक्ष्मी स्टेशन के फ्लाईओवर ब्रिज से आसानी से देखा जा सकता है.
अब तो कुछ धनी धोबियों ने हाथ से सफाई करना छोड़ दिया है और बड़ी यांत्रिक वाशिंग और सुखाने की मशीनें स्थापित की हैं. धोबी शहर के कोलाबा से लेकर विरार तक कपड़े इकट्ठा करते हैं. उनके ग्राहकों मे अस्पताल, लॉन्ड्री, गारमेंट डीलर, वेडिंग डेकोरेटर और कैटरर्स और मध्यम आकार के होटल और क्लब हैं.
मुंबई का ये धोबी घाट दिन में करीब 18 से 20 घंटे काम करता है.इनमे कुछ धोबी परिवार सुबह 4 बजे शुरू हो जाते हैं, और कई अन्य रात 10 बजे तक काम करते हैं. आपको इस धोबी घाट में प्रवेश करने या तो फोटोग्राफी करने के लिए कोई शुल्क नहीं देना होता हैं. पर आप धोबी घाट के बाहरी हिस्से से एक स्थानीय गाइड का आप भुगतान करके मार्गदर्शन ले सकते हैं.
मुंबई के इस धोबीघाट मे मुन्ना भाई एम.बी.बी.एस, शूटआउट एट वडाला और धोबी घाट (उर्फ मुंबई डायज) जैसे कई हिंदी और मराठी फिल्मों की शूटिंग हुई है.
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