1. एक शुरुआती पारिवारिक रहस्य
11 मई 2025 को इंदौर में सोनम और राजा की शादी हुई। विवाह के ठीक 9 दिन बाद, 20 मई को दोनों मेघालय के हनीमून पर रवाना हुए। हालांकि कई संदेह पहले से मौजूद थे—उसमें सोनम का कथित प्रेम‑संबंध और उसकी नापसंद शादी शामिल थी—लेकिन पूरे द्वीप पर एक सुखद शुरुआत का आभास था।
2. तीन फेल प्रयास: हत्या की योजना बनना
– पुलिस ने खुलासा किया कि सोनम और उसके कथित प्रेमी राज कुशवाहा ने फरवरी से ही हत्या की योजना बनाना शुरू कर दिया था। शादी की डेट से 11 दिन पहले ही प्लान तैयार हो चुका था।
– पहले तीन प्रयास—गुवाहाटी में, शिलॉन्ग–चेरापूँजी मार्ग में और नोङ्रीयाट ट्रेकिंग लोकेशन में—नाकाम रहे। हर बार मूल मकसद था: राजा को अलग तरीके से मार कर सोनम की हत्या या गायब होने का ड्रामा रच दिया जाए।
3. मोर्शिक मोड़: चौथा प्रयास निर्णायक
23 मई की दोपहर, वे सभी वीसाधिकारी फॉल्स (Wei Sawdong Falls) गए। इस अंतिम प्रयास में तीन व्यक्तियों—विशाल चौहान, आकाश राजपूत और आनंद कुर्मी—और सोनम‑राज की मौजूदगी में मछली की तरह राजा पर हमला किया गया। उसे गले में वार किया गया और गहरी खाई में फेंक दिया गया।
4. मास्टरमाइंड का खुलासा: सोनम की भूमिका
– शुरुआती जांच में लगता था कि राज कुशवाहा ही सर्व-आधारभूत गुनहगार है, लेकिन पुलिस अब मान रही है कि सोनम वास्तविक नियोजक थी। वह राज को नियंत्रित कर रही थी ताकि वह उसका साथ दे सके।
– हत्या स्थल पर छोड़ी गई सोनम की बारिश की कोट ने जांच को नई दिशा दी और पुलिस को यह समझ आने लगी कि वह इस घटना में न केवल शामिल थी बल्कि इसका केंद्र भी थी।
5. तीसरी पीढ़ी का नाम: वह तीसरा व्यक्ति
– केस में हाल ही में तीसरे व्यक्ति की गुत्थी खुली, जिसके साथ सोनम हत्या के बाद भागना चाहती थी। उसके इंदौर में फ़्लैट किराए पर लिया गया और उस हिसाब से वह नक्शे से गायब हो रही थी। पुलिस ने तीन मोबाइल फोन और डिजिटल ट्रेल हटाने की कोशिशों के प्रमाण बरामद किए।
– फ्लैट, राशन स्टॉक (₹5,000), नकली पहचान—इन सब से लगता है कि सोनम की योजना हत्या के बाद चली जाने की थी, लेकिन नहीं पता था कि वह कहाँ जाएगा।
6. फर्लरी का निरंतर चलना: भागने का नाटक
– हत्या के बाद सोनम की फ़रार योजना धीरे-धीरे विफल हुई। 2 जून को राजा का शव मिला। 9 जून को सोनम उत्तर प्रदेश के गाजीपुर/गढ़ागपुर में एक ढाबे पर सरेंडर कर दी थी। उसने पहले दावा किया कि उसे कहीं अगवा करके लाया गया, लेकिन पुलिस ने सभी झूठ स्पष्ट कर दिए।
7. गवाहों की जुबान: बस में मिली सोनम
– एक स्थानीय लड़की उज्जला यादव ने बताया कि सोनम पकाशी स्थल (उत्तर प्रदेश) की बस यात्रा में मिली। उसने फोन माँगा, उसे छुपाया, संदेहास्पद व्यवहार किया और अपनी उपस्थिति छिपाई। उज्जला ने अपनी पहचान बताकर सोनम की लोकेशन पुलिस को ट्रेस करने में मदद की।
8. परिवार की टिप्पणियाँ: सहयोग या दूरी
– राज कुशवाहा के परिवार ने धर्मनिरपेक्ष सफाई दी—उनका दावा है कि उनका परिवार प्रेम‑संबंध जैसा नहीं था। उनका कहना है कि उन्हें फंसाया गया है।
– सोनम का भाई गोविंद रघुवंशी ने परिवार से दूरी बना ली और कहा, “मैं 100% यकीन से मानता हूँ कि सोनम ने ही किया।”
9. नेरो/नार्को‑विश्लेषण की मांग
– राजा के परिवार ने नेरो‑विश्लेषण (narco‑test) की मांग की है ताकि सोनम और अन्य संदिग्धों की कथित झूठी दलीलों की कोई परत उकेरी जा सके। पुलिस भी इस प्रॉसेस को विचाराधीन रख रही है।
10. न्याय प्रक्रिया की ओर कदम
– पुलिस ने चार्जशीट जारी करने की तैयारी शुरू कर दी है—इसके अंतर्गत सीसीटीवी फुटेज, फोन रिकॉर्ड्स, फॉरेंसिक रिपोर्ट, गवाह बयान, और डिजिटल ट्रेल शामिल हैं।
– कोर्ट में सुनवाई और अगली कार्यवाही में नेरो‑टेस्ट समेत इन्फरेंसेंस जारी रहेगा।
🔍 विश्लेषणात्मक निष्कर्ष
पहलु | विश्लेषण |
भावनात्मक कोलाहल | पति–पत्नी संबंध में गहरे विद्रोह और कटुता का पता चलता है—जहां प्रेम के बदले हत्या का निवाला तैयार किया गया। |
खौफनाक योजना | हत्या को एक ‘यात्रा की घटना’ बनाकर पेश किया गया—पर डिजिटल और फॉरेंसिक डाटा ने साजिश का नक्शा पूरा किया। |
तीसरे व्यक्ति की भूमिका | उसका अस्तित्व और इरादा अंतत: कहानी को एक नए स्तर पर ले गया—जहां हत्या के बाद भागने की ठोस रणनीति शामिल थी। |
नीति-औपनिवेशिक साजिश | राजा, सोनम, राज‑तीन अपरिचित—एक जाल जिसमें इमोज़न ठोस रणनीति से मिलाई गई थी। |
🧭 आगे की राह
– नेरो‑टेस्ट और अपराध-शेष तकनीकें मामले में दिशा बदल सकती हैं।
– अदालत में सबूत और गवाह बैक‑टू‑बैक सम्मिलित होंगे।
– तीसरे व्यक्ति की पहचान और भूमिका पर भी गहराई से जांच होगी।
🧾 निष्कर्ष
यह केस सिर्फ अपराध नहीं बल्कि योजनाओं के एक जाल की कहानी है जहाँ प्यार और विश्वास घात में बदल गया, और डिजिटल क्राइम‑ट्रेल ने झूठ का भण्डाफोड़ किया। सोनम, राज और राजा—तीनों भूमिका निभाते हैं, लेकिन न्याय सभी घटकों का इंतज़ार कर रहा है।
इस मामले में सिर्फ एक व्यक्ति की हत्या नहीं हुई, बल्कि भारत पुलिस और कानून‑व्यवस्था की जांच‑ प्रणाली को टटोल कर उसकी क्षमता पर सवाल खड़े हुए हैं। सोनम और उसकी योजनाएँ न्यायपालिका की कसौटी पर हैं—और यह सुनिश्चित करना होगा कि समय रहते सत्य, न्याय के पत्तों से झांकता रहे।