” झुक, झुक, झुक, झुक अगिनगाडी , धुरांचा रेघा हवेत काढ़ी , पळती झाडे पाहूया , मामाच्या गावाला जाऊ या. ” ये मराठी बाल गीत बचपन मे सुना था. आज भी बच्चों मे उतना ही लोकप्रिय है. दरअसल ये गाड़ी निर्धारित जगह रूकती है , उसे स्टेशन कहा जाता है. वैसे कुछ लोग स्टेशन को हिंदी भाषा मे ” लोहपत गामिनी विराम बिंदु ” कहते है.
आज मुजे रेल्वे स्टेशनो के “जंक्शन “, ” टर्मिनस “, और ” सेंट्रल ” के बारेमे बात करनी है.
भारतीय रेलवे नेटवर्क दुनिया में चौथे नंबर पर आता है. अमेरिका, रशिया और चाइना के बाद भारत में ही पटरियों का इतना लंबा जाल बिछा हुआ है. रेलवे मंत्रालय के तहत भारत सरकार द्वारा संचालित भारतीय रेलवे एशिया खंड का सबसे बड़ा रेल नेटवर्क और विश्व का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है. जो हमारे लिये गौरव की बात है.
भारत में कुल करीब 8000 रेलवे स्टेशन है. भारत मे रेल्वे पटरी करीब 92081 किलोमीटर मे फैली है, जो की 67415 किलोमीटर की दुरी को कवर करती है.
रेल यात्रा हमारे जीवन का अभिन्न अंग बन चूका है. हवाई जहाज के बाद यहीं एक ऐसा सफर का साधन है जो शीघ्र हमारे गंतव्य स्थान तक पहुंचाता है.
जो यात्री वारंवार रेल यात्रा करता है उसे पता होगा कि,
रेलवे स्टेशन पर जगह के नाम के बाद जंक्शन, टर्मिनस/टर्मिनल या सेंट्रल लिखा होता है. आपने कभी जानने की कोशिश की है कि इनके बीच क्या अंतर होता है ?
रेलवे स्टेशन को मूल रूप से तीन भागों में बांटा गया है: टर्मिनस/टर्मिनल, सेंट्रल, जंक्शन और सिर्फ स्टेशन.
( 1 ) टर्मिनस/टर्मिनल :
ट्रैक के समाप्त होने पर एक स्टेशन को टर्मिनस या टर्मिनल कहा जाता है. ये वो स्टेशन होता है जहां से ट्रेन आगे नहीं जाती है यानी ट्रेन केवल एक ही दिशा में प्रवेश कर सकती है. इसे ऐसे भी समझा जा सकता है कि जिस दिशा से ट्रेन टर्मिनल स्टेशन पर पहुंचती है और दूसरी जगह जाने के लिए उसे उसी दिशा में वापिस आकर फिर से गुजरना पड़ता है.
देश में फिलहाल 27 टर्मिनल रेलवे स्टेशन हैं. छत्रपति शिवाजी टर्मिनल और लोकमान्य तिलक टर्मिनल देश के सबसे बड़े टर्मिनल स्टेशन हैं. इसके अलावा बांद्रा टर्मिनस, हावड़ा टर्मिनस, भावनगर टर्मिनल, कोचीन हार्बर टर्मिनस इत्यादि टर्मिनल स्टेशन हैं.
( 2 ) जंक्शन :
जंक्शन वो स्टेशन होता है जहां आने या जाने के कम से कम तीन रूट हो. आसान शब्दों में कहा जाए तो उस स्टेशन पर ट्रेन तीन अलग जगहों से आ सकती है और तीन अलग दिशाओं में जा सकती है.
तीन से ज़्यादा ट्रैकों का संगम कराने वाले ऐसे स्टेशन को जंक्शन कहा जाता है. भारत में 300 से ज़्यादा जंक्शन हैं. जिनमें सबसे ज़्यादा रूट्स वाला जंक्शन मथुरा का है. यहां से सात रूट निकलते हैं. सेलम जंक्शन से छः और विजयवाड़ा से पांच रूट निकलते हैं.
( 3 ) सेंट्रल :
सेंट्रल के नाम से पहचाने जाता स्टेशन उस शहर का सबसे महत्वपूर्ण स्टेशन होता है. जो कि उस शहर का सबसे पुराना स्टेशन भी होता है. हालांकि वो सबसे पुराना हो ही, ये ज़रूरी नहीं. किसी भी शहर का सेंट्रल स्टेशन सबसे ज़्यादा व्यस्त होता है. यहां गाड़ियों की आवाज़ाही अन्य बाकी स्टेशनों के मुकाबले ज़्यादा रहती है. ये भी ज़रूरी नहीं कि किसी शहर में एक से ज़्यादा स्टेशन होने पर वहां कोई सेंट्रल स्टेशन भी हो ही. भारत की राजधानी दिल्ली का कोई सेंट्रल स्टेशन नहीं है. भारत में कुल 5 सेन्ट्रल स्टेशन हैं: त्रिवेंद्रम सेंट्रल, कानपूर सेंट्रल, मैंगलोर सेंट्रल, मुंबई सेंट्रल और चेन्नई सेंट्रल.
( 4 ) स्टेशन :
स्टेशन उस जगह को कहते है जहाँ ट्रेन आने जाने वाले यात्रियों को मुकाम तक पहुंचाने के लिये रूकती है. भारत में कुल आठ हजार रेल्वे स्टेशन है.
यहां पर उल्लेखनीय है की भारतीय रेल भारत सरकार नियंत्रित सार्वजनिक रेल्वे सेवा है जो रोजाना 231 लाख यात्रियों और 33 लाख टन माल का वहन करती है.
भारतीय रेलवे में 12147 लोकोमोटिव, 74003 यात्री कोच और 289185 वैगन हैं और 8702८ यात्री ट्रेनों के साथ प्रतिदिन कुल 13523 ट्रेनें चलती हैं. भारतीय रेलवे में 300 रेलवे यार्ड, 2300 माल ढुलाई और 700 मरम्मत केंद्र सामिल हैं. यह दुनिया की चौथी सबसे बड़ी रेलवे सेवा है.12.27 लाख कर्मचारियों के साथ, भारतीय रेलवे दुनिया की आठवीं सबसे बड़ी व्यावसायिक इकाई है. रेलवे विभाग की देखरेख रेलवे विभाग के कैबिनेट मंत्री द्वारा की जाती है और रेलवे विभाग की योजना रेलवे बोर्ड द्वारा बनाई जाती है.
—–===शिवसर्जन प्रस्तुति ===—–