लोग नींबू मिरची क्यों बांधते है ? 

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आपने प्रायः देखा होगा कि कई लोग अपने घर, दुकान और प्रतिष्ठान के दरवाजे के बाहर निम्बू मिरची बांधते है. कई लोग इसे अंधश्रद्धा मानते है तो कई लोग इसे दरिद्रता को भगाने का अक्सीर इलाज मानते है तो कई लोग इसे बुरी नजर से बचने का कारगर उपाय मानते है.

             हमारे भारत देश मे ये परंपरा सदियों से चली आ रही है. लोग मंगलवार या शनिवार के दिन पुराना निम्बू को बदलकर कर नया निम्बू बांधते है. इसमे एक निम्बू और सात मिरची का उपयोग किया जाता है. 

      ये बाजार मे रेडी बना हुआ आसानी से मील जाता है. इसकी बनावट अलग अलग तरीके से की जाती है. (1) कोई प्रथम निम्बू को धागे से पिरोकर है. फिर सात मिर्ची को एक एक करके निम्बू के उपर पिरोते है. (2) कोई इसे प्रथम चार मिरची पिरोते है, फिर उपर निम्बू को पिरोते है. (3) कोई लोग प्रथम निचे कोयले का छोटा टुकड़ा बांधते है और उसके उपर निम्बू फिर सात मिरची पिरोकर उपर बांधने के लिए धागा खुल्ला छोड़ देते है. ताकि उसे उपर बाँध सके. 

       लिंबू मिर्ची बांधने की प्रथा कब से शुरु हुई उसका कोई पुख्ता प्रमाण मौजूद नहीं है, मगर यह रीति प्राचीन काल से चली आ रही है. लोग घर की सुख शांति, बुरी नजर से बचने के लिए, अच्छा स्वास्थय तथा धंदा रोजगार, ऑफिस और दुकान की बढ़ोतरी के लिए लिंबू मिरची बांधते है. आठ दिन के बाद उसे निकालकर रास्ते पर फेंक देते है. और नया लिंबू मिरची बांधते है. 

       फेका हुआ नीबू यदि सड़क पर दिख जाए तो उस पर कभी पैर नहीं रखना चाहिए क्योंकि नकारात्मक नजर का प्रभाव आपके जीवन पर पड़ सकता है. आपके बने बनाए कार्य बिगड़ सकते हैं, आपके शुभ कार्यों में बाधाएं आने लग सकती हैं. तथा नकारात्मक ऊर्जा आपके बने बनाया जीवन को प्रभावित कर सकती है. ऐसी अंधश्रद्धा अनेक लोगोंमे फैली हुई है.

         नींबू मिरची बांधना एक अंध श्रद्धा है, मगर आजकल पढ़े लिखें लोग भी लिंबू बांधनेसे परहेज नहीं करते. जानते है लोग लिंबू मिरची का लोग कैसे टोटका करते है. 

(1) अपनी सुषुप्त हुई किस्मत को जगाने के कई लोग नींबू को अपने सिर से सात बार वार कर उसके दो टुकड़े करते है. 

इसके बाद बाएं हाथ का टुकड़ा दाईं तरफ और दाएं हाथ का टुकड़ा बाईं तरफ फेंक देते है. ताकि बिगड़ा काम फिरसे बनने लगे. 

(2) कई लोग नौकरी के लिए इंटरव्यू में सफलता प्राप्त करने के लिए एक नींबू के ऊपर चार लौंग को गाढ़ देते है. बादमे 

 ” ओम श्री हनुमते नम: ” मंत्र का 108 बार जप करके नींबू को अपने साथ लेकर जाते है ताकि उसको कामयाबी मिले. 

(3) किसीको बुरी नजर का साया पड़ने पर पीड़त व्यक्ति के ऊपर से सिर से पैर तक सात बार नींबू वार लेते है. बादमे उस नींबू के चार टुकड़े करके कहीं सूनसान जगह पर फेंक आते है. यह टोटका गुप्त रखा जाता है और जाते समय पीछे मुड़कर नहीं देखते है. 

(4) नौकरी या रोजगार ना मिलने पर कई लोग एक अच्छा 

दाग रहित नीबूं लेकर चौराहे पर बारह बजे से पहले जाकर उसके चार हिस्से करके चारों दिशाओं में दूर-दूर फेंक देते है ताकि बेरोजगारी की समस्या समाप्त हो जाये. 

(5) किसी का रोजगार ठीक से ना चल रहा हो तो शनिवार के दिन एक नींबू लेकर उसे दुकान या ऑफिस की चार दीवारों पर स्पर्श करते है, और इसके बाद नींबू के चार टुकड़े करके चारों दिशाओं में फेंक देंते है. ऐसा करने से धीरे-धीरे आपके काम-धंधे में बरकत होने लगती है. 

(6) कई लोगोंका मानना है कि अगर घर में कोई व्यक्ति या बच्चा बीमार है और काफी दवाईयां लेने के बाद भी अच्छा नहीं हो रहा है तो शनिवार को एक नींबू लेकर रोगी के सिर से 7 बार उल्टा घुमाएं.फिर एक चाकू सिर से पैर तक धीरे-धीरे स्पर्श करते हुए नींबू को बीच से काट दें. दोनों टुकड़े दो दिशा में संध्या समय फैंक दें. यह टोटका किसी जानकार से पूछकर करना जरुरी है. ताकि सफल हो. 

(7) आप किसी साया या बीमारी से पीड़ित है , तो तीन पके हुए नींबू लेकर एक को नीला एक को काला तथा तीसरे को लाल रंग कि स्याही से रंग दे. अब तीनों नीबुओं पर एक एक साबुत लौंग गांड दें. इसके बाद तीन मोटी चूर के लड्डू लेकर तथा तीन लाल पीले फूल लेकर एक रुमाल में बांध दें. अब प्रभावित व्यक्ति के ऊपर से सात बार उबार कर बहते जल में प्रवाहित कर दें. ये किसी जानकार के मार्गदर्शन मे करें. 

           ज्योतिष शास्त्रीओ के अनुसार लक्ष्मी और दरिद्रा की अलक्ष्मी दोनों धरती उपर भ्रमण करते रहती है. लक्ष्मी जी को मीठा पसंद आता है. और अलक्ष्मी को तीखा और खट्टा अति पसंद होता है. इसीलिए दरिद्रता अपनी मनपसंत चीज दरवाजे पर पाते ही संतुस्ट होकर बाहर से चली जाती है. 

       भारत में गृहणी को गृहलक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है. माना जाता है कि उनके मीठा खाने से घर में धन, संपत्ति का भंडार बढ़ता है, इसीलिए गृह लक्ष्मी को मिष्ठान खिलानेसे घर मे सुख शांति तथा धन धान्य की बढ़ोतरी होती है. और कलह दूर भाग जाता है. 

        वहीं उनको तीखा, खट्टा खाने को मना किया जाता है. महालक्ष्मी मीठी चीज से प्रभावित होकर घर मे रुक जाती है और धन धान्य से भरपूर कर देती है 

       नींबू मिरची के पीछे एक ऐसी मान्यता है नींबू मे सायट्रिक एसिड होता है. मिरची की तीखी महक के कारण हवा मे स्थित सूक्ष्म बैक्टेरिया को मार देता है. 

        मान्यता है कि नींबू का खट्टा और मिर्च का तीखा स्वाद बुरी नजर वाले व्यक्ति की एकाग्रता भंग कर देता है. जिससे वह अधिक समय पर घर या दुकान को नहीं देख पाता है.

            जहाँपर नींबू का पेड़ होता है वहां किसी भी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा सक्रीय नहीं हो पाती नींबू के वृक्ष के आसपास का वातावरण शुद्ध और सकारात्मक ऊर्जा युक्त रहता है. नींबू का पेड़ घर के वास्तुदोष को दूर कर देता है.

      अगर उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में नीबू की जड़ लाकर उसे गाय के दूध में मिलाकर निःसंतान स्त्री को पिलाया जाय तो उसे पुत्र की प्राप्ति होती है. 

         ऐसी कई विविध मान्यता और गहरी आस्था के कारण ही अधिकांश लोग नींबू और हरी मिर्च से बना नजरबट्टू घर, प्रतिष्ठान या दुकानों के बाहर बांधकर रखते है. 

विशेष टिप्पणी : 

           यह लेख मान्यता के आधार पर सिर्फ जानकारी के लिए लिखा गया है. जरुरी नहीं की लेखक इससे सहमत हो.     

 ——=== शिवसर्जन ===—–

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