आप लोग दोपहिया, तिपहिया, चौपहिया वाहनों को सडकों पर दौड़ते देखते होंगे, मगर क्या आपको पता है ?
वाहनों में 7 रंग की नंबर प्लेट होती है.
खास करके वाहनों मे सफेद रंग की नंबर प्लेट ज्यादा दिखाई देती है. मगर क्या आपको पता है अलग-अलग रंग की नंबर प्लेट का अलग-अलग मतलब होता है ?
आइये जानते है हर रंग की नंबर प्लेट्स का मतलब क्या होता है. देश मे
वाहनों में नंबर प्लेट सात रंग की होती हैं. इसीकी हम आज चर्चा करेंगे.
(1) सफेद रंग की नंबर प्लेट :
प्रथम सफेद रंग की नंबर प्लेट की हम लोग बात करते हैं. यह रंग की प्लेट आम गाड़ियों का प्रतीक होती है. इस वाहन का व्यावसायिक उपयोग नहीं किया जाता है. इस प्लेट के ऊपर काले रंग से नंबर लिखे होते हैं. वैसे हमकों सफेद रंग देखकर आसानी से अंदाजा लग जाता हैं कि यह निजी गाड़ी है.
सफेद रंग की नंबर प्लेट पर काले रंग से नंबर लिखे होते हैं वो पर्सलन गाड़ी होती है और इनका इस्तेमाल व्यवसाय के लिए नहीं कर सकते.
(2) पीले रंग की नंबर प्लेट :
पीले रंग की नंबर प्लेट पर काले रंग से नंबर लिखा हो तो ऐसी गाड़ी का इस्तेमाल केवल व्यावसायिक काम के लिए होता है. इस प्रकार के रंग की नंबर प्लेट आपने ट्रक/ टैक्सी इत्यादि में देखी होगी ( जैसे उबर,ओला कैब या तो ट्रक और बसें ).
इस प्रकार की पिले रंग की नंबर प्लेट की गाड़ी चलाने के लिए आपके पास व्यावसायिक ड्राइविंग लाइसेंस का होना अनिवार्य है. अर्थपीली प्लेट आमतौर पर उन ट्रकों या टैक्सी में लगी होती हैं जिनका आप व्यवसाय के लिए उपयोग करते हैं. इस प्लेट के अंदर भी नंबर काले रंग से लिखे होते हैं.
(3) नीले रंग की नंबर प्लेट :
नीले रंग की नंबर प्लेट एक ऐसे वाहन को मिलती है जिसका इस्तेमाल विदेशी प्रतिनिधियों द्वारा किया जाता है. इनकी गाड़ियों मे काले रंग की जगह सफ़ेद रंग से नंबर लिखा जाता है.
इनके प्लेट पर “प्रदेश” के कोड की जगह जिस देश की ये गाड़ियां होती हैं उस देश के कोड को लिखा जाता है. इस प्रकार की प्लेटों का प्रयोग विदेशी दूतावासों या विदेशी राजनयिकों द्वारा किया जाता है.
इस रंग की नंबर प्लेट वाली गाड़ी आपको दिल्ली जैसे शहरों में आसानी से देखने को लिए मिल सकती हैं. नीली प्लेट यह बताती है कि यह गाड़ी विदेशी दूतावास की है या फिर यूएन मिशन के लिए है. नीले रंग की इस प्लेट पर सफेद रंग से नंबर लिखे होते हैं.
(4) काले रंग की नंबर प्लेट :
जिन कारों में काले रंग की नंबर प्लेट होती है और उस पर पीले रंग से नंबर लिखा गया हो , तो इस प्रकार के वाहनों का मालिक एक आम इंसान ही होता है. लेकिन इन गाड़ियों का प्रयोग कमर्शियल उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है. इस प्रकार का वाहन चलाने के लिए ड्राईवर के पास व्यावसायिक ड्राइविंग लाइसेंस होना जरूरी नहीं है.
काली प्लेट काले रंग की प्लेट वाली गाड़ियां भी आमतौर पर व्यावसायिक वाहन ही होती हैं, लेकिन ये किसी खास व्यक्ति के लिए होती हैं. इस प्रकार की गाड़ियां किसी भी बड़े होटल में खड़ी मिल जाएंगी. ऐसी कारों में काले रंग की नंबर प्लेट होती है और उसपर पीले रंग से नंबर लिखा होता है.
(5) तीर (arrow) वाली नंबर प्लेट:
किसी भी अन्य परवाना नंबर प्लेट के विपरीत सैन्य वाहनों के लिए एक अलग ही तरह की नंबरिंग प्रणाली का इस्तेमाल किया जाता है.
इन सैन्य वाहनों के नंबर को रक्षा मंत्रालय, नई दिल्ली के द्वारा आवंटित किया जाता है. ऐसी गाड़ियों की नंबर प्लेट में नंबर के पहले या तीसरे अंक के स्थान पर ऊपरी ओर इशारा करते हुए तीर का निशान होता है, जिसे ब्रॉड एरो कहा जाता है.
ब्रिटिश कॉमनवेल्थ के कई हिस्सों में इसका इस्तेमाल किया जाता है.तीर के बाद के पहले दो अंक उस वर्ष को दिखाते हैं जिसमें सेना ने उस वाहन को खरीदा था. यह नम्बर 11 अंकों का होता है.
(6) लाल प्लेट की नंबर प्लेट :
यदि किसी गाड़ी में लाल रंग की नंबर प्लेट होती है तो वह गाड़ी भारत के राष्ट्रपति या फिर किसी राज्य के राज्यपाल की होती है. ये लोग बिना लाइसेंस की ऑफिशियल गाड़ियों का उपयोग करते हैं.
इस प्लेट में गोल्डन रंग से नंबर को लिखे होते हैं और इन गाड़ियों में लाल रंग की नंबर प्लेट पर अशोक की लाट का चिन्ह बना हुआ होता है.
इस प्रकार की गाड़ियों में लाइसेंस संख्या की जगह “भारत सरकार के
” प्रतीक ” (Emblem of India) का इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन ध्यान देने वाली बात यह है कि प्रधानमंत्री की कार की नंबर प्लेट सफेद रंग की ही होती है.
(7) हरा रंग की नंबर प्लेट :
सड़क मंत्रालय ने इलेक्ट्रिक परिवहन वाहनों के लिए नंबर प्लेट का हरा रंग निर्धारित कर दिया है. प्लेट की
पृष्ठभूमि हरा रंग की होती है. और इस पर वाहन की श्रेणी के अनुसार पीले अथवा सफेद रंग से नंबर दर्ज होते है.
यानी निजी वाहन में अब सफेद रंग के नंबर के साथ हरे रंग की पृष्ठभूमि और कमर्शियल इलेक्ट्रिक वाहनो में पीले रंग का नंबर और हरे रंग की पृष्ठभूमि होती है. यह विशेष रूप से 0 उत्सर्जन वाले इलेक्ट्रॉनिक वाहनों के लिए होती है.