सोना, तांबा, सीसा और लोहे के साथ खोजे गए पहले पांच तत्वों में से एक चांदी था और कई देश 1500 के दशक से चांदी का खनन कर रहे हैं. चांदी तांबे की तुलना में एक बेहतर विद्युत कंडक्टर है, लेकिन इसकी उची लागत इसे विद्युत तारों के लिए कम आकर्षित करती है.
चाँदी के पर्याय शब्द :
(1) रजत, (2) सौध, (3) रूपा (4) रूपक, (5) महाशुभ्र, (6) चन्द्रहास (7) रौप्य, (8) रंगवीज, (9) प्रजादान, (10) खर्जूर, (11) कलधौत, (12) जातरूप आदि है. चांदी का रासायनिक सूत्र Ag. है.
ज्यादातर चांदी तांबे या सीसे के अयस्कों से निकाली जाती है. आपको बता दु कि दुनिया में नंबर एक चांदी उत्पादक देश मेक्सिको है. मेक्सिको की चांदी की खदानों ने सन 2022 में लगभग 6,300 मीट्रिक टन चांदी का उत्पादन किया, जिससे मेक्सिको दुनिया का सबसे बड़ा चांदी उत्पादक बन गया. उस वर्ष चीन और पेरू क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे.
उदयपुर राजस्थान में ज़ावर की खदानें भारत में सबसे बड़ी चांदी की खदान है. यह हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड द्वारा संचालित है. झारखंड के धनबाद जिले में टुंडू लीड स्मेल्टर एक अन्य उत्पादक है. यह भी हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड द्वारा संचालित है.
चांदी का उपयोग सिक्के बनाने, गहने, संगीत वाद्ययंत्र, दंत चिकित्सा, श्रृंगार, फोटोग्राफी, और बहुत कुछ में किया जाता है. वर्तमान में मांग के हिसाब से सोने की तुलना में चांदी की कीमत कम है.
चाँदी चमकदार धात्विक चमक वाली एक कठोर धातु है. यह बहुत लचीला है. लचीलापन धातु का एक गुण है, जिसमें धातु को खींचकर तार बनाया जा सकता है. आघातवर्ध्यता का अर्थ है कि धातु को हथौड़े से ठोककर सपाट चादरें बनाई जा सकती हैं.
सभी धातुओं में से, चांदी में सबसे अधिक विद्युत और तापीय चालकता होती है. चाँदी एक अत्यंत चमकदार धातु है जो समस्त दृश्य प्रकाश का 95% परावर्तित कर देती है. चाँदी के उच्च परावर्तक गुण के कारण कई दर्पणों पर चाँदी का लेप लगाया जाता है. इसके अतिरिक्त, इसका उपयोग सौर पैनलों, दूरबीनों और सूक्ष्मदर्शी में भी किया जाता है.
पहले चांदी का उपयोग सिक्के बनाने के लिए किया जाता था. प्राचीन काल से ही चांदी का उपयोग मुद्रा के रूप में किया जाता रहा है. इसकी ऊंची कीमत के कारण, चांदी का उपयोग अब सिक्के बनाने के लिए नहीं किया जाता.
भारत दुनिया में चांदी का सबसे बड़ा उपभोक्ता है और एक वर्ष में विश्व भर में उत्पादित कुल चांदी का एक तिहाई तक उपभोग करता है. चांदी की सबसे बड़ी मांग वास्तव में औद्योगिक क्षेत्रों द्वारा उत्पन्न होती है जहां चांदी का उपयोग सौर ऊर्जा इकाइयों, रसायनों और यहां तक कि फोटोग्राफी के कई उत्पादन में किया जाता है. यह मांग दुनिया की चांदी की जरूरत का 56% तक पूरा करती है.
ओलिंपिक स्वर्ण पदक वास्तव में चांदी पर सोनेसे लेपित होता है. सबसे लंबे समय तक चांदी को गरीब आदमी का सोना कहा जाता था क्योंकि यह वह कीमती धातु थी जिसे अधिकांश लोग खरीद सकते थे. लेकिन सन 2014 के आसपास चीन के औद्योगिक क्षेत्र में मंदी के कारण कीमतों में गिरावट के कारण इसने यह दर्जा खो दिया.
सबसे अच्छी चांदी स्टर्लिंग चांदी के रूप में बेची जाती है. इसमें 92.5 % प्रतिशत चांदी होती है. इसलिए इसपर 925 या 925 की मुहर लगी होती है. 99.99 प्रतिशत के साथ सबसे शुद्ध चांदी 999.9 रेटेड होती है. शुद्ध चांदी नरम होती है. इस कारण इसको फाइन सिल्वर भी बोला जाता है. सोने की तरह ही चांदी की हॉलमार्किंग होती है.
चांदी धातु मनुष्यों के लिए विषाक्त नहीं है. इसे एक खाद्य सजावट के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है. चांदी कीटाणुनाशक है, जिसका अर्थ है कि यह बैक्टीरिया और अन्य निचले जीवों को जिन्दा नहीं रहने देता. ***
चांदी पर बने गाने :
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चाँदी की दीवार न तोड़ी,
प्यार भरा दिल तोड़ दिया
इक धनवान की बेटी ने,
निर्धन का दामन तोड़ दिया.
( फिल्म विश्वास : 1969 )
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सोना ले जा रे , चाँदी ले
जा रे , पैसा ले जा रे ,
दिल कैसे देदू में जोगी,
की बड़ी बदनामी होगी.
( मेरा गांव मेरा देश : 1971)