“विशाल काय पक्षी,” शुतुरमुर्ग ( ostrich ).

saturmurg

भूचर प्राणी ओमे हाथी सबसे विशालकाय प्राणी है. तो पक्षी ओमे शुतुरमुर्ग सबसे बड़ा पक्षी है. इसके अंडे भी अन्य पक्षी ओके मुकाबले बहुत बड़े होता है. इसके अंडे से 40 दिनों में चूजे बाहर आते हैं. एक अंडे का वजन करीब 1.6 किलोग्राम तक होता है. शुतुरमुर्ग का एक अंडा मुर्गी के 24 अंडे के बराबर होता है. शुतुरमुर्ग जीवित प्रजाति ओमे यह सबसे विशाल पक्षी बचा है. 

   शुतुरमुर्ग पक्षी मध्य पूर्व और खास करके अफ्रीका देश मे पाया जाता है. शुतुरमुर्ग पक्षी अपने वजन के कारण उडने मे असमर्थ है. ये पक्षी स्ट्रुथिओनिडि ( Struthionidae ) कुल की दुनिया मे एकमात्र जीवित प्रजाति है.इसका वंश स्ट्रुथिओ Struthio है. शुतुरमुर्ग स्ट्रुथिओफॉर्म के अन्य सदस्य एमु , कीवी आदि हैं. 

     इसकी गर्दन और पैर बड़े लंबे होते हैं और ये 60 से 70 किमी प्रति घंटा की अधिकतम रफ़्तार से भाग सकता है. जो इस पृथ्वी पर पाये जाने वाले किसी भी अन्य पक्षी से अधिक भागता है. शुतुरमुर्ग 9 फीट लंबा होता है. इसका वजन 100 से 150 किलो ग्राम तक होता है. शुतुरमुर्ग की आंखें तो 2 इंच तक लम्बी और मोटी होती हैं.

     शुतुरमुर्ग का अंडा भी सबसे बड़ा होता है। इसके अंडे का आकार 6 इंच लंबा और 5 इंच चौड़ा होता है. शुतुरमुर्ग का एक अंडा हाथ में पकड़ने के लिए इंसान को अपने दोनों हाथों का इस्तेमाल करना पड़ता है. इसके एक अंडे में लगभग 2000 कैलोरी की मात्रा होती है. 

              इसके अंडे को प्रयोग में लाने के लिए कम से कम? 40 मिनट उबालने की जरूरत पडती है. कालाहारी मरुस्थल (अफ्रीका)j में शिकारी लोग शुतुरमुर्ग के अंडे के ऊपरी स्तर या छिलके को वाटर कंटेनर के रूप में प्रयोग करते हैं

     मादा शुतुरमुर्ग एक वर्ष में 50 से लेकर 60 तक अंडे देती है. शुतुरमुर्ग के देखने और सुनने की क्षमता बहुत ज्यादा होती है. शुतुरमुर्ग पक्षी दौड़ते वक्त अपने पंखों से अपना बैलेंस बनाकर रखते हैं.

    शुतुरमुर्ग पक्षी 50 से 70 वर्षों तक जीवित रहता है. यह पक्षी मैदानी और मरुस्थलीय स्थानों पर ज्यादा रहना पसंद करता हैं. उसके पंख 6 फीट लम्बे होते है. मेल शुतुरमुर्ग को रोस्टर और फीमेल को हेन कहते हैं

        ज्यादातर शुतुरमुर्ग पक्षी शाकाहारी होता है. मगर कुछ शुतुरमुर्ग कीड़े-मकोड़े, घास, बीज आदि का भोजन करते है. 

यह गुटों में रहता है जिसकी संख्या पाँच से पचास तक होती है. संकट की अवस्था में या तो यह ज़मीन से सट कर अपने को छुपाने की कोशिश करता है या फिर भाग जाता है. यह अपने पैरों से घातक लात मारने मे माहिर होता है. शुतुरमुर्ग बहुत शक्तिशाली होते हैं और इनके पैरों में इतनी ताकत होती है की ये अपनी लात से शेर को भी घायल कर सकता है. 

        आज दुनिया भर में शुतुरमुर्ग को व्यावसायिक रूप से पाले जा रहे हैं मुख्यतःउनके पंखों के लिए, जिनका इस्तेमाल सजावट तथा झाड़ू बनाने के लिए किया जाता है. इसकी चमड़ी चर्म उत्पाद उत्पादन मे काम आती है तथा इसका मांस व्यावसायिक तौर से बेचा जाता है. 

         शुतुरमुर्ग पक्षी साल में कुल 30 अंडे देता है और एक अंडा करीब 2000 रुपए में बिकता है इस तरह 30 अन्डो का कुल मूल्य 60000 रुपए होता है.

        लेकिन यदि शुतुरमुर्ग मर गया तो उसके 45 से 50 किलों माँस के 45 से पचास हजार रुपए मिलता है और उसकी चर्बी से करीब 4 से 6 लीटर तेल निकलता है, जो 45 सौ रुपए लिटर बिकता है, जिसका 18 से 27 हजार रुपया बनाता है. 

     इसके अलावा इसकी चमड़ी से 8 वर्गफीट लेदर निकलता है और इसके दोनों पंख बेहद किमती होते हैं.फिर इसके नाखून, दाँत और बालों की अलग अलग किमतें होती हैं. और उसकी कुल मिलाकर कीमत 100000 (एक लाख ) के करीब होती है. 

      इसके अंडों का आकार बहुत बड़ा होता है सामान्य मुर्गी के अंडे की अपेक्षा 24 गुना ज्यादा बड़े होते हैं.इसके एक अंडे का वजन 1 से 2 किलो तक का हो सकता है. उसका एक अंडा पूरे परिवार का पेट भर सकता है. इसके एक अंडे से लगभग 14 से अधिक ऑमलेट बन सकते हैं. शुतुरमुर्ग का अंडा बेहद पोषक होता है.

         शुतुरमुर्ग एका आदमी का वजन आसानीसे उठा लेता है अतः कई रिसोर्ट मे उसे सवारी के तौर पर आकर्षण के लिये रखा जाता है. मेल शुतुरमुर्ग आमतौर पर काला होता है, लेकिन इसके पंख सफेद भी पाए जाते है. फीमेल शुतुरमुर्ग और उनके बच्चों का रंग भूरा और सफेद होता है. अधिक वजन होने के कारण यह उड़ नहीं सकता. शुतुरमुर्ग काफी तेजी से बड़ा होता है. एक साल तक यह प्रति माह 10 इंच तक बढ़ता है.     

         शुतुरमुर्ग हवा में उड़ नहीं सकता, लेकिन अपनी एक छलांग में 10 से 16 फुट (3 से 5 मीटर) की दूरी तय कर सकता है. शुतुरमुर्ग एक घंटे के अंदर 43 मील (73 कि.मी.) की दूरी तय कर सकता है और लगातार दौड़ कर यह एक घंटे में 31 मील (50 कि.मी.) की दूरी कवर कर सकता है (हवा में जंप लगाए बगैर).

शुतुरमुर्ग अपने पंखों का इस्तेमाल दौड़ते समय अपनी दिशा को बदलने के लिए करता है. इसका मीट रेड मीट माना जाता है और इस अंडे की भी काफी डिमांड है, जिस कारण अब भारत में भी इसकी फार्मिग होने लगी है. भारत में शुतुरमुर्ग को चिड़ियाघर में देखा जा सकता है.  

जब किसी शुतुरमुर्ग को अपनी तरफ कोई खतरा नज़र आए, तो वो बहुत तेज़ी से दौड़ता है.इनके तीन पेट, और तीन आँख होती हैं.

     इस पक्षी के पैर पर सिर्फ दो ही उंगलियाँ होतीं हैं. वह 

अपने पंख से अपने बच्चों को छाव देता हैं, और अपने पैर के ऊपरी भाग को अतिरिक्त गरमाहट से बचाता हैं. सर्दी के मौसम में शुतुरमुर्ग अकेले रहना पसंद करते हैं. शुतुरमुर्ग का घोंसला तीन मीटर चौढ़ा होता है.

      शुतुरमुर्ग के मांस को कई देश में खाया जाता है. अतः जंगली शुतुरमुर्ग की संख्या, पिछले दो सौ साल में बहुत ही कम होते जा रही है. शुतुरमुर्ग के दाँत नहीं होते हैं.बिना पानी पिए, ये पक्षी लम्बे समय तक ज़िंदा रह सकता है. 

      ये ना तो पूरी तरह से शाकाहारी होते हैं, ना तो मांसाहारी. ये पौधों के साथ, कुछ मकौड़े भी खा लेते हैं.लेकिन ज़्यादातर शुतुरमुर्ग शाकाहारी ही होते हैं. इनके पंख बहुत ही सुंदर होते हैं, जिन्हे लोग बहुत सी चीज़ों को बनाने के लिए इस्तेमाल भी करते हैं.

     पूरे दुनिय में दो मिलियन शुतुरमुर्ग होनेका अंदाज है. 

लोगों को ये पक्षी बहुत ही पसंद आता है, और इसे देखने के लिए लोग ज़ू और नैशनल पार्क जाते हैं.

      ये इस पृथ्वी पर पाए गए सबसे पुराने पक्षी हैं. लगभग 120 मिलियन सालों से ये पृथ्वी पर रह रहे हैं. बहुत साल पहले, जब शुतुरमुर्ग को इंसानों का खतरा नहीं था, वे अक्सर एक से ज़्यादा महाद्वीप (continent) में पाए जाते थे.

        जिस तरह से लोग घोड़ों की सवारी करते हैं, वैसे लोग शुतुरमुर्ग की भी सवारी करते हैं.जब ये जंगलों में रहते हैं तो इनका जीवन काल करीबन 30-40 साल तक का होता है.

लेकिन जब ये किसी के चंगुल में रहते हैं, तो इनका जीवन काल, इंसानों के जीवन काल को भी टक्कर दे देता है. 

       शुतुरमुर्ग बहुत ही लम्बे भी होते हैं. ये लगभग 2.1 से 2.7 मीटर लम्बे होते हैं.आज की ज़िंदगी में ये पक्षी सबसे ज़्यादा अफ्रीका में पाए जाते हैं. इनका गला भी बहुत लम्बा होता है.ये पक्षी एक ही दौड़ में कम से कम 5 मीटर की दूरी पूरी कर सकता हैं.

         शुतुरमुर्ग और ज़ीब्रा एक दूसरे को शिकारी जानवरों से बचाते हैं और एक दूसरे की रक्षा करते हैं. शुतुरमुर्ग की अच्छी नज़र, और ज़ीब्रा के अच्छे कान, इन्हें आसानी से किसी भी खतरे से बचा लेती है.

       कुछ शुतुरमुर्ग काले रंग के होते हैं, तो कुछ भूरे.ज़मीन पर पड़े कुछ चमकीले चीज़ शुतुरमुर्ग को आकर्षित करते हैं.

इनकी अत्यंत नज़र की शकित के कारण, ये रात के समय में भी बहुत ही चौक्कना रह पाते है. 

     इनका शरीर बहुत ही तंदरुस्त होता है, इन्हें बीमारियों का खतरा नहीं रहता है. मनुष्य के कॉर्नीया को, शुतुरमुर्ग के कॉर्नीया से बदला जा सकता है.

        इसके अंडों का आकार बहुत बड़ा होता है सामान्य मुर्गी के अंडे की अपेक्षा 24 गुना ज्यादा बड़े होते हैं.इसके एक अंडे का वजन 1 से 2 किलो तक का हो सकता है. उसका एक अंडा पूरे परिवार का पेट भर सकता है. इसके एक अंडे से लगभग 14 से अधिक ऑमलेट बन सकते हैं. शुतुरमुर्ग का अंडा बेहद पोषक होता है. 

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