जाखू मंदिर भारत के हिमाचल प्रदेश के शिमला में स्थित एक प्राचीन मंदिर है, जो हिंदू देवता पवन पुत्र श्री हनुमान जी को समर्पित है. यह शिमला की सबसे ऊँची चोटी जाखू हिल पर स्थित है, जो समुद्र तल से 2455 मीटर ( 8054 फीट) की ऊँचाई पर रिज से 2.5 किमी ( 1.6 मील) पूर्व में है.
राम – रावण युद्ध में जब लंका में लक्ष्मण मूर्छित हो गए थे तो संजीवनी की तलाश में हनुमान जी निकले थे, इस दौरान ये शिमला के जाखू पर्वत स्थित ठहरे थे और बूटी के बारे में जानकारी ली थी. यहां पर अब श्री हनुमान जी की 108 फीट ऊंची मूर्ती स्थापित है.
विश्वभर में भगवान हनुमान जी के लाखों मंदिर हैं, लेकिन हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में बना भगवान हनुमान जी का मंदिर बेहद ऐतिहासिक होने के साथ भक्तों की आस्था का प्रतीक है. शिमला में करीब 8048 फीट की ऊंचाई पर विश्व प्रसिद्ध जाखू मंदिर स्थित है. इस मंदिर में भगवान हनुमान जी की मूर्ति स्थापित है.
भगवान श्री हनुमान जी का दर्शन करने के लिए न केवल देश से बल्कि विदेशों से भी श्रद्धालु आते हैं. मान्यता है कि त्रेता युग में राम-रावण युद्ध के दौरान जब मेघनाथ के बाण से लक्ष्मण मूर्च्छित हो गए, तो सुखसेन वैद जी ने भगवान राम को संजीवनी बूटी लाने के लिए कहा. इसके लिए भगवान राम ने अपने अनन्य भक्त श्री हनुमान को चुना. अपने प्रभु भगवान श्री राम के आदेशों पर हनुमान संजीवनी बूटी लाने के लिए द्रोणागिरी पर्वत की ओर उड़ चले.
हिमालय की ओर जाते हुए भगवान हनुमान जी की नजर राम नाम जपते हुए ऋषि यक्ष पर पड़ी. इस पर हनुमान जी ने यहां रुककर ऋषि यक्ष के साथ भेंट की और आराम किया. भगवान श्री हनुमान ने वापस लौटते हुए ऋषि यक्ष से भेंट करने का वादा किया,
लेकिन वापस लौटते समय उन्हें कालनेमि नामक राक्षस से युद्ध करना पड़ा, जिसने उन्हें बेवकूफ़ बनाने की कोशिश की, जिसमें उनका बहुत सारा कीमती समय बर्बाद हो गया. समय पर लंका पहुँचने के लिए, उन्होंने ऋषि से मिलने का विकल्प नहीं चुना और सबसे छोटा रास्ता चुना. जब ऋषि निराश हुए, तो उन्होंने उनसे व्यक्तिगत रूप से मिलने और वादा तोड़ने का कारण बताने का सोचा.
जैसे ही हनुमान उस स्थान से चले गए, पहाड़ी पर उनकी एक मूर्ति प्रकट हो गई. भगवान की यात्रा का सम्मान करने के लिए, याकू ने वहां एक मंदिर बनवाया. इस मंदिर में आज भी भगवान श्री हनुमान जी की स्वयंभू मूर्ति और उनकी चरण पादुका मौजूद हैं. मंदिर के आसपास रहने वाले बंदर भगवान श्री हनुमान जी के वंशज हैं.
ऋषि यक्ष से याकू और याकू से नाम जाखू पड़ा. दुनियाभर में आज इस मंदिर को जाखू मंदिर के नाम से जाना जाता है.
सन 2010 ने इस मंदिर में श्री हनुमान जी की 108 फीट ऊंची मूर्ति भी स्थापित की गई, जो शिमला में प्रवेश करने पर दूर से ही नजर आ जाती है. भगवान हनुमान के भक्त रोजाना उनके दर्शन करने के लिए यहां पहुंचते हैं. कहा जाता है कि भगवान हनुमान अपने सच्चे भक्तों की हर मनोकामना पूरी करते हैं.
शिवालिक पर्वत श्रृंखलाओं की नयन रम्या सुंदरता के बीच बसा जाखू मंदिर एक प्राचीन हनुमान मंदिर है जो “पवन पुत्र” के भक्तों को एक रहस्यमयी अनुभूति प्रदान करता है. शिमला के प्रसिद्ध दर्शनीय स्थलों में से एक , यहाँ भगवान हनुमान की दुनिया की सबसे बड़ी मूर्ति है, जो हिंदू समुदाय सहित सभी धर्मो के लोगोंको आकर्षित करती है. पास के शहर संजौली के ऊपर स्थित जाखू मंदिर के आस-पास के क्षेत्र में अद्भुत नज़ारे देखने को मिलते हैं जो इस जगह को और भी शानदार बनाते हैं. यह पर विस्मयकारी सूर्योदय और सूर्यास्त का आनंद लेने के लिए एक शानदार जगह है और ट्रेकिंग के शौकीनों के लिए एक साहसिक ड्राइव है. इसके अलावा, हरे-भरे घुमावदार रास्ते प्रकृति प्रेमियों का मन प्रफुल्लित करता हैं.
जाखू मंदिर शिमला पता : जाखू मंदिर पार्क, जाखू , शिमला , हिमाचल प्रदेश , 171001 , भारत
जाखू मंदिर शिमला का समय :
मंदिर सोमवार से रविवार तक सुबह 7:00 बजे से शाम 8:00 बजे तक प्रति दिन खुला रहता हैं.