श्रीनगर- कारगिल-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग पर निर्माणाधीन एशिया की सबसे लंबी (14.15 कि.मी.) जोजिला परियोजना.

Jogila

ज़ोजिला सुरंग एशिया की सबसे lलंबी (14.15 किलोमीटर) और सबसे ऊंचाई पर स्थित सुरंग है. यह श्रीनगर, करगिल-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग पर कुल 11,578 फुट की ऊंचाई पर जोजिला दर्रे पर यह सुरंग परियोजना का निर्माण तेजी से चल रहा है. यह सुरंग का करीब 50 फीसदी काम पुरा हो गया है. इसके बनने से लद्दाख पूरे साल देश के अन्‍य भागों से जुड़ा रहेगा.

हर साल जब श्रीनगर, लेह और लद्दाख में भारी बर्फबारी होती है तो श्रीनगर-लेह-लद्दाख हाइवे बंद हो जाता है. लेह और लद्दाख साल में पांच-छह महीने देश के बाकी हिस्‍सों से कट जाता हैं. तब कठिन दिनों को बिताने के लिए वहां के निवासियों को 6 महीने का राशन भी पहले ही संग्रह करना पड़ता है. लेकिन, साल 2026 के बाद ऐसा नहीं करना पड़ेगा.

देश के अन्‍य हिस्‍सों से लेह-लद्दाख भी सड़क मार्ग से 12 महीनों जुड़ा रहेगा. यह सुरंग आम जनता और सेना तथा पर्यटकोंके लिए फायदेमंद है. दुर्गम सरहदी इलाके लद्दाख को कश्मीर और बाकी देश से जोड़ने के लिए दो टनल बनाने का काम विभिन चरणों में जारी है. जहां सोनमर्ग में 6.5 किलोमीटर लम्बी Z-मोड टनल तैयार है, वहीं 14.2 किलोमीटर लम्बी जोजिला टनल का 50 प्रतिशत से ज्यादा काम अब तक पूरा हो चुका है.

हमारे देश की सेना का सबसे बड़ा डिप्लॉयमेंट पंजाब और जम्मू-कश्मीर में है. टनल के बन जाने से जिस जोजिला दर्रे को पार करने में 3-4 घंटे लगते हैं, उसी को पार करने में सिर्फ 20 मिनट का समय लगेगा. इससे बहुत तेजी से जवानों की तैनाती हो सकेगी.

जोजिला टनल प्रोजेक्ट करीबन 6800 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जाने वाला प्रोजेक्ट है जिसका सपना 2004 में देखा गया था. लेकिन टनल पर प्रोजेक्ट रिपोर्ट 2012 में बनी और 2014 में तत्कालीन UPA सरकार में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आधार शिला भी रखी थी. मगर, काम शुरू होने से पहले ही सरकार बदल गई. इसके बाद 2018 में नई प्रोजेक्ट रिपोर्ट लाई गई जिसमें टनल को दो फेज में बनाने का फैसला हुआ. पहले फेज में Z-मोड टनल (6.5 किलोमीटर ) बन कर तैयार है और 14.2 किमी लम्बी जोजिला टनल का काम जारी है.

Z-मोड टनल के 2 लेन हैं. इसमें एक इमरजेंसी टनल जोजिला टनल सिंगल TUBE- BI-डायरेक्शनल टनल होगी. टनल की ऊंचाई करीब 11 मीटर है जो सड़क बिछाने के बाद 7 मीटर की हो जाएगी. टनल में 1.5 मीटर के दो पैदल वॉकवेज होने के साथ-साथ 3.5 मीटर के दो ड्राइववे होंगे, जिसके जरिये भारी वाहन, टैंक, आर्टिलरी के साथ-साथ भरी कंस्ट्रक्शन का समान भी आसानी से ले जाया जा सकेगा.

सड़क के सर्दियों में खुला रहने से हर साल सेना को करीब 500 से 600 करोड़ रुपये की बचत होगी. दरअसल, सेना को सर्दियों के मौसम में हवाई जहाज के जरिये सामान लाने ले जाने के लिए पैसा खर्च करना पड़ता है.

सर्दियों के दौरान भारी बर्फ गिरने और हिमस्खलन के कारण 6-7 महीने (नवंबर से मई तक) के लिए बंद रहता है. इस परियोजना की मई 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आधारशिला रखी गई और काम शुरू हुआ.

केंद्रीय मंत्री श्री नितिन गडकरी के अनुसार जम्मू-कश्मीर में 25 हजार करोड़ रुपये की लागत से 19 सुरंगों का निर्माण किया जा रहा है. इसके तहत जोजिला में 6,800 करोड़ रुपये की लागत से 13.14 किलोमीटर लंबी सुरंग और अप्रोच रोड का निर्माण कार्य प्रगति पर है. श्रीनगर- कारगिल-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग पर बन रही एशिया की यह अपनी तरह की पहली सुरंग है.

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