श्री चंडिका देवी मंदिर – जुचन्द्र. पालघर जिले के वसई तालुका, नायगाव से करीब 6 किलोमीटर की दुरी पर जुचन्द्र गाँव मे विद्यमान हे. यह श्री मंदिर का संचालन श्री ग्राम देवी ( श्री चंडिका देवी ) न्यास द्वारा किया जाता हे.
समुद्र की सतह से 400 फुट की ऊँची पर कुदरती सौंदर्य से भरपूर वातावरण मे प्रेक्षणीय धार्मिक स्थल हे.
पश्चिम छोर से करीब 200 पायरी उपर और पूर्व की तरफ से करीब 100 फुट उपर एक पहाड़ी पर यह दर्शनीय श्री मंदिर बिराजमान हे.
वरिष्ठ नागरिक और विकलांगो के लिये पूर्व की ओर से लिफ्ट की व्यवस्था की गयी हे. इस देवी को लोग मन्नत की देवी मानते हे. सच्चे मन से मांगी हर मुराद यहाँ पुरी होती हे.
मंदिर की दिनचर्या सुबह साढ़े तीन बजे अभिषेक से होती हे. सृंगार के बाद काकड़ आरती. फिर भाविक भक्तो के दर्शन के लिये मंदिर खुला किया जाता हे.
मंदिर मे श्री गणेश जी, श्री चंडिका देवी. श्री कालिका देवी और महिषासुर मर्दनी देवीकी मूर्ति बिराजमान है. चैत्री नवरात्र और शारदीय नवरात्र मे भाविक भक्तो की यहाँ पर भारी भीड़ रहती हे. आने वाले भक्तो को मुफ्त मे चहा की व्यवस्था की जाती हे.
वार्षिक उत्सव के दौरान यहाँ पर रंगोली प्रदर्शन, कुस्ती की स्पर्धा, नव कुवारी कन्या का पूजन, भजन कीर्तन आदि कार्यक्रम रखा जाता हे. बारा बजे तक डांडिया राश और गरबा का आयोजन किया जाता है. पश्चिम छोर पर नाट्य गृह निर्माण किया गया है. जहां नाटक का मंचन किया जाता हे.
जुचन्द्र गाँव के लोग कला प्रेमी के रुप मे जाने जाते है. एक समय गावमे एक साथ विविध स्थानों पर एक ही दिन मे यहाँ पांच नाटकों का मंचन होता था.
गांववालों के अनुसार यह मंदिर पांडव काल से है. सन 1948 तक यहाँ एक साथ एक ही आदमी शिला – पत्थर की सहायता से मंदिर तक जा सकता था. बादमे गांववालों ने सन 1971 मे जीर्णोद्धार किया. सन 1994 के बाद नयी कमिटी द्वारा यहाँ तेजी से सुधारना की गयी.
कुछ लोगोंको मानना था की चिमाजी अप्पा के समय वसई के किले की मरम्मत के लिये यहासे बहोत कुछ पत्थर निकाल कर ले गये, उसी समय यह मंदिर का निर्माण किया गया था.
मंदिर के बगल मे वाघ बिल गुहा हे. पुराने जमाने मे यहाँ वाघ आते रहते थे. मगर किसीको परेशान नहीं करते थे. जो देवी का चमत्कार माना जाता हे.
बारिस के समय मंदिर से चारों तरफ हरियाली, पूर्व मे अमदावाद राष्ट्रीय महामार्ग. पश्चिम मे अरबी समुद्र. वसई दिवा लाइन का जुचन्द्र स्टेशन, जुचन्द्र गाँव, वसई की खाड़ी का नजारा आँखों को ठंडक पहुंचाता हे.
महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक से लेकर देश के विविध स्थानों से भक्त जन माताजी के पावन दर्शन के लिये यहां पर आते हे और यहां आकर भक्त प्रसन्न होकर, तृप्तता का अनुभव लेकर ख़ुशी ख़ुशी वापस धर जाते हे.
यहाँ तक पहुंचने के लिये आप भाईंदर से एक स्टेशन आगे नायगाव (WR) पूर्व से करीब 6 किलोमीटर की दूरीपर रिक्शा द्वारा पहुंच सकते हे या राष्ट्रीय महामार्ग द्वारा जुचन्द्र फाटा से बाइक या अपने निजी वाहन के जरिये यहाँ तक पहुंच सकते हे.
वसई – दिवा लाइन पर वसई से एक स्टेशन आगे जुचन्द्र स्टेशन हे मगर ट्रैन की कमी के कारण ट्रैन समय सारिणी का पता हो तो ही जाना उचित हे. फिर जुचन्द्र स्टेशन से करीब एक किलो मीटर की दुरी पर श्री चंडिका माता मंदिर हे. अतः महामार्गे या नायगाव स्टेशन से यहां तक पहुँचाना उचित होगा.
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शिव सर्जन प्रस्तुति.