भगवान श्री बुध्द को भगवान श्री विष्णु का 9वा अवतार माना जाता है.
विरार से लेकर बोरीवली तक अवं मिरा भाईन्दर महा नगर पालिका क्षेत्र में श्री सत्यनारायण भगवान का एकमात्र मंदिर, भाईन्दर पूर्व खारीगाँव में विधामान है.
यह मंदिर खारीगाँव ग्रामस्थ मंडल द्वारा संचालित किया जाता है.
श्री सत्यनारायण भगवान मंदिर की कहानी कुछ ऐसी हे, सन् 1936 मे यह मंदिर का निर्माण होना था. किंतु आर्थिक समस्या के कारण बीस साल तक इस मंदिर का निर्माण कार्य होना संभव नहीं हो पाया.
साठ के दशक में वसई गणेश पूरी स्थित श्री नित्यानंद महाराज का दर्शन करने देश भरसे साधु संत अवं श्रद्धालु भाविक भक्त बड़ी संख्या में आते थे. यहा तक की उन दिनो उड़िपी की हर रेस्टोरेंट में श्री नित्यानंद महाराज का फोटो दार्शनिक रूप में रखा जाता था.
ऐसे ही श्री नित्यानंद महाराज के दर्शन करने के बाद देशाटन करते तिरुपति बालाजी भगवान के दर्शन करने जा रहे सन्यासी साधु संतों की नजर श्री सत्यनारायण भगवान मंदिर की पावन भूमि पर पड़ी, और आकर्षित हुए. लोटते समय वे सभी इस गाव मे पधारे. पूजा अर्चना के बाद गाँव वालो से मिले, और संतो की संस्था द्वारा इस मंदिर का निर्माण करने की बात यहाके खारी ग्रामस्थ लोगो के समक्ष रखी गई.
मगर स्वाभिमानी प्रकृति के आगरी ग्रामस्थ लोगो ने स्वयं मंदिर बनानेका निर्णय लिया. सन् 1950 में इस मंदिर का पुनः निर्माण करने का फैसला किया गया. गाँव के हर व्यक्ति ने मंदिर निर्माण के लिए एक आना महीना जमा करने का निश्चित किया गया. हर महीने 35 रुपए जमा होने के बाद मंदिर निर्माण में तेजी आयी.
बादमे शनिवार ता : 08/06/1957 के शुभ दिन भाईन्दर ग्राम पंचायत के तत्कालीन प्रशासक श्रीमान केदारनाथ रामचंद ठाकुर की अध्यक्षता में श्री सत्यनारायण भगवान की पावन मूर्ति की हर्षोल्लास के साथ प्राण प्रतिष्ठा करके विधिवत शास्त्रोक्त पद्धति से स्थापना की गई.
बादमे नब्बे के दशक में गाँव वालो ने नया एक मजली मंदिर बनाया , जो आज तक विद्यमान हे.
भगवान श्री बुध्द को भगवान श्री विष्णु का नव वा अवतार माना जाता है, अतः बुद्ध पूर्णिमा के दिन हर साल यहां पर मेले का आयोजन किया जाता है.
सुबह से पूजा पाठ, आरती, शाम को पालखी अवं स्थानिक कलाकार द्वारा मराठी नाटक का मंचन किया जाता है.
यहा पर दो ग्रुप कार्यरत है, (1) मलेकर नाट्य मंडल, (2) साईनाथ नाट्य मंडल. एक साल मलेकर नाट्य मंडल द्वारा नाटक का मंचन किया जाता है तब साईनाथ नाट्य मंडल पूजा पाठ, आरती, पालकी की जिम्मेवारी लेता है, तो जब दूसरे साल साईनाथ नाट्य मंडल, नाटक का आयोजन करते हैं तब मलेकर नाट्य मंडल पूजा, पालकी की जिम्मेवारी लेता है.
इस मंदिर के इतिहास मे प्रथम बार कोरोना महामारी को चलतें एवं लॉक डाउन की वजह इस साल 7 मई को आने वाली बुद्ध पूर्णिमा के दिन मेला ( यात्रा ) का आयोजन स्थगित करना पड़ा है.
मंदिर में पूजा समिति द्वारा रोज सुबह – शाम आरती होती है, जिसमें श्री. ज्ञानेश्वर पदमन पाटिल, श्री धनेश्वर पाटिल, श्री शांताराम पांडुरंग म्हात्रे सह कई लोग होते हैं.
सन् 1972 में खारीगाँव वालो ने जागृति मित्र मंडल की स्थापना की. मंडल के तत्वविधान में नवरात्र उत्सव मनाने का सर्वानुमते निर्णय लिया गया. जो भाईन्दर पूर्व का सर्व प्रथम विधिवत नवरात्र उत्सव के रूप में जाना जाता है.
शुरु मे इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए खारीगाव महिला मंडल , श्री बालकृष्ण रामा पाटिल, श्री भास्कर भाऊ पाटिल, काशीनाथ “मामा”, श्री मधुकर नारायण पाटिल, श्री दांडेकर श्री परशुराम दामोदर पाटिल, श्री पांडुरंग केशव पाटिल, केशव पाटिल,श्री प्रवीण रामचंद्र पाटिल, श्री रतन कृष्णा पाटिल, श्री भाई दामुल पाटिल, नाट्य लेखक श्री कृष्णा पाटिल,जिनके अनेको नाटक का खारीगाँव प्रांगण में सफलता पूर्वक मंचन हुआ हे. आदि सभी मान्यवरों का सहरानीय योगदान रहा था.
मंदिर को सहरानीय योगदान देने वाले अन्य ग्रामस्थ मे श्री भगवान काशीनाथ पाटिल, श्री जगत कुमार आत्माराम पाटिल , श्री प्रभाकर गणपत पाटिल, बंधु प्रेम परिवार,श्री कमलाकार पाटिल, श्री भालचंद्र पाटिल, श्री मंगेश पाटील, श्री मोहन मधुकर पाटील, श्री यशवंत पांडुरंग पाटील. श्री सुधाकर नलावडे , श्री आत्माराम पाटील, श्री सदानंद पाटिल, श्री धर्मा जी पाटील, श्री केशव नारायण पाटील, श्रीमान शशिकांत भोईर , श्री प्रभाकर गणपत पाटील आदि अनेक गाँव वालो ने अब तक प्रमुख भूमिका निभाई है.
मंदिर के राख रखाव के लिए श्री मदन भाऊ ने अंतिम श्वास तक खूब महेनत की थी. सुबह चार बजे उठकर मूर्ति का सिंगार , मंदिर प्रांगण की साफ सफाई करके बादमे रोज आरती में शामिल होते थे.
मंदिर निर्माण के बाद साठ के दशक में यहा साधु संतो का आना जाना रहता था. पुराने बुजुर्गों को पता होगा कि हर महीने गणेश पूरी वजेश्वरी से एक साधु यहा पर आता था.
वजेश्वरी चा बुवा आला बाबा! बुवा ला मूठ भर पीठ दे बाबा! कहकर भिक्षा मांगता था और बादमे वो श्री सत्य नारायण भगवान का दर्शन करके वापस लॉट जाता था. एक संत, या जगात कोण कुणाचा नाही…… कहकर रिस्ते का एहसास कराता था. ऐसे अनेक संत यहापर अज्ञात रूप से प्रभु का दर्शन हेतु आते थे…!
श्री सत्यनारायण भगवान मंदिर विश्वस्थ मंडल के उपक्रम में मनाए जाने वाला श्री सार्वजनिक नवरात्र उत्सव के लिए श्री मुन्नाभाई, श्री राजू चुदासमा, श्री सदाशिव माछी आदि का योगदान सहरानीय रहा था. यहाका गरबा, डांडिया रास पारंपरिक रूप से होता था. कई सालो तक श्री सदाशिव माछी ने खुद बेनजो बजाकर नवरात्र को सफल बनाने में योगदान दिया था. श्री हरि लक्षमण पाटिल, श्री भरत हरिचंद्र पाटिल अच्छा ढोलक बजाते थे.
आज श्री सत्यनारायण मंदिर विश्वस्त मंडल के अध्यक्ष पद पर श्री मोहन मधुकर पाटिल, सचिव के रूप में श्री यशवंत पांडुरंग पाटिल, कोषाध्यक्ष के पद पर श्री मंगेश आत्माराम पाटिल आदि मान्यवर सेवा कार्य कर रहे हैं.
मित्रों , यहाके आगरी गाँव वालो में आपसी मत मतान्तर जरूर है मगर जब श्री सत्यनारायण मंदिर की बात आती है तो सब मतभेद भूलकर, आपसी एकता बनाये रखकर संघ भावना से कार्य करते हैं.
इनके पूर्वज ईमानदार, धार्मिक, सामाजिक, सांस्कृतिक प्रवृत्ति के लोग थे.जो परोपकारी भावना नयी पीढ़ी को उनके पूर्वजो से विरासत में मिली है.
दो सो लोगोकी बस्ती वाला ये गाँव, आज महा नगर पालिका का एक हिस्सा बन गया है. इनकी नयी पीढ़ी आज शिक्षित हे और सब के साथ एक जुट होकर कदम मिलाकर, भाईन्दर शहर के सर्वांगी विकास में योगदान दे रहे हैं.
मित्रो,हर साल श्री सत्यनारायण भगवान का मेला (यात्रा) श्री बुद्ध पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है. हर साल खारीगाव के स्थानीय कलाकारों द्वारा यहा नाटक का मंचन किया जाता है. कोरोना की वजह दो सालसे सरकारी फरमान का पालन करते उत्सव को स्थगित करना पडा है.
भाईंदर पूर्व खारीगाँव की पावन भूमि पर बना श्री सत्यनारायण भगवान का मंदिर को मन्नत (नवस) का स्थान माना जाता है. हर दिन यहां अनेकों लोग मन वांछित फल पानेके लिये मन्नत मागने आते है.
सच्चे मन और दिल से मागने वालों की हर इच्छा की पूर्ति भगवान श्री सत्यनारायण करता है.अनेकों की मन्नत पूरी हुई है. आओ हम सब मिलके प्रभु श्री विष्णु का गुणगान करते, उनके प्रति कृतज्ञता दर्शाते प्रभु के चरणों में सिर झुकाकर प्रार्थना करे.
श्री सत्यनारायण मंदिर विस्वस्थ मंडल के तत्वविधान में हर साल,, ” दही हांड़ी ” गोविंदा का आयोजन किया जाता हे, आजतक श्री सत्यनारायण महिला भजन मंडल- खारीगाव का यहापर सक्रिय सहरानीय योगदान रहा हे. श्री सत्यनारायण मंदिर विस्वस्थ मंडल के अन्य उपक्रम मे श्री मळेकर मंदिर – खारीगाव, श्री गावदेवी मंदिर खारीगाव का भी संचालन किया जाता है.
कोई भाविक भक्त यदि दान दक्षिणा देना चाहता हो तो कृपया मंदिर के विश्वस्थ
कोषाध्यक्ष : श्री मंगेश आत्माराम पाटील
अध्यक्ष : श्री मोहन मधुकर पाटील
सचिव : श्री यशवंत पांडुरंग पाटील
का संपर्क कर सकते हो.
प्रभु श्री सत्यनारायण भगवान की कृपा आप सब पर बनी रहे. बोलो….. श्री सत्यनारायण भगवान की जय. श्री विष्णु भगवान की जय.
———- शिवसर्जन प्रस्तुति ——–