“सच्चे प्यार का अटूट बंधन.”

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राहुल की उम्र 50 साल की हो चुकी थी. बाप का एकलौता बेटा था. गरीबी मे जीवन ज्ञापन करते हुए CA पास किया.एक अच्छी कंपनी मे जॉब मिलते ही उसकी किस्मत बदल गई. देखते ही देखते वो करोड़ पति अमीर बन गया. राहुल ने शादी नहीं की थी, वो अब तक कुंवारा था.

एक दिन उसने फेसबुक पर एक लड़की की फ्रेंड्स रिक्वेस्ट देखी. उसने उसकी प्रोफाइल चेक की.वो मन ही मन बोल उठा, अरे ये तो अंजलि है ! कॉलेज के दिनों मे साथ साथ पढ़ते थे. राहुल ने तुरंत फ्रेंड्स रिक्वेस्ट एक्सेप्ट कर दी.

राहुल को एक के बाद एक पुरानी बातें ताज़ा होने लगी. अंजलि पढाई के साथ साथ दिखने मे खूबसूरत थी. उसे देखकर अच्छे अच्छे मोहित हो जाते थे. कॉलेज के कई लडके उसे प्रपोज़ कर चुके थे. मगर वो राहुल को चाहती थी.

राहुल तब एक गरीब बाप का बेटा था. इसीलिए वो अपने धनाढ्य बाप के सामने राहुल के साथ शादी की बात करने की हिम्मत नहीं कर सकती थी.

राहुल का भोलापन, तेज दिमाग और उसकी महिलाओके प्रति विनम्रता से अंजलि प्रभावित थी.

एक दिन अंजलि का मेसेज आया.

अंजलि : हाय राहुल! कैसे हो?

राहुल : मैं अच्छा हूं. आप कैसी हो ?

अंजलि : मैं भी अच्छी हूं. फेसबुक मे

आपका प्रोफाइल देखा तो, अपने आप को रोक नहीं सकी और फ्रेंड्स रिकवेस्ट भेज दी.

राहुल : अच्छा किया. आपकी शादी हो गई थी ना ?

अंजलि : हा. मैरी एक 25 साल की बेटी भी है. दो साल पहले पति की अकाल मृत्यु हो गई है. और आप ?

राहुल : CA करने के बाद अंधेरी मे 2BHK के खुदके फ्लैट मे रहता हूं. अभी तक कुंवारा हूं.

अंजलि : क्यों ? शादी क्यू नहीं की ?

राहुल : आप जो नहीं मिली !

अंजलि : समज रही थी की राहुल ने शादी क्यों नहीं की. वो बोली ये तो सब विधाता का खेल है.

राहुल : अब आप कहा पर रहती हो ?

अंजलि : नाला सोपारा.

राहुल : नाला सोपारा ? कैसे ? आप तो

जुहू – चौपाटी स्थित रहती थी ना.

अंजलि ‘: जी, हा. वो फ्लैट मेरे पिताजी ने ही लेकर दिया था. पिताजी बिज़नेस मे लॉस गये. सभी संपत्ति बिक गई और दिवाला निकल गया. हादसे से पिताजी का देहांत हो गया.माँ की पहले ही मौत हो चुकी थी. मेरे पति भी मेरे पिताजी की कमाई पर जीते थे. जुहू का फ्लैट बेच के हम लोग नालासोपारा मे एक रूम खरीद ली, और वही रह रहे है.

राहुल : ओहो, ये ठीक नहीं हुआ.

अंजलि : मैं आपसे मिलना चाहती हूं.

अगले महीने मैरी बेटी स्वाति की शादी है. मैं उसका निमंत्रण देने आने वाली हूं.

राहुल : ठीक है. मैंने मेरा घर का पता

भेजा है.आप आ सकती हो.

( दो दिन के बाद राहुल के घर )

राहुल : दरवाजे की बेल बजी. राहुल ने

दरवाजा खोला. अंजलि!!!

अंजलि : राहुल…..

एक मिनट दोनों एक दूसरे का चहेरा देखते रहे. राहुल ने अंजलि को अंदर बैठनेको कहा.

राहुल : और आप कैसी हो.

अंजलि : बिलकुल ठीक हूं, और हाँ.. आपको समोसा बहुत पसंद था ना. मैं खुद अपने हाथ से बनाकर लाई हूं.

( दोने ने साथ बैठकर समोसे खाये. कॉलेज के दिनोंकी याद ताजा की.)

अंजलि : एक महीने बाद मैरी बेटी स्वाति की शादी है. लड़का मील के मालिक का बेटा है. पैसे वाला है, पर स्वाति को बेहद चाहता है. उसे स्वाति ने कहा की हम लोग गरीब है. हम लोग मंदिर मे शादी करेंगे. लड़के ने इस बात को मान लिया है.

राहुल : नहीं. ये शादी मंदिर मे नहीं होंगी. ये शादी आलीशान हॉल मे होंगी. आप मुजे गलत मत समजना. उस ही दिन इत्तफाक से रक्षाबंधन का त्यौहार था. राहुल निचे गया और एक राखी लेकर आया. उसने कलाई को आगे करके अंजलि को बाँधने को कहा.

अंजलि ने राखी बाँधी, राहुल का चरण स्पर्श किया. अंजलि के आंसू राहुल के पाव के उपर टपक रहे थे.

अंजलि : अंजलि देर तक रोते रही…. टीवी पर गाना बज रहा था,

सूरज कब दूर किरण से , खुशबू कब दूर पवन से , ये बंधन तो प्यार का बंधन है… जन्मो का बंधन है……

राहुल : ने चेक बुक निकाली और 10 लाख का सेल्फ का चेक लिखा. और अंजली के हाथ मे दिया. एक और सिग्नेचर करके कोरा चेक देते हुए कहा, अब आप मेरी बहना हो. यदि दस लाख रुपये कम पड़े तो आप जितना चाहो उतना अमाउंट कोरे चेक पर लिख देना. मे स्वेता का मामा जो हूं.

अंजलि : अंजलि की आँख मे आंसु टपक रहा था. वो समज रही थी की राहुल का प्यार कितना निर्मल और सच्चा है. वो समज रही थी की जिंदगी का मतलब पाना ही नहीं मगर अपनों के लिए खोना और समर्पण भी है…..

राहुल का फोन आया…. रिंग टोन बज रही थी……

दुनिया की जितनी बहनें हैं उन सबकी श्रद्धा इसमें है, है धरम करम भैया का ये बहना की रक्षा इसमें है ,

जैसे सुभद्रा और किशन का जैसे बदरी और पवन का जैसे धरती और गगन का ये राखी बंधन है ऐसा……. (2).

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