सदी का महा नायक अमिताभ बच्चन.

amar akbar anthony

आपको पता है ? अमिताभ बच्चन का नाम पहले इंकलाब था. लेकिन बाद में अपने मित्र और सुप्रसिद्ध कवि श्री सुमित्रानंदन पंत की सलाह पर उन्होंने वह नाम बदलकर, अमिताभ रखा था.

अमिताभ नाम का अर्थ है, “शाश्वत प्रकाश” होता है. यद्यपि इनका उपनाम श्रीवास्तव था व वह कायस्थ जाति से सम्बन्ध रखते हैं फिर भी इनके पिता श्री हरिवंश राय ने इस उपनामको अपने कृतियों को प्रकाशित करने वाले बच्चन नाम से उद्धृत किया. जो उनके परिवार के समस्त सदस्यों का उपनाम बना.

श्री अमिताभ बच्चन का जन्म उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में, 11 अक्तूबर सन 1942 के दिन हुआ था. उनके पिता श्री हरिवंश राय बच्चन, हिंदी के सुप्रसिद्ध कवि थे और उनकी माता श्रीमती तेजी बच्चन, एक पंजाबी सिख परिवार से ताल्लुक रखती थी. उनके एक भाई है जिनका नाम अजिताभ बच्चन है.

श्री अमिताभ बच्चनसे पढ़नेमें काफी होशियार थे. उनकी आरंभिक शिक्षा, शेरवुड कॉलेज, नैनीताल में हुई थी और उसके बाद श्री अमिताभ बच्चन, उच्च शिक्षा के लिए दिल्ली आये और दिल्ली विश्वविघालय में स्थित प्रसिद्ध कॉलेज ’’ किरोड़ीमल कॉलेज ’’ में दाखिला लिया और यहीं से उन्होने Bachelor of Science and Arts की Degree प्राप्त की थी.

इससे पहले इन्होंने इलाहाबाद के ज्ञान प्रबोधिनी और बॉयज़ हाई स्कूल तथा उसके बाद नैनीताल के शेरवुड कॉलेज में पढ़ाई की जहाँ पर कला संकायमें प्रवेश दिलाया गया.

अपनी आयु के 20 के दशक में बच्चन ने अभिनय में अपना कैरियर आजमाने के लिए कोलकता की एक शिपिंग फर्म बर्ड एंड कंपनी में किराया ब्रोकर की नौकरी छोड़ दी थी.

उनकी पत्नी का नाम जया बच्चन ( जया भादुड़ी ) है, जो हिंदी सिनेमा की एक प्रतिभाशाली अभिनेत्री हैं, इन दोनों के दो बच्चे हैं जिनके नाम, श्वेता बच्चन नंदा और अभिषेक बच्चन है. अमिताभ बच्चन को उनकी भारी आवाज़ के लिए जाना जाता है परंतु ऑल इंडिया रेडियो ने उनकी इस आवाज को खारिज कर दिया था.

अमिताभ ने अपनी डेब्यू फिल्म “सात हिंदुस्तानी” में काम करने से पहले, उन्होंने मृणाल सेन की राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्म, भुवन शोम (1969) में अपनी आवाज दी थी.

इसके बाद सन 1973 में प्रदर्शित प्रकाश मेहराकी फिल्म जंजीर ने उसकी किस्मत बदल दी. इंस्पेक्टर विजय खन्ना का किरदार निभाकर, अमिताभ बच्चन ने, एंग्री यंग मैन के रुप में अपने दमदार और उत्कृष्ट अभिनय से दर्शकों का दिल जीत लिया था.

इसके बाद तो उन्होंने, एक के बाद एक, कई सुपर डुपर हिट फिल्में देकर सुपरस्टार का खिताब अपने नाम किया था. सिलसिला, कभी कभी, अग्नीपथ, दीवार, शोले, नमक हराम, अभिमान, लावारिस, ब्लेक, पा, जैसी उत्कृष्ट दर्जे की उनकी अनगिनत फिल्में, भारतीय सिनेमा के इतिहास में हमेशा ही मिल का पत्थर बनकर रह गई.

अमिताभ बच्चन ने फिल्मों में ही नहीं, बल्कि राजनीती में भी नसीब आजमाया था. पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी, उनके मित्र थे इस वजह से, सन 1984 में इलाहाबाद लोकसभा चुनाव में वे कॉंग्रेस पार्टी के प्रत्याशी के रुप में चुनाव में खड़े रहे और जीत भी हासिल की. लेकिन राजनीति उन्हें रास नहीं आई और मात्र तीन साल में ही उन्होंने अपना कार्यकाल पूरा किए बिना ही त्यागपत्र दे दिया. और फिर से फिल्मों में ही अपना ध्यान केंद्रित करने लगे.

सदी के महानायक श्री अमिताभ बच्चन को अपने फिल्मी के करियर में अनेक छोटे बड़े पुरस्कारों और सम्मानों से सम्मानित किया गया है. दादा साहेब फाल्के पुरस्कार के साथ साथ, अपनी फिल्मों के लिए अब तक उन्हें चौदह बार फिल्मफेयर और चार बार राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त हुए हैं.

इसके अलावा भारत सरकार के श्रेष्ठ पुरस्कारों, पद्मभूषण, पद्मश्री और पद्मविभूषण से भी उन्हें नवाजा गया है. अमिताभ बच्चन के जीवन पर अब तक कई प्रसिद्ध पुस्तकें भी प्रकाशित हुई हैं. सन 1982 में कुली फिल्म की शूटिंग के समय उन्हें लगी गहरी चोट से वे मौत के मुंह में जाते जाते बचें थे. अमिताभ हस्पताल में मौत से जूझ रहे थे, उस समय पूरे देश ने उनके जीवन के लिए जो दुवाएं, प्रार्थनाएं, पूजा पाठ और हवन इत्यादि किए थे.

अमिताभ बच्चन के जीवन में भी कई उतार चढ़ाव आये. वह दिन भी देखना पडा था जब वे बेंक रप्ट हो गए थे. सन् 1996 में उन्होंने अपनी फिल्म निर्माण कंपनी, एबीसीएल की शुरुआत की थी, लेकिन जबरदस्त आर्थिक नुकसान और कानुनी पचड़ों के साथ उन्हें अपनी कंपनी को बंद करना पड़ा.

इसके बाद उन्होंने अपनी बुरी तरह लड़खड़ा चुकी आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए,औसत दर्जे की फिल्मों में भी काम करना शुरू किया. लेकिन फिर पहले जैसा करिश्मा नहीं दिखा पाए. यहां पर, टेलिविजन के सुप्रसिद्ध शो कौन बनेगा करोड़पति के रूप में उनके जीवन का दूसरा टर्निंग प्वाइंट, आया था जिसकी जबरदस्त सफलता से अमिताभ बच्चन को अपनी खोई हुई स्थिति फिर से मिल गई और एक बार फिर से उनकी किस्मत के सितारे बुलंद हो गए. इसके बाद उन्होंने, अपने करियर की दूसरी पारी की शुरुआत की और कई बड़ी और कामयाब फिल्में की और यह सिलसिला आज भी चालू है.

अमिताभ बच्चन के पिता, डॉ. हरिवंश राय बच्चन प्रसिद्ध हिन्दी कवि थे, जबकि उनकी माँ तेजी बच्चन भारत के कराची शहर से सम्बन्ध रखती थीं जो कि अब पाकिस्तान में है. अमिताभ, हरिवंश राय बच्चन के दो बेटों में सबसे बड़े हैं. दूसरे बेटे का नाम अजिताभ है. इनकी माता तेजी बच्चन की थिएटर में गहरी रुचि थी और उन्हें फ़िल्म में रोल की पेशकश भी की गई थी किंतु इन्होंने गृहिणी बनना ही पसंद किया था.बच्चन के पिता का देहांत 2003 में हो गया था जबकि उनकी माता जी की मृत्यु ता : 21 दिसंबर 2007 के दिन हुई थीं.

अमिताभ ने ता : 3 जून, 1973 के दिन बंगाली संस्कार के अनुसार अभिनेत्री जया भादुड़ी से विवाह कर लिया. इस दंपती को दो बच्चे बेटी श्वेता और पुत्र अभिषेक पैदा हुए

श्री अमिताभ बच्चन ने सन 1980 के बाद धूम्रपान और शराब पीना छोड़ दिया था. अमिताभ बच्चन के पूर्वज उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले के गांव बाबूपट्टी से थे. उनकी माँ तेजी बच्चन पाकिस्तान के ल्यालपुर (फैसलाबाद) के एक सिख समुदाय से थी.

प्रारंभ में अमिताभ का नाम इंक़लाब रखा गया था लेकिन राष्ट्रीय कवि सुमित्रानंदन पंत के सुझाव के पश्चात उनका नाम अमिताभ रखा गया. उनके नाम का अर्थ ”वह प्रकाश जो कभी ना ढले” होता है.

उनकी माता श्री थिएटर में बहुत दिलचस्पी रखती थीं और उन्होंने एक फीचर फिल्म में भी भूमिका अदा की थी, जिसके बाद उन्हें फिल्मों में कार्य करने के प्रस्ताव आने लगे परंतु उन्होंने घरेलू कर्तव्यों को प्राथमिकता दी थी. अमिताभ एक इंजीनियर बनना चाहते थे और भारतीय वायु सेना में शामिल होने के लिए काफी उत्सुक थे.

सुपर हिट फ़िल्म शोले में उन्होंने जय की भूमिका अदा की जिसके लिए उन्हें एक लाख का पारितोषिक मिला था. ता : 26 जुलाई 1982 को, बेंगलुरु विश्वविद्यालय के कैंपस में, फिल्म कुली के चित्रण के दौरान, उन्हें गंभीर चोट लगी थी.

फिल्म कुली की घटना के बाद उन्हें एक दीर्घकालिक स्नायुस्कुलर रोग जो मांसपेशियों में कमजोरी से होता है वह हुआ था. सन 1990 में रिलीज फिल्म “अग्निपथ” में माफिया डॉन की भूमिका के लिए अमिताभ को सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से नवाजा गया. बॉक्स ऑफिस पर हिंदी फिल्म इन्सानियत (1994) की विफलता के कारण वह पांच साल तक फिल्मजगत में दिखाई नहीं दिए.

अमिताभ बच्चन ने अभिनय कला में पुनः लौटने के लिए वर्ष 2000 में सुप्रसिद्ध टीवी कार्यक्रम “कौन बनेगा करोड़पति (केबीसी)” से शुरुआत की. जिसमे उसने अपार सफलता मिली.

जून 2000 में, वह एशिया के पहले व्यक्ति बने, जिनकी लंदन स्थित मैडम तुसाद वैक्स संग्रहालय में मोम से निर्मित मूर्ति स्थापित की गयी.

बिग बी अमिताभ को सन 1984 में, पद्मश्री से सम्मानित किया गया तथा

अमिताभ बच्चन को सन 2001 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया है और

वहीं सन 2015 में अमिताभ बच्चन को पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया.

एक इंटरव्यू में अपने संघर्ष के दिनों को याद करते हुए बिग बी ने बताया था कि वह ड्राइविंग लाइसेंस के साथ मुंबई आए थे. उन्होंने सोचा था कि अगर वह एक्टर नहीं बन पाए तो टैक्सी चलाकर ही गुजारा कर लेंगे. इतना ही नहीं पर अमिताभ ने पैसों की तंगी के चलते कई रातें मरीन ड्राइव की बेंच पर सोकर भी बिताईं थी.

अमिताभ बच्चन फिल्मों में आने से पहले कोलकाता में रेडियो एनाउंसर और शिपिंग कंपनी में एक्जीक्यूटिव के तौर भी काम कर चुके थे. उस समय उनकी सैलरी 800 रुपए हुआ करती थी. साल 1968 में वह मुंबई आए थे.

जब अमिताभ बच्चन औऱ रेखा के प्यार के चर्चे अखबारों और मैग्जीन की सुर्खियां बनने लगे तो अमिताभ के घर पर हंगामा भी शुरू हो गया. कहते हैं रेखा दिल ही दिल में अमिताभ से प्यार करती थीं लेकिन अमिताभ हमेशा इस बात पर चुप रहे. वहीं एक दिन इन खबरों से परेशान होकर जया ने रेखा को डिनर पर बुलाया था. कहा जाता है कि डिनर पर बुलाकर उन्होंने रेखा को बहुत प्यार से खाना खिलाया और घर भी दिखाया, लेकिन जब बाहर छोड़ने गईं तो उन्होंने कहा, चाहे जो हो जाए, मैं अमिताभ को नहीं छोड़ूंगी. इस बात को सुनकर रेखा दंग रह गई थीं.

सदी के महानायक अमिताभ बच्चन अपने फैन्स से बहुत प्यार करते है. बिग बी के चाहने वाले भी उनपर इतनाही प्यार करते है. हर रविवार को अमित अपने फैन्स से अपने बंगले जलसा के बाहर मिलते है. इस दिनका उनके फैन्स को बड़ा इंतजार रहता है.

अमिताभ बच्चन लोगों की मदद करने के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं, वे सामाजिक कार्य में भी अपना पूरा योगदान देते हैं. कर्ज में डूबे आंध्र प्रदेश के 40 किसानों को अमिताभ ने रुपये 1100000 की मदद की है. ऐसे ही विदर्भ के किसानों को भी उन्होंने ₹30,00,000 की मदद की.

अमिताभ बच्चन भारत के सबसे प्रतिष्ठित अभिनेता हैं, उन्होंने पहली बार 1970 के दशक में सिल्वर स्क्रीन पर शोहरत हासिल की और अब 190 से अधिक फिल्मों में अभिनय करके वह बॉलीवुड इंडस्ट्रीज के सबसे चहेते चेहरे बन गये हैं.

बिग बी अमिताभ बच्चन से जुडा एक किस्सा बहुत दिलचस्प है. आनंद फ़िल्म की सूटिंग चल रही थी. जिसमें राजेश खन्ना टाइटल रोल में आनंद की भूमिका में थे. फिल्म को डायरेक्ट कर रहे थे इंडस्ट्री के दिग्गज डायरेक्टर श्री ऋषिकेश मुखर्जी.

फिल्म के एक सीन के बीच अचानक अमिताभ बच्चन को देखकर ऋषिकेश मुखर्जी ने अचानक शूटिंग रुकवा दी और अमिताभ बच्चन को जमकर फटकार लगाई. फटकार की वजह थी उनके होठों पर लगी लिपस्टिक. जिसे देखकर श्री ऋषिकेश मुखर्जी नाराजगी नहीं रोक सके और सबसे सामने चिल्ला कर सवाल किया कि किससे पूछ कर आपने अपने होठों पर लिपस्टिक लगाई है. ऋषिकेश मुखर्जी की डांट सुनकर बिग बी भी सोचमे पड गए.

जब अमिताभ बच्चन को समझ आया कि उन्हें होठों के रंग की वजह से डांट पड़ रही है. तब उन्होंने समझाने की कोशिश की कि ये उनके होठों का असली रंग है. लेकिन किसी ने उनकी बात मानी ही नहीं. मेकअप मैन को सेट पर बुलाया गया और बार-बार अमिताभ बच्चन के होंठ साफ करवाए गए. पर जब होठों का रंग नहीं बदला तो सबको ये मानना ही पड़ा कि उनके होठों का रंग ही इतना गुलाबी है. फिल्म का ये दिलचस्प किस्सा खुद बिग बी ने अपने ब्लॉग पर शेयर किया था.

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