सनातन धर्मियों मे तिलक का महत्त्व| Tilak

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हिंदू सनातन धर्मियों मे पूजा पाठ या शुभ काम के दौरान माथे पर तिलक लगाने की पुरानी परंपरा है. इसके पीछे का कारण के बारेमें आज हम विस्तार से चर्चा करंगे.

तिलक का अर्थ है भारत में किसी भी शुभ कार्य से पूर्व , माथे पर लगाया जानेवाला चिन्ह. यह तिलक सिंदूर, रोली, चंदन, केसर या फिर हल्दी से भी लगाया जा सकता है. मान्यता है कि शुभ कार्यों मे शास्त्रानुसार यदि कोई व्यक्ति तिलक नहीं लगाता हैं तो उसके द्वारा किया गया कोई भी शुभ कार्य पूजा कर्म इत्यादि फलीभूत नहीं होता और तिलक हीन व्यक्ति का दर्शन करना भी निषेध कहां गया है.

तिलक को हमारे मस्तिक के केंद्र पर लगाने का कारण ये है कि मनुष्य शरीर में 7 छोटे छोटे ऊर्जा केंद्र होते हैं. तिलक को मस्तिष्क के बीच में इसीलिए लगाया जाता है क्योंकि हमारे मस्तिष्क के बीच में आज्ञाचक्र होता है.

आज्ञा चक्र स्पष्टता और बुद्धि का केन्द्र है. यहां पर शरीर की तीन प्रमुख नाड़ियां- इडा (चंद्र नाड़ी), पिंगला (सूर्य नाड़ी) और सुषुम्ना (केन्द्रीय, मध्य नाड़ी) आकर मिलती हैं. आज्ञाचक्र को गुरुचक्र भी कहा जाता है क्योंकि यहीं से पूरे शरीर का संचालन होता है. यह हमारे शरीर का केंद्र स्थान है.

ये स्थान एकाग्रता और ज्ञान से परिपूर्ण हैं. और गुरुचक्र को बृस्पति ग्रह का केंद्र माना जाता है. बृहस्पति सभी देवों का गुरु होता है. इसीलिए इसे गुरुचक्र कहा जाता है. पूजा में तिलक और पुष्प के साथ कुछ मिष्‍ठान और चावल जरूर होते हैं. ऐसा इसलिए कि पूजा की विधि बिना चावलों के पूरी नहीं हो सकती. यही वजह है कि चावलों को शुद्धता और शुभ का प्रतीक माना जाता है और इसे माथे पर तिलक के साथ लगाया जाता है.

तिलक हमेशा अनामिका उंगली से लगाया जाता है. अनामिका उंगली सूर्य की प्रतीक होती है. यह अनामिका उंगली से तिलक लगाने से तेजस्वी और प्रतिष्ठा मिलती है. साथ ही जब भी मान-सम्मान के लिए अंगुष्ठ यानि अंगूठे से तिलक लगया जाता है. अंगुष्ठ से तिलक लगाने से ज्ञान और आभूषण की प्राप्ति होती है. विजय प्राप्ति के लिए तर्जनी उंगली से तिलक लगाते है.

आज्ञा च्रक को हमारी चेतना का भी मुख्य स्थान माना जाता है और इसे मन का घर भी कहते हैं. योग करने के दौरान ध्यान के समय इसी स्थान पर मन को एकाग्र किया जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार चंदन का तिलक लगाने से मनुष्य के पापों का नाश होता है और कई तरह की मुश्किलों से बचने में मदद मिलती है. साथ ही ऐसी भी मान्यता है कि चंदन का तिलक लगाने से सौभाग्य में बढ़ोतरी होती है.

मानसिक शांति और ऊर्जा की प्राप्ति के लिए भी चंदन का तिलक लगाया जाता है. ऐसी भी मान्यता है कि तिलक लगाने से व्यक्ति के स्वभाव में सुधार आता है.

ज्योतिष शास्त्र की मानें तो तिलक या टीका लगाने से ग्रहों की शांति होती है. तिलक सफेद, लाल और पीला आदि किसी भी रंग का हो, सभी में ऊर्जा होती है लेकिन सफेद रंग यानि चंदन के तिलक को शीतलदायी, लाल रंग के तिलक को ऊर्जावान और पीले रंग के तिलक को प्रसन्नचित रहने के लिए भी लगाया जाता है. वहीं शिव भक्त भभूति यानि काले रंग का तिलक भी लगाते हैं, जो मोहमाया से दूर रहने का सूचक है.

मान्यता ये भी है कि तिलक लगाने से समाज में मस्तिष्क हमेशा गर्व से ऊंचा होता है. हिंदू परिवारों में किसी भी शुभ कार्य में “तिलक या टीका” लगाने का विधान हैं.

हमें कौन सा तिलक लगाना चाहिए? :

अपने माथे पर लगाएं चंदन का तिलक- तिलक लगाने से ना केवल मानसिक एकाग्रता बढ़ सकती है बल्कि यह सफेद तिलक शरीर में उर्जा का संचार भी करता है. इस तिलक को बेहद शुभ माना जाता है. वहीं आप बृहस्पति भगवान की कृपा पाना चाहते हैं तो हल्दी का चंदन या पीला चंदन में लगा सकते हैं. अपने माथे पर आप भस्म का तिलक भी लगा सकते हैं.

रावण संहिता में कई ऐसे तांत्रिक तिलक की चर्चा की गई है, जिसमें जो भी व्यक्ति यह तिलक लगाता है वह स्वयं ही लोग उसकी तरफ अपने खिंचे चले आते हैं.

रावण संहिता मे छुपे तिलक के रहस्य.

(1) सबसे पहले आप सफेद आंकड़े (अकवन) को छायामें अच्छे से सुखा लें. बाद मे सफेद गाय के दूध में मिलाकर उसे पीस लें, फिर अपने ललाट (माथा) पर उसका तिलक लगाएं. जो व्यक्ति ऐसा करता है उसका समाज में वर्चस्व स्थापित हो जाता है.

(2) आप अपामार्ग के बीज को बकरी के दूध में मिलाएं फिर उसे पीसकर उसका अच्छे से लेप बनाकर लगाएं. इस लेप को जो व्यक्ति लगाता है उसका समाज में काफी आकर्षण बढ़ जाता है. उस व्यक्तिका कहा सभी लोग मानते हैं.

(3) आप दुर्वा घास के चमत्कार के बारे में पहले से ही अच्छी तरह जानते होंगे. इसके चमत्कार का शास्त्रों में भी काफी वर्णन किया गया है. यदि कोई व्यक्ति सफेद दुर्वा घास का सफेद गाय के दूध के साथ लेप बनाकर तिलक लगाए तो वह व्यक्ति किसी भी काम में असफल कभी नहीं होगा.

(4) अगर आप समाज, घर या फिर ऑफिस जैसी जगहों पर आकर्षक का कारण बनना चाहते हैं तो बिल्वपत्र और बिजौरा नींबू को बकरी के दूध में मिलाएं, फिर उसका तिलक लगाएं. ऐसा करने पर आपका हर जगह पर आकर्षण बढ़ेगा. साथ की साथ हर जगह लोगों का ध्यान आपका अपनी तरफ खींचने में सफल रहेंगे

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