” सबसे महंगा गधी का प्राकृतिक दूध.”

गधी का दूध के बारे में सुनकर आप सभी को अजीब सा लग रहा होगा, पर ये शरीर के लिए कई तरह से फायदेमंद है. गधी का दूध, बकरी और गाय के दूध जैसा ही एक उत्तम प्राकृतिक दूध है. मगर इसकी कीमत सुनकर आप हैरत में पड़ जाओगे !!!.

लोग दूध से पैसा कमाने के लिए गाय पालते हैं, भैंस पालते हैं और बकरियां पालते हैं. यह दूध आसानी से रिटेल में 50 से 80 रुपये किलो में बिक जाता है. लेकिन आपको जानकर आश्चर्य होगा कि गधी का दूध बाजार में 7,000 रुपये किलो तक बिकता है.

भारत में इसके एक लीटर दूध की कीमत 7 से 8 हजार रुपये है. अमेरिका और यूरोपीय देशों में यह 160 डॉलर यानी करीब 13 हजार रुपये प्रत‍ि लीटर बिकता है. एक गधी दिन में 200-250 एमएल दूध देती है. ये गधी के नस्ल के आधार भी निर्भर करता है.गधी का दूध गाय के दूध की तुलना में आसानी से पच जाता है.

गधी की हलारी नस्ल गुजरात में पाई जाती है और इसका दूध चिकित्सा के लिए एक महत्वपूर्ण घटक है. इस दूध

का उपयोग प्राचीन काल से कॉस्मेटिक प्रयोजनों के साथ-साथ शिशु पोषण के लिए भी किया जाता रहा है.

गधी के दूध से बनने वाली एक साबुन की कीमत 500 रुपए तक होती है. गधी के दूध में एंटी ऑक्सीडेंट, एंटी एजिंग और रीजेनेरेटिंग कंपाउंड्स होते हैं. इससे त्वचा मुलायम रहती है. गधी के दूध में विटामिन ई, डी, ओमेगा 3, 6 और अमीनो एसीड जैसे औषधीय तत्व पाए जाते हैं.

गधीका दूध सांस संबंधी समस्याओं के इलाज लिए काफी लाभकारी माना जाता रहा है. इसमें मौजूद मिनरल और कैलोरी की मात्रा काफी ज्यादा होती है. जोकि दमा और सांस संबंधी समस्याओं को ठीक करने में बेहद कारगर साबित होती है.

ऐसा कहा जाता है कि प्राचीन मिस्र की रानी क्लियोपेट्रा अपनी त्वचा की सुंदरता और जवानी बरकरार रखने के लिए गधी के दूध से स्नान करती थी. किंवदंती है कि उसके दैनिक स्नान के लिए आवश्यक दूध की मात्रा उपलब्ध कराने के लिए कम से कम 700 गधों की आवश्यकता होती थी.

गांव कनेक्शन में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली में रहने वाली पूजा कौल ने हाल ही में एक स्टार्टअप शुरू किया है जिसका नाम है “ऑर्गेनिको” ये स्टार्टअप गधी के दूध से साबुन बनाता है. पूजा कौल ने चंडीगढ़ में आयोजित 6वें इंडियन ऑरगेनिक फेस्टिवल में भी अपने इस अनोखे साबुन को पेश किया था. इस रिपोर्ट में पूजा कौल बताती हैं कि गधी के दूध से साबुन बनाने के लिए गधी के दूध के साथ 5 तरह के नेचुरल ऑयल मिलाए जाते हैं.

इसके साथ में शहद और चारकोल भी मिलाया जाता है जो एक्ने ऑयली त्वचा के लिए ज्यादा फायदेमंद होता है. जबकि जिनकी त्वचा नाजुक है उनके लिए गधी के दूध में ऐलोवेरा, चंदन, नीम, पपीता, हल्दी और कई तरह के तेलों का इस्तेमाल कर के साबुन बनाया जाता है. आपको बता दें गधी के दूध से बने साबुन की कीमत 500 रुपये तक हो सकती है.

गधी के दूध में कई पोषक तत्व पाए जाते हैं. कई बीमारियों में भी गधी का दूध फायदेमंद होता है. आपको बता दें कि गधी काफी कम दूध देती है. इसके दूध में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं. यह एंटी एजिंग में काम आता है. गधी का दूध अन्य दूध के मुकाबले लंबे समय तक सुरक्षित रहता है.

कर्नाटक के मंगलूरु में रहने वाले श्रीनिवास गौड़ा ने 42 लाख रुपये का इन्वेस्टमेंट लगाकर 20 गधियों के साथ डंकी मिल्क फार्म शुरू किया है. यह कर्नाटक में अपनी तरह का पहला डंकी फार्मिंग और ट्रेनिंग सेंटर है. एक रिपोर्ट के अनुसार यह दूध पैकेट में बिकेगा और एक 30 एमएल के दूध की कीमत 150 रुपये होगी. यह दूध दुकानों के साथ ही मॉल और सुपरमार्केट में भी उपलब्ध होगा. गौड़ा का दावा है कि उन्हें गधी के दूध के 17 लाख रुपये के ऑर्डर तो मिल चुके हैं.

गधी के दूध में कुछ ऐसे पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो रक्त शर्करा, ब्लड सर्कुलेशन, और सूजन जैसी समस्या से भी राहत दिला सकता है. विशेषज्ञों के अनुसार, गधी के दूध में मौजूद प्रोटीन में ऐसे गुण होते हैं, जो टाइप 2 शर्करा के इलाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.

यह दूध ग्लूकोज के स्तर को भी नियंत्रित करता है. साथ ही इंसुलिन के प्रतिरोध में सुधार लाता है. हालांकि, अगर आप किसी बीमारी के इलाज में गधी के दूध का उपयोग करने जा रहे हैं, तो डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है

पेट से जुड़ी बीमारियों में भी फायदा

कुछ वैज्ञानिकों का मानना है कि गधी के दूध में पाया जाने वाले प्रोटीन में एंटीमाइक्रोबियल गुण होते हैं, जो पेट से जुड़ी कई समस्याओं से राहत दिला सकते हैं. इसके अलावा यह आंत में अच्छे बैक्टीरियों की संख्या बढ़ाता है. कई देशों में इस दूध से बनी दवाओं का उपयोग काली खांसी से छुटकारा पाने में होता है.

गधी के दूध से बनाया गया पनीर 800 पौंड (68,800 रुपए) प्रति किलो बिकता है. बताया जाता है कि गधी के 25 किलो दूध से एक किलो पनीर बन सकता है, जिसका स्वाद भेड़ के दूध के पनीर से मिलता-जुलता है.

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