समाचार पत्रों की मुख्य भूमिका तथा प्रमुख समाचार पत्रों का प्रथम प्रकाशन | Main role of newspapers and first publication of major newspapers.

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समाचार पत्र दैनिक, साप्ताहिक, मासिक, और वार्षिक 4 प्रकार के होते है. अखबार मनुष्य को दुनिया में होने वाली सामजिक , आर्थिक, खेल -कूद, मनोरंजन और साहित्यिक हर प्रकार के वर्ग की जानकारी प्रदान करता है. हिंदी भाषा के लोकप्रिय समाचार पत्रों के नाम है दैनिक जागरण, अमर उजाला, हिंदुस्तान टाइम्स, नवभारत टाइम्स, पंजाब केसरी आदि.

समाचार-पत्रों का काम लोगों को विश्व भर की घटनाओं के बारे में सच्ची जानकारी देना, चिंताजनक मुद्दों पर विचार प्रदान करने, अनुसंधान को सुविधाजनक बनाने तथा विज्ञापन देने के लिए किया जाता है.

समाचार पत्र ज्ञान और सूचना प्राप्त करने के साथ ही कुशलता को बढ़ाने का सबसे अच्छा माध्यम है. समाचार पत्र अपनी खबरों से लोगों को जागरूक करते हैं और साथमे उनके जिम्मेदारियों का एहसास भी दिलाते हैं. एक तरह से समाचार पत्र राष्ट्रीय जागरण का कार्य करता है. समाचार पत्र के माध्यम से हम अपने व्यापार संबंधित विज्ञापन दे सकते हैं.

समाचार पत्र हमें जागरूक नागरिक बनने में मदद करता है. जब भी देश के नियमों और विनियमों में कोई बदलाव होता है, तो समाचार पत्र हमें उनके बारे में जागरूक करते हैं.

कभी कभी समाचार पत्र हमें भ्रामक जानकारियां प्रदान कराता है.

किसी भी जानकारी का स्वरूप बदल कर वह उकसावे वाली बनाई जा सकती है जिसका वास्तविकता से कोई भी लेना देना नहीं होता हैं. इसके कारण दो राज्यों या दो देशों के बीच आपसी मतभेद उत्पन्न हो सकता है.

समाचार पत्रों में फोटो या गलत कंटेंट की एडिटिंग करके भ्रम फैला सकते हैं जिसके कारण कभी-कभी दंगे जैसी आशंका भी उत्पन्न हो जाती है.

आज के समय समाचार पत्र हमें पूरे विश्व में हो रही घटनाओं के बारे में जानकारी देकर वर्तमान समय से जुड़े रखने में हमारी मदद करता है.

समाचार पत्र हमें अपने देश में हो रही सभी घटनाओं के साथ ही संसार में हो रही घटनाओं से भी अवगत कराते हैं. यह हमें खेल, नीतियों, धर्म, समाज, अर्थव्यवस्था, फिल्म उद्योग, फिल्म (चलचित्र), भोजन, रोजगार आदि के बारे में बिल्कुल सटीक जानकारी देता है.आज के समय में समाचार पत्र जीवन का एक महत्वपूर्ण अंग बन चुका है. समाचार पत्र की शक्ति असीम होती है.

भारत के समाचारपत्रों के पंजीयक का कार्यालय जिसे भारत के समाचार पत्रों के पंजीयक REGISTRAR OF NEWSPAPAERS FOR INDIA

(आरएनआई) के नाम से अधिक जाना जाता है, भारत सरकार के सूचना और प्रसारण मंत्रालय का एक वैधानिक निकाय है जो भारत के समाचारपत्रों और पत्रिकाओं जैसे प्रकाशनों के पंजीकरण के लिए है.

इसकी स्थापना 1 जुलाई 1956 को प्रथम प्रेस आयोग की 1953 की सिफारिश पर और प्रेस और पुस्तक पंजीकरण अधिनियम सन 1867 में संशोधन करके की गई थी. भारत के समाचारपत्रों के पंजीयक का कार्यालय का मुख्यालय नई दिल्ली में है.

RNI आरएनआई प्रेस और पुस्तक पंजीकरण अधिनियम, 1867 और समाचारपत्र पंजीकरण (केंद्रीय) नियम, 1956 के आधार पर समाचारपत्रों के मुद्रण और प्रकाशन को नियंत्रित और मॉनिटर करता है. रजिस्ट्रार को प्रेस रजिस्ट्रार के रूप में नामित किया गया है.

हम सब जानते हैं कि लोकशाही की ईमारत चार स्तंभों पर खड़ी हैं.

(1) विधायिका,

(2) कार्यपालिका,

(3) न्यायपालिका और

(4) मीडिया.

इसमें मिडिया को चतुर्थ स्थम्भ की मान्यता प्रदान की गई हैं.

अधिकांश विधायिका के रखवाले भ्रस्टाचार में लिप्त हैं. कार्यपालिका के कर्मचारी रिश्वत लेना उनका जन्म सिद्ध

अधिकार समझते हैं. न्याय पालिका अपने विलम्ब के लिए बदनाम हैं.

मिडिया को भी कई लोग गोदी मिडिया करके पुकारते हैं. बिकाऊ पत्र और पत्रकारों का चलन बढ़ रहा हैं. फिर भी एक मिडिया ही ऐसा चौकीदार हैं जो समय समय पर अपनी कलम की ताकत का अहसास कराते रहता हैं.

भारत में लगभग 1 लाख अख़बार की कंपनियां रजिस्टर्ड हुई है जिनमे से अधिकतर 190 बड़ी है जो सक्रिय है, जिसमे दैनिक भास्कर,जागरण,नव भारत,पत्रिका ,अमर उजाला,हरी भूमि ,जैसे कई हिंदी के अख़बार है, इसके अलावा भारत में कुछ प्रमुख अंगेजी के अख़बार भी प्रकाशित होते है जैसे दी हिन्दू, इकनोमिक टाइम्स, हिंदुस्तान टाइम्स,और बाकी कंपनियों को मिलाकर करीब 24 करोड़ अख़बार रोजाना प्रकाशित होते है.

प्रेस और पुस्तक पंजीयन अधिनियम, 1867 के अंतर्गत समाचारपत्रों का पंजीयन आवश्यक है. यह अधिनियम समाचारपत्र के स्वामी के अधिकारों की रक्षा करता है ताकि कोई अन्य प्रकाशक समान/समरूप शीर्षक से उसी भाषा / राज्य में दूसरा समाचारपत्र प्रकाशित नहीं कर सकता.

ऑक्सफ़ोर्ड इंग्लिश डिक्शनरी (OED) के अनुसार, सन 1649 तक समाचार पत्रों, पत्रिकाओं को सामूहिक रूप से प्रेस के रूप में संदर्भित किया जाता था. यह निश्चित रूप से प्रिंटिंग प्रेस से आता है, जिसका आविष्कार 15वीं शताब्दी में हुआ था और 16वीं, 17वीं और 18वीं शताब्दियों में इसने तेज़ी से लोकप्रियता हासिल की थी. आज भी कई पत्रकार अपने वाहनों पर प्रेस या PRESS लिखते हैं. जो अपनी गरिमा को इंगित करता हैं.

यूरोपीय लोगों के भारत में प्रवेश के साथ शुरू हुआ समाचार पत्रों का चलन. सर्वप्रथम भारत में प्रिंटिग प्रेस लाने का श्रेय पुर्तग़ालियों को दिया जाता है.

देश के कुछ प्रमुख अखबार :

*** बंगाल गजट (1780)

बंगाल गजट, एशिया व भारत का प्रकाशित होने वाला अंग्रेजी भाषा का पहला समाचार पत्र था. यह सप्ताहिक पत्र था जो कोलकाता में सन 1780 में आरंभ किया गया था. इसके प्रकाशक जेम्स आगस्टस हिक्की थे. अख़बार में दो पन्ने थे और इसमें ईस्ट इंडिया कंपनी के वरिष्ठ अधिकारियों की व्यक्तिगत जीवन पर लेख छपते थे. यह अखबार दो साल के लिए प्रकाशित हुआ था. इस समाचार पत्र में कम्पनी व सरकार की आलोचना की गई थी, जिस कारण उनका प्रेस जब्त कर लिया गया. इसे ‘कलकत्ता जनरल एडवरटाईजर्स’ भी कहा जाता था. लोग आज इसे ‘हिक्की गैजेट’ के रूप में याद करते हैं.

*** बॉम्बे हेराल्ड (1789)

बॉम्बे का पहला अखबार ‘बॉम्बे हेराल्ड’ था जो सन 1789 में प्रकाशित हुआ था. 1790 में बाम्बे कुरियर लंकेश बर्नर द्वारा प्रकाशित किया गया. बाद में इसका नाम बदल कर ‘बाम्बे टाइम्स ‘ कर दिया गया. यह पहला अख़बार था जिसमे गुजराती भाषा में विज्ञापन छापते थे.

*** समाचार दर्पण (1818)

23 मई 1818 में भारत का पहला दैनिक समाचार पत्र ‘समाचार दर्पण ‘ बंगला में प्रकाशित हुआ . यह पहले दिग्दर्शन नामक पत्र बंगाल भाषा में छपा जो बाद में समाचार दर्पण के नाम से साप्ताहिक रूप में प्रकाशित होने लगा. इसके संपादक जे .सी मार्शमैन थे जो एक पादरी थे. इस पत्र में स्थानीय औऱ विदेशी खबरें अंग्रेजी और बांग्ला में प्रकाशित होती थी, जिन्हें जन सामान्य भी पढ़ते थे.

*** संवाद कौमुदी (1821)

सन 1821 में बंगाली भाषा में साप्ताहिक समाचार पत्र ‘संवाद कौमुदी’ का प्रकाशन हुआ. इस समाचार पत्र का प्रबन्ध राजा राममोहन राय के हाथों में था. यह राजनीतिक नहीं सामाजिक समस्याओं को लेकर चलनेवाली पत्रिका थी जिसका मुख्य उद्धेश्य समाजिक कुरीतियों को मिटाना, सती प्रथा जैसी रूढ़ि़ का खण्डन करना था.

*** बॉम्बे समाचार (1822)

मुंबई ना समाचार यानि अब मुंबई समाचार, भारत देश में सबसे पुराना लगातार प्रकाशित होने वाला समाचार पत्र जो पहली बार जुलाई 1822 में फ़ार्दुनजी मुरज़बान द्वारा प्रकाशित हुआ था. वे बॉम्बे में वर्नाकुलर प्रेस के एक अग्रणी थे. यह पत्र गुजराती और अंग्रेजी में प्रकाशित होता था.

*** मिरत-उल- अखबार (1822)

राजा राममोहन राय ने अपने विचारों को व्यापक बनाने के लिए फारसी भाषा में मिरत उल अखबार अप्रैल, 1822 में प्रकाशित किया व अंग्रेज़ी भाषा में ‘ब्राह्मनिकल मैगजीन’ का प्रकाशन किया. एडम्स द्वारा समाचार पत्रों पर लगे प्रतिबन्ध व ब्रिटीश सरकार की दमननीति के कारण अख़बार बन्द हो गया.

उदन्त मार्तंड (1826)

1826 में हिंदी का पहला समाचार पत्र ‘उदन्त मार्तंड ‘का प्रकाशन युगल किशोर शुक्ल के संपादन में शुरू हुआ जो कलकत्ता से एक साप्ताहिक पत्र के रूप में शुरू हुआ था उदन्त का अर्थ समाचार होता है. परन्तु यह साप्ताहिक पत्र 1827 तक चला और पैसे की कमी के कारण बंद हो गया.

टाइम्स ऑफ इंडिया (1838)

द टाइम्स ऑफ़ इण्डिया भारत में प्रकाशित एक अंग्रेज़ी भाषा का दैनिक समाचार पत्र है. 3 नवंबर, 1838 – टाइम्स ऑफ इंडिया ने बॉम्बे टाइम्स और जर्नल ऑफ कॉमर्स के रूप में अपना पहला संस्करण जारी किया था. इसका प्रबन्धन और स्वामित्व बेनेट कोलेमन एंड कम्पनी लिमिटेड के द्वारा किया जाता है. यह समूह इकॉनॉमिक टाइम्स, मुंबई मिरर, नवभारत टाइम्स , दी महाराष्ट्र टाइम्स का भी प्रकाशन करता है. अब, 150 से अधिक वर्षों की सेवा टाइम्स ऑफ इंडिया देश में सबसे बड़ी अंग्रेजी दैनिक बन गया है.

*** द स्टेट्समैन (1875)

द स्टेट्समैन 1875 में स्थापित अंग्रेजी भाषा का दैनिक समाचार पत्र है जो भारत के पश्चिम बंगाल के प्रमुख अंग्रेजी समाचार पत्रों में से एक है. यह अखबार रॉबर्ट नाइट द्वारा शुरू किया गया था, जो पहले टाइम्स ऑफ इंडिया के प्रमुख संस्थापक और संपादक थे. द स्टेट्समैन कोलकाता, नई दिल्ली, सिलीगुड़ी और भुवनेश्वर से एक साथ प्रकाशित किया जाता है. इसका स्वामित्व द स्टेट्समैन लिमिटेड के पास है और यह एशिया न्यूज नेटवर्क का सदस्य है.

*** आनंद बाजार पत्रिका (1876)

आनंद बाजार पत्रिका ABP समूह के स्वामित्व वाला एक भारतीय बंगाली भाषा का एक समाचार पत्र है जिसका प्रकाशन कोलकाता, नई दिल्ली एवं मुम्बई से एक साथ होता है. सन 1876 में सिसिर कुमार घोष द्वारा पहली बार प्रकाशित किया गया था लेकिन 1922 में इस अखबार को फिर से शुरू किया गया.

*** द हिंदू (1878)

द हिन्दू मुख्य रूप से दक्षिण भारत में पढ़ा जाता है और केरल एवं तमिलनाडु में सबसे ज्यादा पढ़ा जाने वाला अंग्रेज़ी दैनिक समाचार पत्र है जो 1878 में एक साप्ताहिक के रूप में शुरू किया गया था और सन 1889 में दैनिक बन गया जिसका स्वामित्व द हिंदू ग्रुप के पास है. इसका मुख्यालय चेन्नई में है. मार्च 2018 तक, द हिंदू 11 राज्यों में 21 स्थानों से प्रकाशित हुआ है. वर्ष 1995 में अपना ऑनलाइन संस्करण उपलब्ध करवाने वाला, द हिन्दू प्रथम भारतीय समाचार पत्र है.

*** केसरी (1881)

केसरी एक मराठी समाचार पत्र है जिसकी स्थापना 1881 में भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के एक प्रमुख नेता लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक ने की थी. इस समाचार पत्र का उपयोग भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को आवाज देने के लिये की गयी थी. यह समाचार पत्र आज भी तिलक जी के वंशजों एवं केसरी मराठा ट्रस्ट द्वारा प्रकाशित होता है. केसरी में “देश का दुर्भाग्य” नामक शीर्षक से लेख लिखा गया जिसमें ब्रिटिश सरकार की नीतियों का विरोध किया फिर तिलक जी को भारतीय दंड संहिता की धारा 124-ए के अंतर्गत राजद्रोह के अभियोग में 27 जुलाई 1897 को गिरफ्तार कर लिया गया था.

*** द ट्रिब्यून (1881)

द ट्रिब्यून एक अंग्रेजी भाषा का भारतीय दैनिक समाचार पत्र है जो चंडीगढ़, नई दिल्ली, जालंधर, देहरादून और बठिंडा से प्रकाशित होता है. यह 2 फ़रवरी 1881 को, लाहौर में एक परोपकारी सरदार दयाल सिंह मजीठिया द्वारा स्थापित किया गया था. यह ट्रस्ट पांच न्यासियों द्वारा चलाया जाता है. डॉ हरीश खरे ट्रिब्यून समूह के समाचार पत्रों के मुख्य संपादक हैं.

*** मलयाला मनोरमा (1890)

मलयाला मनोरमा मलयालम में Morning Newspaper है, जो मलयाला मनोरमा कंपनी लिमिटेड द्वारा केरल के कोट्टायम से प्रकाशित होता है. मम्मेन मैथ्यू की अध्यक्षता में यह पहली बार 22 मार्च 1890 को साप्ताहिक के रूप में प्रकाशित हुआ था. वर्तमान में मनोरमा ने एक ऑनलाइन संस्करण भी प्रकाशित किया है.

*** बॉम्बे क्रॉनिकल (1910)

बॉम्बे क्रॉनिकल एक अंग्रेजी भाषा का समाचार पत्र था, जो मुंबई से प्रकाशित होता था. सन 1910 में सर फिरोजशाह मेहता द्वारा शुरू किया गया था, जो एक प्रमुख वकील थे, जो बाद में 1890 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष भी बने. यह अपने समय का एक महत्वपूर्ण राष्ट्रवादी समाचार पत्र था. 1913 से 1919 तक इसे B. G. Horniman द्वारा संपादित किया गया था. सबसे प्रसिद्ध संपादक में से एक सैयद अब्दुल्ला बरेलवी भी थे जिसने दशकों तक बॉम्बे क्रॉनिकल्स के जहाज को चलाया और हार्ट अटैक की वजह से उनकी मौत हो गई फिर बॉम्बे क्रॉनिकल की गुणवत्ता गिर गई. इस कारण 1959 में अखबार बंद हो गया.

*** द लीडर (1910)

द लीडर समाचार पत्र ब्रिटिश राज के दौरान अंग्रेजी भाषा के सबसे प्रभावशाली समाचार पत्रों में से एक था जिसका प्रारंभ मदन मोहन मालवीय जी ने ‘अभ्युदय‘के पश्चात् 24 अक्टूबर, 1910 को किया था. ‘लीडर’ के हिन्दी संस्करण ‘भारत’ का आरम्भ सन् 1921 में हुआ.

मालवीय जी ‘लीडर‘ के प्रति सदा संवेदनशील रहे, डेढ़ वर्ष बीतते-बीतते ‘लीडर‘ घाटे की स्थिति में जा पहुंचा. महामना उस दौरान काशी हिंदू विश्व विद्यालय के लिए धन एकत्र करने में लगे हुए थे, जब ‘लीडर‘ के संचालकों ने मालवीय जी को घाटे की स्थिति से अवगत कराया तो वे विचलित हो उठे. उन्होंने कहा कि, ‘‘मैं लीडर को मरने नहीं दूंगा. ‘‘ काशी विश्वविद्यालय की स्थापना का कार्य बीच में ही रोककर मालवीय जी ‘लीडर‘ के लिए आर्थिक व्यवस्था के कार्य में जुट गए. पहली झोली उन्होंने अपनी पत्नी के आगे यह कहते हुए फैलाई कि ‘‘यह मत समझो कि तुम्हारे चार ही पुत्र हैं. दैनिक लीडर तुम्हारा पांचवां पुत्र है. अर्थहीनता के कारण यह संकट में पड़ गया है. तो क्या मैं पिता के नाते उसे मरते हुए देख सकता हूं. ‘‘ मालवीय जी के अथक प्रयासों से ‘लीडर’ बच गया.

यंग इण्डिया (1919)

1919 में गाँधी जी ने ‘यंग इण्डिया’ का प्रकाशन शुरू किया. इस पत्र के माध्यम से गाँधी जी अपने राजनीतिक दर्शन, कार्यक्रम और नीतियों का प्रचार किया करते थे. उन्होंने आंदोलनों के आयोजन में अहिंसा के उपयोग के बारे में अपनी अनूठी विचारधारा और विचारों को फैलाने के लिए यंग इंडिया का इस्तेमाल किया और ब्रिटेन से भारत की अंतिम स्वतंत्रता के लिए पाठकों को विचार करने, संगठित करने व योजना बनाने का आग्रह किया.

**** मातृभूमि (1923)

मातृभूमि एक मलयालम समाचार पत्र है जो भारत के केरल से प्रकाशित होता है. इसकी स्थापना अंग्रेजों के खिलाफ भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय स्वयंसेवक के. पी केशव मेनन ने की थी. ब्रिटिश पुलिस द्वारा पहली बार महात्मा गांधी की गिरफ्तारी की पहली वर्षगांठ से एक दिन पहले 18 मार्च 1923 को मातृभूमि की पहली प्रति प्रकाशित की गई थी. यह केरल में दूसरा सबसे अधिक पढ़ा जाने वाला समाचार पत्र है.

*** हिंदुस्तान टाइम्स (1924)

हिंदुस्तान टाइम्स अंग्रेजी भाषा का दैनिक समाचार पत्र है जिसे 1924 में महात्मा गांधी द्वारा उद्घाटन किया गया, इस अखबार ने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में एक राष्ट्रवादी और कांग्रेस- दैनिक के रूप में अभिन्न भूमिकाएँ निभाईं. अखबार शोभाना भारतीय के स्वामित्व में है. यह HT मीडिया का प्रमुख प्रकाशन है, जो केके बिड़ला परिवार द्वारा नियंत्रित इकाई है. द इंडियन रीडरशिप सर्वे 2014 ने खुलासा किया कि टाइम्स ऑफ इंडिया के बाद भारत में एचटी दूसरा सबसे अधिक पढ़ा जाने वाला अंग्रेजी का अखबार है. यह अखबार नई दिल्ली, मुंबई, लखनऊ, पटना, रांची और चंडीगढ़ से एक साथ संस्करणों के साथ उत्तर भारत में लोकप्रिय है.

*** डेक्कन क्रॉनिकल (1930)

डेक्कन क्रॉनिकल 1930 के दशक में राजगोपाल मुदलियार द्वारा स्थापित और वर्तमान में SREI के स्वामित्व में स्थापित एक भारतीय अंग्रेजी भाषा का दैनिक समाचार पत्र है. यह डेक्कन क्रॉनिकल होल्डिंग्स लिमिटेड (DCHL) द्वारा हैदराबाद, तेलंगाना में प्रकाशित होता है. अखबार का नाम Deccan भारत के डेक्कन क्षेत्रों से originate हुआ है. डेक्कन क्रॉनिकल के आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में आठ संस्करण हैं. वे चेन्नई, बेंगलुरु और कोच्चि से भी प्रकाशित होते हैं.

*** द इंडियन एक्सप्रेस (1932)

द इंडियन एक्सप्रेस एक अंग्रेजी भाषा का भारतीय दैनिक समाचार पत्र है. यह इंडियन एक्सप्रेस ग्रुप द्वारा मुंबई में प्रकाशित किया जाता है. रामनाथ गोयनका द इंडियन एक्सप्रेस समाचार पत्र के प्रकाशक थे. उन्होंने 1932 में द इंडियन एक्सप्रेस लॉन्च किया और विभिन्न अंग्रेजी और क्षेत्रीय भाषा प्रकाशनों के साथ इंडियन एक्सप्रेस समूह बनाया. सन 1999 में, समूह के संस्थापक रामनाथ गोयनका की 1991 में मृत्यु के आठ साल बाद, समूह परिवार के सदस्यों के बीच बंट गया.

*** साकल (1932)

साकल मराठी भाषा में Sakal Media Group का दैनिक समाचार पत्र है जिसके संस्थापक नानासाहेब परुलेकर थे. यह अखबार भारत के शीर्ष 10 भाषा दैनिक समाचार पत्रों में शुमार है. सन् 1985 से प्रताप गोविंदराव पवार सकाल बोर्ड में हैं और वर्तमान में समूह के अध्यक्ष हैं. ऑडिट ब्यूरो ऑफ सर्कुलेशन (एबीसी) की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, साकल लगभग 1.3 मिलियन के दैनिक प्रसार के साथ महाराष्ट्र में सबसे अधिक सर्कुलेशन और सबसे अधिक बिकने वाला समाचार पत्र है.

*** हरिजन (1933)

महात्मा गांधी ने 1933 में अंग्रेजी में एक साप्ताहिक समाचार पत्र हरिजन का प्रकाशन शुरू किया. इसे अलग अलग भाषाओ में प्रकाशित किया गया था. इसमें इस सामाजिक बुराई के लिये वे नियमित लेख लिखते थे और यह 1948 तक चला. इस दौरान उन्होंने गुजराती में हरिजन बंधु, और हिंदी में हरिजन सेवक भी प्रकाशित किया.

*** हिंदुस्तान (1936)

हिन्दुस्तान हिन्दी भाषा का दैनिक समाचार पत्र है और भारत में चौथा सबसे बड़ा समाचार पत्र है जो मदन मोहन मालवीय ने इसे 1936 में लॉन्च किया. इसे हिंदुस्तान मीडिया वेंचर्स

लिमिटेड द्वारा प्रकाशित किया जाता है. इससे पहले यह एचटी मीडिया लिमिटेड समूह का हिस्सा था. आपको ये भी बता दें कि सन 1942 का भारत छोड़ो आन्दोलन छिड़ने पर `हिन्दुस्तान’ अखबार लगभग 6 माह तक बन्द रहा औऱ यह सेंसरशिप के विरोध में था.

*** द नेशनल हेराल्ड (1938)

द नेशनल हेराल्ड, द एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड द्वारा प्रकाशित एक भारतीय समाचार पत्र है. इसकी स्थापना भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने 1938 में की थी. इसे ब्रिटिश सरकार ने 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान प्रतिबंधित कर दिया था. यह ब्रिटिश राज के अंत के बाद भारत में प्रमुख अंग्रेजी भाषा के समाचार पत्रों में से एक था, और कभी- कभी नेहरू द्वारा ओप-एड प्रकाशित किया जाता था. अखबार ने वित्तीय कारणों से 2008 में परिचालन बंद कर दिया. 2016 में, इसे डिजिटल प्रकाशन के रूप में रीलॉन्च किया गया था.

*** दैनिक जागरण (1942)

दैनिक जागरण उत्तर भारत का सर्वाधिक लोकप्रिय समाचार पत्र है. 1942 में झाँसी से दैनिक जागरण का प्रकाशन शुरू हुआ औऱ इसका श्रेय आक्रामक स्वतन्त्रता सेनानी श्री पूर्णचन्द्र गुप्त को जाता है. बाद में सन 1947 से यह कानपुर से प्रकाशित होने लगा जो आज भारत में सर्वाधिक प्रसार संख्या वाला समाचार-पत्र बन गया है.

**** लोकसत्ता (1948)

लोकसत्ता महाराष्ट्र में एक मराठी दैनिक समाचार पत्र है जिसे 14 जनवरी 1948 को लॉन्च किया गया था. यह अखबार द इंडियन एक्सप्रेस समूह द्वारा प्रकाशित किया जाता है और इस समूह के संस्थापक रामनाथ गोयनका, लोकसत्ता के लिए हमेशा से ही समर्पित रहे. लोकसत्ता ने महात्मा गांधी की हत्या और उसके बाद के घटनाक्रमों के कवरेज के माध्यम से लोकप्रियता प्राप्त की.

*** दैनिक भास्कर (1958)

1958 में दैनिक भास्कर का प्रकाशन शुरू हुआ. इसे पहली बार भोपाल और ग्वालियर से एक साथ प्रकाशित किया गया था. दैनिक भास्‍कर भारत का एक प्रमुख हिंदी दैनिक समाचार पत्र है. इसका नाम शुरूआत में सुबह सवेरे फिर भास्कर समाचार रख दिया गया था, वर्ष 2010 में इसका नाम पुनः परिवर्तित कर दैनिक भास्कर रखा गया, जो वर्तमान में भी है. 2015 में यह देश का सबसे अधिक पढ़ा जाने वाला समाचार-पत्र बना.

*** बॉम्बे टाइम्स

बॉम्बे टाइम्स मुंबई में टाइम्स ऑफ इंडिया का एक free supplement है. इस अखबार में सेलिब्रिटी समाचार, अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय फैशन समाचार, जीवन शैली और फीचर लेख शामिल होते हैं. दस वर्षों की उपस्थिति में, यह पेज 3 सामाजिक परिदृश्य के लिए एक बेंचमार्क बन गया है. अब टाइम्स ऑफ इंडिया के साथ आने वाले नए सप्लीमेंट मुंबई है.

*** द इकॉनॉमिक टाइम्स (1961)

द इकॉनॉमिक टाइम्स एक अंग्रेजी भाषा का दैनिक अखबार है जिसका मुख्यालय मुंबई में द टाइम्स ऑफ इंडिया की इमारत में स्थित है. बेनेट, कोलमैन एंड कंपनी लिमिटेड द्वारा प्रकाशित द इकोनॉमिक टाइम्स ने सन 1961 में प्रकाशन शुरू किया था , जिसके संस्थापक संपादक पी एस हरिहरन थे और वर्तमान में द इकोनॉमिक टाइम्स के संपादक बोधिसत्व गांगुली हैं.

*** ईनाडु (1974)

ईनाडु तेलगु भाषी में पढ़़ा जानेवाला दैनिक समाचार पत्र है जो भारत के आंध्र प्रदेश और तेलंगाना राज्य से सर्कुलेट होता है. ईनाडु की स्थापना 1974 में भारतीय मीडिया बैरन रामोजी राव ने की थी. ईनाडू ने अन्य बाजारों में भी तेजी से विस्तार किए हैं जैसे वित्त और चिट फंड में मार्गदार्सी चिट्स, खाद्य पदार्थ में प्रिया फूड्स, फिल्म निर्माण में उषा किरण फिल्म्स, फिल्म वितरण में मयूरी फिल्म्स, और टेलीविजन चैनलों में ईटीवी.

*** द टेलीग्राफ (1982)

द टेलीग्राफ एक अंग्रेजी दैनिक समाचार पत्र है जो 7 जुलाई 1982 से कोलकाता में पहली बार प्रकाशित हुआ था. यह अखबार एबीपी समूह द्वारा प्रकाशित किया जाता है और अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया के साथ प्रतिस्पर्धा करता है. टेलीग्राफका प्रकाशन मीडिया समूह आनंद पब्लिशर्स द्वारा किया जाता है जो एबीपी प्राइवेट लिमिटेड से जुड़ा हुआ है.

*** जनसत्ता (1983)

जनसत्ता इंडियन एक्सप्रेस समूह का हिन्दी अख़बार है. इसकी स्थापना इंडियन एक्सप्रेस, दिल्ली के संपादक प्रभाष जोशी ने की थी. 1983 में शुरू हुए यह अखबार कई व्यापक रूप से परिचालित दैनिक समाचार पत्रों को प्रकाशित करता है, जिसमें द इंडियन एक्सप्रेस और द फाइनेंशियल एक्सप्रेस अंग्रेजी में, मराठी में लोकसत्ता और हिंदी में जनसत्ता शामिल हैं.उनके बाद इसके संपादक बने राहुल देव. हालांकि बाद में संपादक बने ओम थानवी ने प्रभाष जोशी के नजदीकी लोगों को ही निबटा दिया.

*** मेल टुडे (2007)

मेल टुडे राजनीति, मनोरंजन, सिनेमा, ऑटोमोबाइल, फैशन और जीवन शैली की कहानियों को कवर करने वाला दैनिक अखबार है. इसकी स्थापना नवंबर 2007 में हुई थी. यह इंडिया टुडे ग्रुप द्वारा ब्रिटिश अखबार डेली मेल के साथ joint venture में प्रकाशित होता है.

साभार : JMC study hub

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