सीमा समृद्धि कुशवाहा का नाम सुनतेही हमें सन 2012 मे दिल्लीमे हुए निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्या कांड की याद आती है. सीमा कुशवाहा
दिल्ली में हुए निर्भया मामले में निचली अदालत से लेकर सर्वोच्च न्यायालय तक पैरवी कर के पीड़ित पक्षकार को न्याय दिलाने में मुख्य भूमिका निभाई थीं. सीमा एक अव्वल नंबर की वकील उपरांत बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं.
ये एक ऐसी महिला वकील है, जो सामाजिक न्याय और महिला अधिकार और महिला सशक्तिकरण की हिमायती रही है. सीमा हमेशा सच्चाई और न्याय के लिए विश्वास से कार्य करती है.
सीमा 2012 के दिल्ली सामूहिक बलात्कार और हत्या कांड के मामले में पीड़िता के कानूनी सलाहकार के रूप में जानी जाती हैं. उनकी लंबी कानूनी लड़ाई के कारण, सभी चार वयस्क दोषियों को 20 मार्च 2020 को ऐतिहासिक जेल में फांसी दी गई थी.
सीमा कुशवाहा ने निर्भया केस के चारो दरिंदों को सजा दिलाने के लिए पुरी ताकत लगा दी थी. कानून के क्षेत्र में तमाम तिकड़मबाजी और तर्क वितर्क से भरा यह केस देर रात तक चला. और आखिरकार निर्भया के दरिंदों को फांसी मिली और सीमा कुशवाहा की जीत हुई. इसके साथ ही सीमा की कीर्ति दुनिया भर में फैल गई.
सीमा को गलोब्ल गोल अवार्ड से नवाजा गया. संयुक्त राष्ट्र संघ की एक सहयोगी संस्था रिपब्लिक आफ वीमेन संस्था ने उसे दुनिया की श्रेष्ठ10 महिला ओं मे शामिल किया.
सीमा कुशवाहा का जन्म ता : 10 जनवरी 1982 के दिन उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के महेवा तहसील की ग्राम पंचायत बिधिपुर ब्लॉक के एक छोटे से गांव उग्रापुर में हुआ था. माताजी का नाम रामकुआरी और पिताजी का नाम
बलदीन कुशवाहा था. बेटी की इस कामयाबी पर सबसे ज्यादा उनकी मां रामकुअरी खुश हैं. वह कहती हैं कि अब बेटियों को जुल्म के खिलाफ ऐसे ही सीना तानकर खड़ा होना चाहिए. भाई प्रहलाद सिंह और अन्य परिजन भी निर्भया के दोषियों को फांसी मिलने और सीमा कुशवाहा के योगदान पर काफी खुश हैं.
सीमा कुशवाहा ने आज जो मुकाम हासिल किया है, उसके लिए उन्होंने लंबी लड़ाई लड़ी थी. गरीब परिवार की सीमा कुशवाहा ने अभावों के बीच अपनी पढ़ाई पुरी की.शुरू की शिक्षा गांव और आसपास ही हुई. इसके बाद वह लखना कस्बे के कलावती रामप्यारी स्कूल में पढ़ने गईं और वहां से इंटर की पढ़ाई पूरी की. फिर अजीतमल पीजी कॉलेज गईं. सात-भाई बहनों में सीमा सबसे छोटी हैं.
अजीतमल पीजी कॉलेज के बाद सीमा कुशवाहा कानपुर गईं और वहां के डीएवी कॉलेज से लॉ किया. लॉ करने के बाद वह कुछ समय हाई कोर्ट इलाहाबाद गईं. आर्थिक तंगी के चलते प्रौढ़ शिक्षा विभाग में अनौपचारिक शिक्षक के रूप में संविदा पर नौकरी की. फिर साहस किया और 2012 में सुप्रीम कोर्ट चली गईं. सीमा ने वहीं मास कम्युनिकेशन की भी पढ़ाई की.
क्या है निर्भया बलात्कार का मामला :
कब और क्या हुआ ?
निर्भया अपने पुरुष मित्र के साथ बस में सफर कर रही थी. तब दिल्ली के मुनिरका इलाके में चलती बस में निर्भया से छह लोगों ने गैंगरेप किया. ता : 16 दिसंबर 2012 की रात कुछ मनचलो ने निर्भया की छेड़छाड़ की. विरोध करने पर बुरी तरह पीटा गया. जब उसका पुरुष मित्र बेहोश हो गया तो उस युवती के साथ बलात्कार करने की कोशिश की गई.
निर्भया ने जब उनका विरोध किया लेकिन जब वह संघर्ष करते-करते थक गयी तो दरिंदों ने पहले तो निर्भया से बेहोशी की हालत में बलात्कार करने की कोशिश की. मगर सफल न होने पर उसके यौनांग में व्हील जैक की रॉड घुसाकर बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया.
उसके बाद उन्होने दोनों को एक निर्जन स्थान पर बस से नीचे फेंक दिया और वहासे भाग गये.
दोनों को दिल्ली की सफदरजंग अस्पताल ले जाया गया. और निर्भया की शल्य चिकित्सा की गयी. लेकिन उसकी हालत में कोई सुधार नहीं हुआ.
देशभर में लोगों के गुस्से को देखते हुए पीड़िता निर्भया को इलाज के लिए ता : 26 दिसंबर 2012 के दिन सिंगापुर के माउन्ट एलिजाबेथ अस्पताल ले जाया गया जहां निर्भया ने 29 दिसंबर 2012 के दिन प्राण त्याग दिये. तारिख : 30 दिसंबर 2012 के दिन दिल्ली लाकर पुलिस सुरक्षा में उसके शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया.
निर्भया हत्या कांड में गिरफ्तार किए गए मुख्य आरोपी राम सिंह ने ता : 11 मार्च 2013 के दिन दिल्ली की तिहाड़ जेल संख्या -3 में आत्महत्या कर ली. इस मामले मे छह आरोपियों में से एक नाबालिग आरोपी को जुवेनाइल कोर्ट द्वारा तीन साल की सजा सुनाई.
अन्य चार लोगो को ता : 20 मार्च 2020 के दिन साढ़े 5 बजे फांसी दी गई. जिसमे निम्नलिखित अपराधी ओका समावेश था…..
(1) मुकेश ( 32 वर्ष).
(2) पवन गुप्ता (25 वर्ष).
(3) विनय शर्मा (26 वर्ष).
(4) अक्षय कुमार (31 वर्ष).