स्वतंत्रता सेनानी स्व : मोरेश्वर पाटील | Part – LXXVIII

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भाईंदर विभाग के प्रसिद्ध वरिष्ठ कोंग्रेसी कार्यकत्ता, स्वतंत्रता सेनानी समाज सेवक स्व : मोरेश्वर पाटील का जन्म सन 1923 मे वसई तालुका के पांजू गांव ( टापू ) मे एक गरीब किसान के घर हुआ था.

घर की आर्थिक परिस्थिति ख़राब होनेके कारण आपने मामा राजाराम भोईर जी के यहां रह कर पांजू स्थित प्राथमिक स्कूलमे पढाई की. माध्यमिक शिक्षा आपने मुंबई के विलेपार्ले के तिलक विद्यालय से प्राप्त की. सन 1942 मे जब आप 10 वी की पढाई करते थे तब ” भारत छोडो आंदोलन ” मे आपने भाग लिया था. उस समय तिलक विद्यालय के कुल 50 विद्यार्थियों ने आपके नेतृत्व मे सक्रिय हिस्सा लिया था. उस समय आपको डेढ़ साल तक की कारावास की सजा दी गई थी.

उस वक्त आपको ठाणे करागृह व पुणे की येरवडा जेल मे रखा गया था. जेल से छूटने के बाद फिर आपने फिर स्वतंत्रता संग्राम मे सक्रिय भाग लिया था. जिसके कारण आपको 6 महीने की सजा और भुगतनी पड़ी थी.

भारत स्वतंत्र होने के बाद आपने शैक्षणिक गतिविधियों पर अपना पुरा ध्यान केंद्रित किया तथा भाईंदर पश्चिम के भाईंदर सेकेंडरी स्कूल की स्थापना मे अपना योगदान दिया, और संस्था के अध्यक्ष पद पर लगातार 15 साल तक कार्य किया. उस समय भाईंदर पूर्व मे भी जनसंख्या बढ़ने लगी थी. यहां पर कोई स्कूल नहीं थी.

आपने भाईंदर पूर्व गोड़देव गांव स्थित अभिनव शेतकरी शिक्षण मंडल की स्थापना करके अभिनव विद्या मंदिर की शुरुआत की. आपके कार्य की प्रशंसा करके गांव वालों ने आपको नवघर ग्रुप ग्रामपंचायत के सरपंच पद पर बीना विरोध चुन लिया गया.

उस समय आपने नवघर ग्रुप ग्राम पंचायत क्षेत्र मे लाइट, रोड और हर गांव मे एक प्राथमिक स्कूल शुरु करनेमे मदद की. आप जिला परिषद के सदस्य के रूपमें बीना विरोध चुने गये. 12 साल तक लगातार कृषि व पशु संवर्धन विभाग ठाणे परिषद् ठाणे के सभापति पद पर कार्य किया.

आपने कासार वडवली स्थित आदर्श विद्या मंदिर, वालीव स्थित ज्ञानदीप विद्या मंदिर, भाईंदर पश्चिम राई स्थित आदर्श विद्या मंदिर व भिवंडी तालुका और तत्कालीन पालघर तालुका मे स्कूल शुरु करने मे मार्गदर्शन किया.

आपने अभिनव शेतकरी शिक्षण संस्था के अध्यक्ष पद पर कार्य किया सभी पक्ष के कार्यकर्ताओ को साथ मे लेकर अभिनव विद्या मंदिर स्कूल के मराठी , गुजराती , हिंदी और अंग्रेजी माध्यम शुरु किये. उसी तरह जूनियर कॉलेज आर्ट्स, कॉमर्स और साइंस शुरु किया. इस संस्था द्वारा संचालित स्कूल मे आज हजारों विद्यार्थी शिक्षा ले रहे है.

आपके आशीर्वाद और मार्गदर्शन मे आपके सुपुत्र श्याम मोरेश्वर पाटील ने अमित एजुकेशन की स्थापना करके लोकमान्य विद्यालय स्कूल की शुरुआत की. आपने मरते दम तक शहर की सेवा की और अल्प बीमारी के कारण 20 अक्टूबर 1995 के दिन आपका दुःखद देहांत हो गया. आप कांग्रेस के बुजुर्ग राजनेता रहे.

——=== शिवसर्जन ===——

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