हवाई जहाज के बारे में रोचक तथ्य :
हवाई जहाज का आविष्कार सन 1903 में राइट बंधुओं ( WRIGHT BROTHERS ) द्वारा किया गया था. उन्होंने पहली बार लगातार उड़ान भरने वाले हवाई जहाज का सफलतापूर्वक परीक्षण किया था.
आज के समय हवाई जहाज के अंदर धूम्रपान करना सख्त मना हैं. लेकिन कुछ समय पहले तक विमानों में धूम्र पान करने के लिए अलग से क्षेत्र निर्धारित होते थे. बाद में स्वास्थ्य कारणों को देखते हुए इसे पूरी तरह से बंद कर दिया गया.
Black Box का रहस्य(Black Box Secret): हवाई जहाज में एक नारंगी रंग का बॉक्स होता है जिसे “काला बॉक्स” (Black Box) कहा जाता है. हालांकि ये असल में काला नहीं बल्कि नारंगी रंग का होता है.
हवाई जहाज ऊंचाई पर उड़ते हैं जहां तापमान काफी कम होता है, लेकिन पंखों पर बर्फ जमाव रोकने के लिए विशेष प्रणाली होती है. गर्म हवा को पंखों के अंदर से प्रसारित किया जाता है ताकि बर्फ जम ना सके आज तक बनाया गया सबसे बड़ा विमान “एयरबस A380” है. इसमें दो यात्री डेक होते हैं और एक बार में 850 से अधिक यात्रियों को ले जाने की क्षमता रखता है.
सुरक्षा कारणों से, कॉकपिट में मौजूद पायलट और सह-पायलट को अलग-अलग तरह का भोजन दिया जाता है. ताकि अगर किसी भोजन में कोई खराबी हो जाए, तो दोनों पायलट बीमार ना पड़ें और विमान को सुरक्षित तरीके से चला सकें.
ठंडा इंजन, गर्म कॉफी: हालांकि हवा में उड़ते समय बाहर का तापमान काफी कम होता है, लेकिन हवाई जहाज के इंजन बहुत गर्म हो जाते हैं. ये इंजन लगभग 500 डिग्री सेल्सियस तक गर्म हो सकते हैं, जबकि अंदर केबिन में यात्रियों के लिए आरामदायक तापमान बनाए रखा जाता है.
हवाई जहाज के पंखों को खास तरीके से डिजाइन किया जाता है ताकि वे हवा को ऊपर से तेजी से काट सकें और नीचे की तरफ कम दबाव बना सकें. यही कम दबाव हवाई जहाज को ऊपर उठने में मदद करता है.
आपने कभी गौर किया है कि हवाई जहाज की खिड़कियां गोल नहीं बल्कि वर्गाकार कोनों वाली होती हैं? ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि हवा के दबाव को समान रूप से बंटाया जा सके और खिड़की ज्यादा मजबूत बने.
कोई भी यात्री विमान 30 कि.मी. से ज्यादा की ऊंचाई पर नहीं उड़ सकता. ऐसा इसलिए किया जाता है क्योंकि इतनी ऊंचाई पर वायुमंडल का दबाव बहुत कम हो जाता है और सांस लेना कठिन हो जाता है.
बहुत लंबी उड़ानों के दौरान यात्रियों को असहजता महसूस ना हो, इसलिए हवाई जहाज उड़ान भरते समय और जमीन पर उतरते समय थोड़े समय के लिए कृत्रिम गुरुत्वाकर्षण का अनुभव कराता है. इसे आप हल्का गिरने जैसा एहसास भी कह सकते हैं.
हवा में उड़ते समय कभी-कभी हवाई जहाज बिजली की चपेट में आ सकता है. लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है. हवाई जहाजों को विशेष धातु से बनाया जाता है जो बिजली को विमान के बाहरी हिस्से से होते हुए जमीन की तरफ ले जाती है.
आपको शायद ये अजीब लगे, लेकिन पुराने जमाने में, खराब मौसम या कम दृश्यता के कारण रास्ता भटक जाने पर पायलट कभी-कभी जहाज से ही संदेशवाहक कबूतर छोड़ देते थे. जमीन पर पहुंचने के बाद, ये कबूतर हवाई अड्डों को विमान की लोकेशन की जानकारी देते थे.
भविष्य में हवाई जहाज के क्षेत्र में काफी विकास होने की उम्मीद है. आने वाले समय में इलेक्ट्रिक हवाई जहाज, हाइपरसोनिक विमान (Hypersonic Aircraft) जो ध्वनि की गति से भी कई गुना तेज उड़ान भर सकते हैं, और स्वचालित रूप से उड़ने वाले विमान जैसी तकनीकें देखने को मिल सकती हैं.
सेना के लिए कई देश ऐसे विमानों को बनाने की कोशिश कर रहे हैं जिन्हें रडार (radar) पर पकड़ना मुश्किल हो. इन्हें “अदृश्य विमान” (stealth aircraft) कहा जाता है.
कुछ लोगों को नंबर 13 अशुभ लगता है, इसलिए कई हवाई जहाजों में 13 नंबर की सीट नहीं होती है. इस सीट को छोड़कर सीधे 12 से 14 नंबर की सीट लगाई जाती हैं.
मलेशिया एयरलाइंस की फ्लाइट 370 का मामला 2014 की शुरुआत में पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बना हुआ था. यह विमान कुआलालंपुर और बीजिंग के बीच उड़ान के दौरान रहस्यमय तरीके से रास्ता भटक गया और अपने 239 यात्रियों और चालक दल के साथ हिंद महासागर में गायब हो गया.
भारत के स्वतंत्रता संग्राम में सबसे महत्वपूर्ण शख्सियतों में से एक, नेताजी सुभाष चंद्र बोस भी रहस्यमयी तरीके से गायब हो गए हैं. दरअसल, 1945 के बाद से आज तक उनका पता नहीं लग सका है. द्वितीय विश्व युद्ध के बाद, ताइवान में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की विमान दुर्घटना काफी चर्चा का विषय रही है.