दुनिया तेजीसे बुलेट की गति से आगे कदम बढा रही है. हमें गर्व है कि हम सभी 21वीं सदी में जी रहे हैं. जहां, हम जब चाहे, विश्व में कभी भी किसी से भी तकनीक के जरिए, एक दूसरे से हम बात कर सकते हैं, अपने रिश्तेदारों का हाल-चाल जान सकते हैं. मगर एक समय था जब ऐसा सोचना भी असंभव था.
सौ साल पहले तब लोग एक दूसरे का हाल जानने के लिए या तो उनके घर जाते थे या फिर चिट्ठी भेजा करते थे.
राजा महाराजा लोग संदेश व्यवहार के लिए कबूतर या गरुड़ पक्षी को प्रशिक्षण देकर उनके पैरो में चिठ्ठी बांधकर संदेश का आदान प्रदान करते थे.
’’ यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन ’’ का गठन ता : 9 अक्टूबर 1874 के दिन बर्न, स्विटजरलैण्ड में हुआ था. जिसमे 22 देशों ने एक संधि पर हस्ताक्षर किये थे. इसी कारण से विश्व डाक दिवस भी ता : 9 अक्टूबर को मनाया जाता है.
तारीख : 1 जुलाई, 1876 के दिन भारत यूनीवर्सल पोस्टल यूनियन का सदस्य बना तथा भारत में पहली बार सन 1766 में डाक व्यवस्था शुरू हुई. वर्तमान में भारतीय डाक विभाग 150 वर्ष पुरानी संस्था है, और संस्था में डेढ़ लाख से अधिक पोस्ट ऑफिस है.
जिनमें से 89.87% ग्रामीण क्षेत्रों में है तथा औसतन 21.23 वर्ग कि. मी. में यह लगभग 8086 जनसंख्या को अपनी सेवाएं प्रदान करता है. भारत में एक विभाग के रूप में इसकी स्थापना ता : 1अक्तूबर 1854 को हुई. भारतीय डाक विभाग 9 से 14 अक्टूबर के बीच विश्व डाक सप्ताह मनाता है.
सन 1766 में भारत में पहली बार डाक व्यवस्था का प्रारंभ हुआ था. वारेन हेस्टिंग्स में कोलकाता में प्रथम डाकघर सन 1774 को स्थापित किया गया था. भारत में सन 1852 में प्रथम बार चिट्ठी पर डाक टिकट लगाने की शुरुआत हुई तथा महारानी विक्टोरिया के चित्र वाला डाक टिकट ता : 1 अक्टूबर सन 1854 को जारी किया गया.
भारतीय डाक सेवा की स्थापना यूं तो 166 साल पहले एक अप्रैल 1854 को हुई थी लेकिन सही मायनों में इसकी स्थापना ता :1अक्तूबर 1854 को मानी जाती है. उस समय तत्कालीन भारतीय वायसराय लॉर्ड डलहौजी ने इस सेवा का केंद्रीकरण किया था. उस वक्त ईस्ट इंडिया कंपनी के अंतर्गत आने वाले 701 डाकघरों को मिलाकर भारतीय डाक विभाग की स्थापना की गई थी.
इससे पहले लॉर्ड क्लाइव ने अपने स्तर पर ई. सन 1766 में भारत में डाक व्यवस्था शुरू की थी. इसके बाद बंगाल के गवर्नर वॉरेन हेस्टिंग्स ने सन 1774 में कोलकाता में एक प्रधान डाकघर बनाया था. अंग्रेजों ने इस सेवा की शुरुआत अपने व्यापारिक हितों के लिए की थी. मगर यह देश की आजादी के बाद भारतीयों के लिए सुख-दुख की साथी बन गई थी.
अंग्रेजी हुकूमत ने सन 1854 में भारत में रेल डाक सेवा की शुरुआत की थी. देशमें डाक और तार (टेलीग्राम) की शुरुआत दो अलग-अलग विभाग के तौर पर हुई थी. समानांतर रूप से ही इनका विकास हुआ. सन 1914 में हुए प्रथम विश्व युद्ध के दौरान इन दोनों विभागों का विलय कर दिया गया था.
इसके बाद भारत में सन 1877 में वीपीपी और पार्सल सेवा शुरू हुई. वहीं 1879 में पोस्टकार्ड की शुरुआत हुई. टेलिफोन और मोबाइल के आने से तार सेवा की जरूरत खत्म हो गई. डेढ़ सदी से भी ज्यादा के सफर के बाद अंत में इस सेवा को 2016 में बंद कर दिया गया. भारतीय डाक सेवा 1.55 लाख से भी अधिक डाकघरों के साथ दुनिया की सबसे बड़ी डाक प्रणाली है.
डाकघर एक केन्द्रीय संस्थान है जो लोगों द्वारा प्रेषित लिफाफों, पोस्ट कार्ड मनी आर्डर और सामान को गन्तव्य स्थान तक पहुचाने का काम करते हैं. साथ ही ये पोस्ट कार्ड और डाक टिकेट के अलावा बचत योजनाएं, पेशन सेवाएं तथा लोकर की सेवाएं प्रदान करती है.
डाक घर कार्यालय के मुखिया को पोस्ट मास्टर कहा जाता है. डाकघर एक सरकारी कार्यालय है. यहाँ से पत्र एक स्थान से दूसरे स्थान भेजे जाते हैं. डाकघर को पोस्ट आफिस भी कहते हैं.
डाकघर से हम लोग पोस्टकार्ड, अंतर्देशीय-पत्र और लिफाफे खरीदते हैं. डाकघर से हम टिकट भी खरीदते हैं. अपने घर से कही भी दूर रहकर भी अपने परिवार और रिश्तेदारों को अपने संदेश अथवा कोई भी वस्तु आसानी से डाक के जरिये हम प्रेषित कर सकते हैं. डाकघर के जरिये हम पंजीकृत पत्र, जन्मदिन की शुभकामनाएं, पार्सल और मनी ऑर्डर आदि भेज सकते हैं.
भारत में डाकघर का संक्षिप्त इतिहास :
सन कार्य
1766 : लार्ड क्लाइव द्वारा प्रथम डाक
व्यवस्था भारत में स्थापित.
1774 : वारेन हेस्टिंग्स ने कलकत्ता में
प्रथम डाकघर स्थापित किया.
1786 : मद्रास में डाक घर स्थापना.
1793 : बम्बई में डाकघर की स्थापना.
1854 : भारत में पोस्ट ऑफिस को
प्रथम बार 1 अक्टूबर 1854
को राष्ट्रीय महत्व के प्रथक रूप
से डायरेक्टर जनरल के संयुक्त
नियंत्रण के अर्न्तगत मान्यता
मिली. 1 अक्टूबर 2004 तक
के सफ़र को 150 वर्ष के रूप
में मनाया गया. डाक विभाग
की स्थापना इसी समय से
मानी जाती है.
1863 : रेल डाक सेवा आरम्भ की गयी
1873 : नक्काशीदार लिफाफे की
बिक्री प्रारंभ की गई.
1876 : भारत पार्सल पोस्टल यूनियन
में शामिल.
1877 : वीपीपी (VPP) और पार्सल
सेवा आरम्भ हुआ.
1879 : पोस्टकार्ड आरम्भ किया गया.
1880 : मनीआर्डर सेवा प्रारंभ की गई.
1911 : प्रथम एयरमेल सेवा इलाहाबाद
से नैनी डाक से भेजी गई.
1935 : इंडियन पोस्टल आर्डर प्रारंभ.
1972 : पिन कोड प्रारंभ किया गया.
1984 : डाक जीवन बीमा का प्रारंभ.
1985 : पोस्ट और टेलिकॉम विभाग
प्रथक किये गए.
1986 : स्पीड पोस्ट (EME) सेवा शुरू
1990 : डाक विभाग मुंबई व चेन्नई में
दो स्वचालित डाक प्रसंस्करण
केंद्र स्थापित किये गए.
1995 : ग्रामीण डाक जीवन बीमा की
शुरुआत की गई.
1996 : मीडिया डाक सेवा का प्रारंभ
1997 : बिजनेस पोस्ट सेवा को प्रारंभ
किया गया.
1998 : उपग्रह डाक सेवा शुरू.
1999 : डाटा डाक व एक्सप्रेस डाक
सेवा प्रारंभ की गई.
2000 : ग्रीटिंग पोस्ट सेवा प्रारंभ.
2001 : इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रान्सफर
सेवा (EFT) प्रारंभ.
3 जनवरी 2002 : इन्टरनेट आधारित ट्रैक एवं टेक्स सेवा की शुरुआत.
15 सितम्बर 2003 : बिल मेल सेवा प्रारंभ.
30 जनवरी 2004 : ई-पोस्ट सेवा की शुरुआत.
10 अगस्त 2004 : लोजिस्टिक्स पोस्ट सेवा प्रारंभ की गई.
तारीख : 1 जुलाई 1876 में भारत यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन का सदस्य बना था. इस सदस्यता को लेने वाला भारत एशिया का पहला देश है. ता : 1 अक्टूबर, 1854 में भारत सरकार ने डाक के लिए एक अलग विभाग की स्थापना की थी.
भारत में पहला पोस्ट ऑफिस कोलकाता में 1774 में खोला गया था, भारत में स्पीड पोस्ट की शुरूवात सन 1986 में की गई थी. भारत में मनी आर्डर सिस्टम की शुरूवात 1880 हुई थी. दक्षिण गंगोत्री अंटार्कटिका भारत का पहला डाकघर है जो भारतीय सीमा के बाहर है जिसकी स्थापना 1983 में की गई थी.
लगभग 150 साल पहले शुरू हुई भारतीय डाक सेवा इन दिनों इंडिया पोस्ट ब्रांड नाम के अंतर्गत काम कर रही है, यह भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही एक डाक सेवा है जिसे पोस्ट ऑफिस के नाम से जाना जाता है. लेकिन वर्तमान में भारतीय डाक, डाक के आलावा कई अन्य कार्य भी कर रही है जैसे बैकिंग कार्य, पासपोर्ट संबधित कार्य आदि आदि. भारतीय डाक सेवा के अंतर्गत 1, 54,000 पोस्ट ऑफिस आते हैं, जो कि विश्व का सबसे विस्तृत डाक व्यवस्था मानी जाती है, दूसरे नंबर पर 57,000 डाकघर के साथ चीन का नाम आता है.
पिन कोड पोस्टल इन्डेक्स नम्बर (पिन) कोड का संक्षिप्त नाम है. यह छह अंकों का विशिष्ट कोड है जो भारत में डाक वितरण करने वाले सभी डाकघरों को आवंटित किया जाता है. चूंकि एक कोड केवल एक ही डाकघर से सम्बंधित होता है इसलिए उस कोड का उपयोग यह सुनिश्चित करता है कि पत्र तेजीसे ठीक डाकघर में पहुंच जाए.
भारतीय डाक सेवा द्वारा पोस्टल इंडेक्स नंबर या पिन या पिन कोड पोस्ट ऑफिस नंबरिंग या पोस्ट ऑफिस सिस्टम के रूप में उपयोग किया जाता है. पिन कोड , पोस्टल इंडेक्स नंबर के लिए और कोड 6 डिजिट लंबा होता है. पिन की शुरुआत 15 अगस्त 1972 में की गई थी.
भारत में आठ तरह के पिन काम में लिए जाते हैं. पिन कोड की पहली डिजिट प्रदेश के बारे में बताती है जो कि पोस्ट ऑफिस की तरफ से दिया जाता है. दूसरी डिजिट सब-रीजन के बारे में बताती है और तीसरी डिजिट जिलों के वर्गों के बारे में बताती है और बाकी तीन डिजिट व्यक्तिगत पोस्ट ऑफिस को आवंटित की जाती है. ये आठों पिन डिजिट भारत के सभी शहरों और प्रांतों से जुड़ी होती हैं. पिन कोड का आबंटन निम्न प्रकार से किया गया है :
( किस राज्य का क्या है पिन.)
11 – दिल्ली
12 और 13 – हरियाणा
14 से 16 – पंजाब
17 – हिमाचल प्रदेश
18 से 19 – जम्मू और कश्मीर
20 से 28 – उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड
30 से 39 – राजस्थान, गुजरात, दमन. दीव, दादरा और नगर हवेली.
40 से 44 – महाराष्ट्र
45 से 49 – मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़.
50 से 53 – आंध्र प्रदेश.
56 से 59 – कर्नाटक.
60 से 64 – तमिलनाडु.
67 से 69 – केरल.
70 से 74 – पश्चिम बंगाल.
75 से 77 – उड़ीसा.
78 – असम.
79 – पूर्वांचल.
80 से 85 – बिहार और झारखंड.
90 से 99 – सेना डाक सेवा.
जैसा कि प्रारंभ में उल्लेख किया गया है कि पिन कोड छह अंकों की एक संख्या है. पहला अंक इन क्षेत्रों में से एक को दर्शाता है. दूसरा एवं तीसरा अंक मिलकर उस जिले को दर्शाते हैं. जहां वितरण करने वाला डाकघर स्थित है. अगले तीन अंक उस विशेष डाकघर को दर्शाते हैं जहां पत्र का वितरण होना है. संक्षेप में पहले तीन अंक मिलकर उस छंटाई करने वाले या राजस्व जिले को दर्शाते हैं जहां पत्र को मूलतया भेजा जाना है. अंतिम तीन अंक वास्तविक डाकघर से संबंध रखते हैं जहां उस पत्र को वितरित किया जाना है.
उदाहरण के लिए हमारे भाईंदर पूर्व का पिन कोड नंबर 401 105 है. इसमे 4 नंबर महाराष्ट्र राज्य को दर्शाता है. फिर 01 नंबर ठाणे जिले को दर्शाता है. और अंतिम तीन नंबर 105 क्षेत्र का नंबर दर्शाता है. जो भाईंदर पूर्वमें स्थित जेसल पार्क पोस्ट ऑफिस को दर्शाता है.
भाईंदर पश्चिम पोस्ट का कोड नंबर 401 101 है. जो महाराष्ट्र, ठाणे जिला और 101 क्षेत्रीय पोस्ट ऑफिस भाईंदर पश्चिम का नंबर दर्शाता है.
मानों यदि कोई चाइना में रहने वाला व्यक्ति पाने वाले का पुरा नाम और भारत का पोस्टल पिन कोड नंबर जैसे INDIA – 401 105 लिख देता है तो वो पत्र भाईंदर पूर्व की जेसलपार्क पोस्ट ऑफिस में पहुंच जायेगा. और यदि पोस्ट मेन उसे पहचानता हो तो पत्र उसे मील जायेगा.