शीर्षक देखकर विश्वास नहीं होता ना ? बात ही कुछ ऐसी है. मगर ये 100 प्रतिशत सही है. वो पहले फिल्म मेकर था. जो पहलेसे 4 बच्चों का पिता. फिर 55 साल की उम्र में अपने से 37 साल छोटी हीरोइन से दूसरा विवाह रचाया. उस वक्त हीरोइन की उम्र महज 18 साल की थी.
हिंदी बॉलीवुड इंडस्ट्रीज में 50 और 60 के दशक को हिंदी सिनेमा का स्वर्ण युग कहा जाता है. यह वो समय था जब भारतीय फिल्म निर्माण में पहले इनोवेटर्स का आगमन हुआ. बॉलीवुड निर्देशकों ने हिंदी सिनेमा की सीमाओं को आगे बढ़ाते हुए नई शैलियों और तकनीकों के साथ प्रयोग किया गया था.
उस नई लहर के भारतीय फिल्म निर्माण में सबसे प्रमुख नामों में से एक नाम था वी शांताराम. वो ऐसे व्यक्ति थे, जिन्होंने अपने निजी जीवन के लिए उतनी ही लोकप्रियता हासिल की जितनी उन्हें स्क्रीन पर अपने काम के लिए मिली.
वी शांताराम का शानदार करियर :
मराठी और हिंदी सिनेमा में अपने काम के लिए जाने जाने वाले वी शांताराम ने नैतिकता और जेल सुधारों पर बनाइ गई सुंदर फिल्मोंका निर्माण किया था. वे मेडिकल ड्रामा डॉ कोटनिस की अमर कहानी 1946 म्यूजिकल झनक झनक झनक पायल बाजे 1955, दो आंखें बारह हाथ, 1957 नवरंग, 1959 दुनिया न माने (1937), गीत गाया पत्थरों ने 1964, बूँद जो बन गयी मोती 1967, गुनाह का देवता 1967, और पिंजरा 1972 जैसी फिल्मों के लिए जाने जाते थे.
वी. शांताराम ने अपनी कुछ फिल्मों में खुद अभिनय किया था पर ज्यादातर उन्होंने एक दूरदर्शी निर्देशक के रूप में लोकप्रियता पाई. उन्होंने अपने करियर में एक फिल्म फेयर, एक गोल्डन ग्लोब, एक राष्ट्रीय पुरस्कार और यहां तक कि बर्लिन अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में भी दो पुरस्कार जीते.
वी शांताराम न सिर्फ अपने पर्सनल लाइफ को लेकर भी काफी सुर्खियों में रहते थे. उनका जन्म ई. सन 1901 में कोल्हापुर में हुआ था, जब वे सिर्फ 20 साल के थे, तब उन्होंने अपनी पहली पत्नी विमलाबाई से दोनों परिवारों द्वारा तय किये गये रिश्ते के अनुकूल विवाह किया था. पहली शादी से उनके चार बच्चे थे, जिनमें बेटा प्रभास भी शामिल था, जिसके नाम पर उन्होंने अपनी प्रसिद्ध फिल्म कंपनी का नाम रखा था.
20 के दशक के अंत में, शांताराम ने फिल्म उद्योग में प्रवेश किया और इसी बीच वे आखिरकार अभिनेत्री जयश्री से मिले. 1941 में, शांताराम ने विमलाबाई से विवाहित रहते हुए जयश्री से विवाह किया. उनकी दूसरी पत्नी से तीन और बच्चे हुए, जिनमें अभिनेत्री राजश्री भी शामिल हैं.
सन 1956 में ऐसी खबरें आईं कि भारत सरकार बहुविवाह संबंधी कानून में बदलाव पर विचार कर रही है. परंतु उन्होंने बहुविवाह पर रोक लगाने वाले प्रस्तावित नए कानून के लागू होने से ठीक पहले, शांताराम ने एक 18 साल की यंग लड़की से विवाह रचाया. और तब वे 55 साल के थे. शांताराम ने 55 की उम्र में अपने से 37 साल छोटी अभिनेत्री संध्या से शादी की, जो उनकी सबसे हिट फिल्म झनक झनक पायल बाजे की हीरोइन थी.
तब तक बहुविवाह कानूनी और सामाजिक रूप से स्वीकार्य था, कानून में बदलाव से कुछ ही दिन पहले हुई इस शादी ने फिल्म निर्माता की आलोचना करने वाले लोगों के एक वर्ग के साथ विवाद पैदा कर दिया था. मगर वी. शांताराम का पारिवारिक जीवन बड़ा सौहार्दपूर्ण रहा. उसी साल उनका और जयश्री का तलाक हो गया लेकिन संध्या और विमलाबाई सालों तक एक ही घर में रहीं. शांताराम का सन 1990 में 88 साल की आयु में निधन हो गया.