60 के दशक की रिकॉर्ड ब्रेक, सुपर डुपर हिट फ़िल्म – “मुगल-ए-आजम”

MUGHAL E AZAM

सन 1960 में रिलीज़ हुई फ़िल्म मुगल-ए-आजम को बनाने में 14 साल लगे थे. फ़िल्म का एक गाना “जब प्यार किया तो डरना क्या” हर सीने प्रेमी दर्शकों की जुबान पर गुनगुनाता नजर आता था. इस गाने का “शीश महल” बनाने में काफ़ी वक्त लगा था. गाने का सेट बनने में दो साल लगे थे.

“जब प्यार किया तो डरना क्या” गाने में अभिनेत्री मधुबाला का डांस फिल्माना आसान नहीं था. एक समय तो यह सीन क्रिएट करना लगभग नामुमकिन हो गया था. हॉलीवुड से भी एक्सपर्ट बुलाए गए, लेकिन उन्होंने भी मना कर दिया. बात 15 लाख रुपये में बने शीश महल को गिराने तक पहुंच गई, लेकिन तब सिनेमैटोग्राफर आरडी माथुर ने इसका उपाय निकाला.

कैमरा लगते ही उसकी लाइट शीशों पर पड़ती. इसे रोकने रिफ्लेक्टर लगाए गए, लेकिन जब लाइट उन पर पड़ती तो आंखें चौंधिया जातीं और शूटिंग मुश्किल हो जाती थी. माथुर ने अपने कैमरे से सेट पर एक ऐसा कोना ढूंढा, जहां लाइट उछल रही थी. वहां से कोई रिफ्लेक्शन नहीं आ रहा था. अ uiदाकारा मधुबाला अनारकलीके वेश में रंग-बिरंगे शीशों में घूमती नजर आईं और यह हिंदी सिनेमा का आइकॉनिक सीन बन गया.

”मुगल-ए-आजम” फ़िल्म उस वक्त 1.5 करोड़ रुपये में बनी थी. फिल्म जब एक गाने का सेट तैयार करने में 15 लाख रुपये खर्च किए गए तो स्वाभाविक है कि फिल्म का बजट करोड़ों में रहा होगा. फिल्म बॉलीवुड की सबसे महंगी फिल्मों में से एक थी. फिल्म में कलाकारों ने जो भी कपड़े पहने थे, वे दिल्ली में सिले गए थे और सूरत में उकेरे गए थे.

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हैदराबाद में आभूषण, राजस्थान में हथियार और आगरा में जूते बनाए गए थे. फिल्म में 2000 ऊंट और 4000 घोड़े इस्तेमाल किए गए थे. इन सबके चलते फिल्म का बजट 1.5 करोड़ रुपए तक पहुंच गया था.

प्यार किया तो डरना क्या गाना फिल्म मुगल-ए-आजम का सबसे महंगा गाना है. ये गाना सिर्फ फिल्म ही नहीं उस दौर का भी सबसे महंगा गाना रहा. इस गाने को मंजूरी मिलने से पहले 105 बार लिखा गया था. उस समय मिक्सिंग की सुविधा नहीं थी, इसलिए नौशाद ने गाने में गूंज लाने के लिए इसे लता मंगेशकर के साथ स्टूडियो के वॉशरूम में रिकॉर्ड किया था.

“मुगल-ए-आज़म” फ़िल्म के गाने लिखे थे शकील बदायूनीने और म्यूज़िक नौशाद ने दिया था. फ़िल्म इतिहास के जानकारों के मुताबिक़ 150 फीट लंबे और 80 फीट चौडा और 35 फिट इस शीश महल को बनाने में बाकी फ़िल्म के बजट से भी ज़्यादा पैसा लगा था.

फ़िल्म के लिए खास बेल्जियम से मंगाए गए कांच का इस्तेमाल किया गया था. खास दिलचस्प बात ये है कि मुगल-ए-आज़म एक ब्लैक एंड व्हाइट फ़िल्म थी लेकिन प्यार किया तो डरना क्या गाने को टेक्निकलर में फ़िल्माया गया था.

फ़िल्म विशेषज्ञों के मुताबिक़ आज के दौर में इस गीत को फ़िल्माया जाता तो क़रीब 2.5 करोड़ रुपए लगते. जब गाना शूट हो गया था तो भी सेट कई महीनों के लिए वहीं रहा ताकि जनता इसे आकर देख सके.जब प्यार किया तो डरना क्या गाने की. मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो ये गाना उस दौर में 10 लाख की लागत से बनकर तैयार हुआ था. यानि उस वक्त जब एक पूरी फिल्म ही 10 लाख मे बनकर तैयार हो जाती थी तब केवल इस गाने को शूट करने के लिए 10 लाख रुपए खर्च हुए थे.

प्यार किया तो डरना क्या फिल्म के इस गाने के लिए लोग बार-बार फिल्म देखने गए. उन्होंने स्क्रीन पर सिक्कों की बारिश की. कोकिल कंठी लता मंगेशकर ने मधुबाला की सुंदरता और नृत्य को इस सफलता का उतना ही श्रेय दिया जितना अपनी गायकी को.

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दिलीप कुमार सलीम का किरदार निभाने के लिए सबसे ज़्यादा अनिच्छुक थे. इसके बारेमें खुद दिलीप साहब ने कहा था कि, “भारी पोशाक, गहने, विग और राजस्थान की भीषण गर्मी में शूटिंग करना उनके लिए बहुत मुश्किल था.” फिर भी उन्होंने इसमें पूरी तरह से जान डाल दी थी. हालाँकि, निर्देशक के साथ हर समय मतभेद रहे. दिलीप कुमार मराठा मंदिर में फ़िल्म के भव्य प्रीमियर में शामिल नहीं हुए. सलीम के जूनियर वर्शन की भूमिका जलाल आगा ने निभाई, जो शोले फ़िल्म में महबूबा ओ महबूबा गाने के लिए सबसे ज़्यादा याद किए जाने वाले अभिनेता हैं.

मुगल-ए-आज़म फ़िल्म 1960 की भारतीय ऐतिहासिक ड्रामा फिल्म है, जिसका निर्माण और निर्देशन के . आसिफ ने किया है. पृथ्वीराज कपूर , दिलीप कुमार , मधुबाला और दुर्गा खोटे अभिनीत यह फिल्म मुगल राजकुमार सलीम और दरबारी नर्तकी अनारकली के बीच प्रेम संबंधों पर आधारित है. सलीम के पिता, सम्राट अकबर रिश्ते को अस्वीकार करते हैं, जिसके कारण पिता और पुत्र के बीच युद्ध होता है.

इस फिल्म ने उस समय के हिसाब से बहुत बड़ी कमाई की थी. अनुमान है कि 11 करोड़ रुपये की कमाई हुई थी, और यह फिल्म हिंदी सिनेमा के इतिहास में सबसे ज़्यादा कमाई करने वाली फिल्मों में से एक मानी जाती है.

दिलीप कुमार मधुबाला से शादी करना चाहते थे, लेकिन मधुबाला के पिता अताउल्ला खां को ये रिश्ता पसंद नहीं था. बाद में परिवार के दवाब के कारण मधुबाला ने दिलीप कुमार से शादी करने से मना कर दिया था. ‘मुगल-ए-आजम’ की शूटिंग के अंतिम दिनों में दिलीप कुमार और मधुवाला के बीच बातचीत बंद हो गई थी.

कुछ विशेषज्ञ का मानना हैं कि अगर आज के हिसाब से मुद्रास्फीति को ध्यान में रखा जाए तो, इस फिल्म की कमाई का अनुमान 3,650 करोड़ रुपये के आसपास लगता है.

भारतीय ऐतिहासिक ड्रामा फिल्म ‘मुगल-ए-आजम’ के रिलीज को 65 साल पूरे हो गए हैं, लेकिन आज भी सलीम और अनारकली की प्रेम कहानी लोगों के दिलों में ताजा है.

एक बड़े बजट पर बनी इस फिल्म ने अपने शानदार सेट, कॉस्ट्यूम, निर्देशन, डॉयलॉग और अभिनय के कारण बहुत लोकप्रियता हासिल की थी. फिल्म मुगल सम्राट सलीम और एक डांसर अनारकली की प्रेम कहानी के इर्द-गिर्द घूमती है. कैसे उनका प्यार सलीम के पिता अकबर को नाराज कर देता है, जिससे दोनों के बीच जंग छिड़ जाती है ये भी इस कहानी में दिखाया गया है. यह सारी बातें दर्शकों को फिल्म की शुरुआत से ही पता है, लेकिन फिल्म के बारे में कुछ ऐसे रोचक तथ्य हैं जो सभी को हैरान कर देते हैं.

महान गायक बड़े गुलाम अली खान फिल्म के लिए एक गाना नहीं गाना चाहते थे. उन्होंने पेमेंट में 25,000 रुपये की भारी राशि मांगी यह सोचकर कि ‘के आसिफ’ इसे मना कर देंग, पर न केवल आसिफ राजी हुए बल्कि उन्होंने आधे पैसे एडवांस में ही दे दिए.

आपको जानकर हैरानी होंगी कि फ़िल्म में पहने गए मधुबाला के सभी आभूषण असली और बहुत भारी थे. जिससे उन्हें कई दिनों तक दर्द रहा.

“मुग़ल-ए-आजम” फ़िल्म की कहानी अनारकली नाम की एक महिला की है, जो बादशाह अकबर से प्यार करती है, भले ही उसे पता है कि उसे इसका बहुत बड़ा जोखिम उठाना होगा.

गाने की कहानी इस तरह है….

अनारकली एक नाचने वाली है सलीम से प्यार करती है, पर अकबर उसे अपनी प्रजा के लिए खतरा मानता है और उससे दूर रखने की कोशिश करता है. अनारकली की कहानी में दिखाया गया है कि वह प्यार के लिए क्या-क्या जोखिम उठाने को तैयार है, चाहे वह मृत्यु हो या अन्य कोई भी परिणाम.

प्यार किया तो डरना क्या गाने में अनारकली की प्रेम कहानी को व्यक्त किया गया है, जिसमें शकील बदायुनी ने शब्दों का उपयोग करके गीत को लिखा है और लता मंगेशकर ने इसे स्वरबद्ध किया है. ये एक रोमांटिक गाना है जो प्रेम के लिए त्याग और जोखिम उठाने के विचार को दर्शाता है.

फ़िल्म में अनारकली की भूमिका मधुबाला और सलीम का किरदार दिलीप कुमार ने निभाया था. अकबर का रोल पृथ्वीराज कपूरने अदा किया था. अनारकली बनीं मधुबाला इस गाने में बादशाह अकबर के सामने सलीम के लिए अपना प्यार बेबाक तरीके से जाहिर करती हैं.

गाने में एक सीन ऐसा भी है जब अनारकली गाती हैं और शीश महल में जितने भी शीशे हैं उसमें से हर एक शीशे में अनारकली नज़र आती है.

मुग़ल-ए-आज़म फिल्म को बनाने में 14 साल से भी ज्यादा का वक्त लगा. फिल्म तब बननी शुरू हुई जब 1945 में अंग्रेजों का शासन था और तैयार हुई सन 1960 में.

इस फिल्म के लिए कुल 72 गाने लिखे गए थे. यह उस वक्त की सबसे महंगी फिल्म थी, जिसे बनाने में डेढ़ करोड़ रुपए खर्च हुए और यह तब है जब अच्छी से अच्छी फिल्म 10 से 15 लाख में तैयार हो जाती थी.

पहले यह फिल्म ई. सन 1946 में चंद्रबाबू ,डीके सप्रू व नरगिस को लेकर बनाई जाने वाली थी, लेकिन तभी भारत पाक विभाजन हो गया और प्रोड्युसर सिराज को पाकिस्तान जाना पड़ा. इसी वजह से फिल्म बंद हो गई. लेकिन 1952 में नए कलाकारों और डायरेक्टर के साथ के फिल्म वापस शुरू हुई.

इस फिल्म के डायरेक्टर के आसिफ को पृथ्वीराज कपूर अकबर के रोल के लिए पसंद नहीं करते थे. इस रोल के लिए वे सुपरस्टार चंद्रमोहन को लेना चाहते थे, क्योंकि उनकी आंखें इन्हें बेहद पसंद थी लेकिन चंद्रमोहन का एक्सीडेंट हो जाने की वजह से उनकी आंखें खराब हो गई.

तानसेन की आवाज बनने के लिए के आसिफ ने बड़े गुलाम अली खान को बमुश्किल तैयार किया था. उस जमाने में उन्हें एक गीत के ₹ 25000 दिए गए. वह भी तब जब मोहम्मद रफी ₹ 300 लेते थे.

अकबर द्वारा सलीम की मन्नत मांगे जाने वाले दृश्य में रियलिटी लाने के लिए पृथ्वीराज कपूर व साथियों के साथ साथ के आसिफ भी तपती रेत में पैदल चले थे. इसी वजह से पृथ्वीराज कपूर के पैरों में छाले भी हो गए थे.

इस फिल्म में जोधा बाई के पूजा घर में असली सोने की श्री कृष्ण की मूर्ति रखी गई थी.

इस फिल्म में इंडियन आर्मी के हाथी, घोड़े और सैनिकों का इस्तेमाल किया गया था जो इतिहास में पहली बार था. इसके लिए रक्षा मंत्री कृष्णा मेनन से परमिशन भी ली गई और खुद रक्षा मंत्री भी फिल्म शूटिंग के दौरान फिल्म के सेट पर मौजूद थे.

इस फिल्म को बनाने के चक्कर में इस फिल्म के डायरेक्टर के आसिफ पूरी तरीके से कर्ज में डूब गए थे. पूरे 105 गाने को रिजेक्ट करने के बाद में नौशाद साहब ने’ प्यार किया तो डरना क्या ‘गाने को सेलेक्ट किया था.

इस फिल्म की शूटिंग के दौरान ही दिलीप कुमार व मधुबाला का ब्रेकअप हो गया था. इस फिल्म के डायलॉग के अलावा वे दोनों एक दूसरे से बोलते भी नहीं थे.

फिल्म के दौरान के आसिफ ने दिलीप कुमार की बहन अख्तर बेगम से शादी की थी. उनकी शादी में अक्सर झगड़े होते थे जिन्हें सुलझाने के लिए दिलीप कुमार उनके घर जाया करते थे. इसी कारण के आसिफ ने दिलीप कुमार को कहा कि वह अपने स्टारडम घर के दरवाजे के बाहर छोड़कर आए. इसी वजह से दिलीप कुमार नाराज हो गए थे और उन्होंने फिल्म के रिलीज होने के 10 साल बाद फिल्म देखी.

यह फिल्म रिलीज हो जाने के बाद लोगों में इस फिल्म को लेकर इतना क्रेज था कि लोग दो-तीन दिनों तक फिल्म की टिकट लेने के लिए लाइनों में खड़े रहते थे ,और उनके परिवार वाले उनके लिए भोजन लेकर आते थे. इस फिल्म के टिकट के लिए दो काउंटर बनाए गए थे एक इंडियन और दूसरा विदेशी के लिए. विदेशों में पाकिस्तान से ज्यादातर लोग इस फिल्म को देखने के लिए आते थे.

टिकट पर पहली बार दिलीप कुमार और मधुबाला का फोटो छपा था. ***

मुग़ल-ए-आजम” एक ऐतिहासिक फिल्म है, जो सलीम और अनारकली की प्रेम कहानीको दर्शाती है. यह फिल्म की कई अनसुनी बातों और दिलचस्प तथ्यों की हम बात करेंगे.

*** अनारकली की भूमिका के लिए मूल पसंद सुरैया थी. लेकिन मधुबाला को बाद में यह भूमिका मिली.

*** “प्यार किया तो डरना क्या” गाना सबसे महंगा था.

*** फिल्म में सलीम को एक रोमांटिक नायक के रूप में दिखाया गया है, जबकि इतिहास में उसे एक क्रूर शराबी के रूप में वर्णित किया गया है.

*** फिल्म में 16वीं सदी के कपड़ों, संगीत और नृत्य शैलियों को दिखाया गया है.

*** दिलीप कुमार के दोस्त मीर ताज मोहम्मद को राजा मान सिंह का रोल करने के लिए फिल्म मुगल-ए-आजम में ऑफर मिला था.

*** “मुग़ल-ए-आजम” फिल्म के संगीत को अविस्मरणीय माना जाता है, और इसमें नौशाद द्वारा बनाए गए कई बेहतरीन गाने हैं. “प्यार किया तो डरना क्या” गाना फिल्म का सबसे प्रसिद्ध गीत है.

प्रस्तुत हैं गीत :

इन्सान किसी से दुनिया में

इक बार मुहब्बत करता है

इस दर्द को लेकर जीता है,

इस दर्द को लेकर मरता है

प्यार किया तो डरना क्या जब

प्यार किया तो डरना क्या

प्यार किया कोई चोरी नहीं की

प्यार किया…

प्यार किया कोई चोरी नहीं की

छुप छुप आहें भरना क्या

जब प्यार किया तो डरना क्या

प्यार किया तो डरना क्या जब

प्यार किया तो डरना क्या

आज कहेंगे दिल का फ़साना

जान भी लेले चाहे ज़माना – 2

मौत वोही जो दुनिया देखे

मौत वोही जो दुनिया देखे

घुट घुट कर यूँ मरना क्या

जब प्यार किया तो डरना क्या

प्यार किया तो डरना क्या जब

प्यार किया तो डरना क्या

उनकी तमन्ना दिल में रहेगी,

शम्मा इसी महफ़िल में रहेगी

इश्क़ में जीना इश्क़ में मरना

इश्क़ में जीना इश्क़ में मरना

और हमें अब करना क्या

जब प्यार किया तो डरना क्या

प्यार किया तो डरना क्या

जब प्यार किया तो डरना क्या

छुप न सकेगा इश्क़ हमारा

चारों तरफ़ है उनका नज़ारा -2

परदा नहीं जब कोई खुदा से

परदा नहीं जब कोई खुदा से

बंदों से परदा करना क्या

जब प्यार किया तो डरना क्या

प्यार किया तो डरना क्या जब

प्यार किया तो डरना क्या

प्यार किया कोई चोरी नहीं की.

( समाप्त )

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