जलपरी का नाम तो आप लोगोंने अवश्य सुना होगा. जिसका नीचेका आधा शरीर मछली का और उपर का आधा शरीर महिला का होता है. जिसको समुद्र की अपसरा भी कहा जाता है. जो समुद्र मे रहती है. इसको दुनिया मे कई लोगोंने देखा हुआ का दावा किया है, मगर रहस्य आज तक बरकरार है. जलपरी यांनी समुद्र के पानी मे रहने वाली परी.
अंग्रेजी मे इसे मर्मेड (MERMAID) कहा जाता है. फ्रेंच भाषामें मर यांनी सागर और मेड यांनी महिला या युवा लड़की होता है. जनश्रुति के अनुसार यह केवल महिला ही होती है. आजतक जलपरी के उपर कई फ़िल्म बन चुकी है. तो बच्चों के लिये कार्टून फ़िल्म भी बनाई गई है.
बताया जाता है, कि भारतीय रामायण के थाई तथा कम्बोडियाई संस्करणों में रावण की बेटी सुवर्णमछा (सोने की जल परी) का उल्लेख किया गया है. वह हनुमान का लंका तक सागर सेतू बनाने का प्रयास विफ़ल करने की कोशिश करती है पर अंततः उससे प्यार करने लगती है.भारतीय दंत कथाओं में भगवान विष्णु के मत्स्यावतार का उल्लेख है जिसके शरीर का उपरी भाग मानव का तथा नीचेका भाग मछली का है.
चीनकी पुरानी कहानियो मे जलपरियां एक खास जीव थी जिनके आंसू मोतियों में बदल जाते थे. इन करण मछुआरे उन्हे पकडने का निरंतर प्रयास करते थे परन्तु जलपरियां अपने गानों से उन्हे पानी की गहराइयों में खींच लेती थी.
वैसे देखा जाय तो सांस्कृतिक तौर पर जलपरियां बिना कपडों के बताई गई है, पर कई देशोमें फ़िल्म डिवीजनों की सेंसरशिप के चलते, अधिकतर फ़िल्मों में जलपरियों के लम्बे बाल से स्तनों को ढक लिया जाता है. जहां सेंसरशिप की कड़ी शर्तें लागू होती है वहां जलपरियां विभिन्न प्रकार की जल सामग्री, जैसें सिप्पियां के आभुषण और समुद्री पौधों के परिवेश पहनी हुई बताई जाती है.
एक ग्रीक देश की कहानी के अनुसार महान अलेक्सैंडर की बहन ” थेसालॉयनिक ” मरने के बाद एक जलपरी बन गई थी. जलपरी के रूप में वह ज़िंदा रही और उसने जब एक जहाज़ को देखा तो उसके नाविकों से एक सवाल पूछा, क्या आप लोग जानते हो महान अलेक्सैंडर जीवित है ?
इस पर नाविकों ने उत्तर दीया, हा.. वह जीवित है, और विश्व पर राज कर रहा है. इस उत्तर से वह बेहद खुश हुई और उसने पानी को शांत करके जहाज़ को जाने दिया.अगर जवाब से वो संतुष्ट ना होती तो शायद वह गुस्से में आकर समुंदर में तुफ़ान व बवंडर ला कर जहाज़ को डुबो देती थी.
वर्तमान युग मे जलपरी समुद्र और लुटेरों की कहानियो का मन पसंद विषय है. इसके उपर अनेकों फ़िल्म बनी हुई है. जल परियो को बेहद सुंदर और आकर्षक बताई जाती है. अधिकांश लोगोंका मानना है की है की जलपरी तो y एक मात्र काल्पनिक पात्र है. वास्तव मे ऐसा कुछ भी नहीं है. ये एक लोगोंको भ्रमित करने वाली बातें है.
पुराने लोगों की बात माने तो भाईंदर पश्चिम स्थित राई गांव के तालाब मे जलपरी रहती थी, जिसको कुछ लोगोंने देखा हुआ कहा जाता है.
जलपरी के बारेमें कहानीया असायरिया में ईसा पूर्व 1000 पाई जाती है. देवी अटार्गेटिस, जो असायरियन और रानी सेमिरमिस की माँ थी, एक चरवाहे से बेहद प्यार करती थी, पर ना चाहते हुए भी उसे उसको मारना पडा, इस बात से शर्मिंदा होकर उसने तलाब में छलांग लगा दी और एक मछली का रूप ले लिया, परन्तू पानी भी उसकी सुंदरता को छिपा न सका. इसीलिए उसने एक जलपरी का रूप ले लिया.
ये और ऐसी अनेक कहानी जलपरियों के बारेमें बताई जाती है. जिस तरह हिमालय मे हिममानव की हयाती की बातें समय समय पर चर्चित होती रहती है, वैसी ही जलपरी को देखे जाने की बात भी समय समय पर उठती रही है. पर बास्तविक्ता पर आज भी परदा पड़ा हुआ है, और आज भी जलपरी, दुनिया के लिये एक रहस्य के शिवा कुछ भी नहीं. *
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