हमारे लिये गौरव की बात है कि भारतीय रेलवे एशिया की पहली ओर विश्व की दूसरी सबसे बड़ी रेलवे व्यवस्था हैं. भारत का सबसे बड़ा रेलवे स्टेशन उत्तर प्रदेश का गोरखपुर रेल्वे स्टेशन है.
आपको जानकर हैरानी होंगी कि मेघालय , लक्षद्वीप , सिक्किम , अंदबन व नकोबार द्विप तथा नगर हवेली मे रेलवे लाइन नहीं है. भारत में चली प्रथम इलेक्ट्रिक ईंजन का नाम ” महालक्ष्मी ” था. झूम दार्जलिंग भारत में सबसे ऊंचाई पर आया हुआ रेलवे स्टेशन है.
भारत देश की सुरेखा यादव प्रथम रेल महिला ड्राइवर के रूपमें जानी जाती है तथा मुमताज़ कठवाला देशकी प्रथम महिला डीजल रेल इंजन ड्राइवर बनी है. भारत मे प्रथम रेल डाक सेवा सन 1907 मे शुरू की गई थी.
पूरी दुनिया मे भारत ही ऐसा अकेला देश है जहाँ अलग अलग चौड़ाई की रेल पटरियां इस्तेमाल की जा रही है. इसमे
(1) ब्रॉड गैज़ लाइन 1.676 मीटर की चौड़ी होती है. (2) मीटर गेज लाइन 1 मीटर की चौड़ी होती है. (3) नैरो गेज लाइन 0.762 मीटर चौड़ी होती है. (4) स्पेशल ग़ैज़ 0.610 मीटर चौड़ी होती है.
भारतीय रेल बहुत बड़ा रेल नेटवर्क है , जिसमें हर दिन करोड़ो भारतीय सफर करते हैं. रेलवे की उपयोगिता का ख्याल लोगोंको कोरोना काल मे पता चल चूका है. भारत का रेल नेटवर्क 15 लाख कर्मचारियों को रोजगार देता है. आज भारतीय रेल्वे यातायात का सबसे सस्ता और सुरक्षित नेटवर्क है, जो हवाई जहाज के बाद सबसे तेज रफ़्तार से यात्री ओको अपने गंतव्य स्थान तक पहुंचाता है.
हम सब जानते है की भारत मे रेल्वे की शुरुआत अंग्रेजो ने की थी. अपने रोजिंदा कार्यों को सही तरीके से चलाने के लिए अंग्रेजो ने भारत में ट्रेन चलाने का फैसला किया था. इससे पहले अंग्रेज लोग अपने देश ब्रिटेन में ट्रेन चलाने का सफल परीक्षण कर चुके थे
Frst railway in india 1853
इसके बाद इन्होने अपने शासित देशों में ट्रेन चलाने का निर्णय लिया था जिनमें भारत का नाम भी शामिल किया गया था. अंग्रेजो ने भारत में ता :16 अप्रैल 1853 के दिन दोपहर 3 बजकर 30 मिनिट पर यह ट्रैन चलाई गई थी.
पहली ट्रेन को चलाने के लिए ब्रिटेन से तीन भाप इंजन मंगवाए गए थे, और भारत में सबसे पहली ट्रेन तत्कालीन नाम बॉम्बे में बोरीबंदर ( वर्तमान छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनल) से ठाणे तक चलाई गई थी. 20 डिब्बो की इस ट्रेन में उस वक्त 400 यात्री सवार थे.
बोरीबंदर से ठाणे की 34 किलोमीटर की दुरी को तय करने मे ट्रैन को कुल सवा घंटे का समय लगा था. सन 1848 तक भारत में रेलवे लाइन का नामो निशान नहीं था. मगर बाद मे पटरियों को बिछाने का काम शुरू हो गया था.
इससे पहले अंग्रेज अपने देश ब्रिटेन में ट्रेन चलाने का सफल परीक्षण पुरा कर चुके थे अतः भारत में रेल चलानेका अंग्रेजों को कोई भी मुश्केली का सामना बिलकुल नहीं करना पड़ा था. जब भारत में पहली ट्रेन चली थी तो इसकी देख रेख की जिम्मेदारी द ग्रेट इंडियन पेनिनसुला रेल कंपनी को सोपी गई थी. जिसका मुख्यालय मुंबई के बोरीबंदर में था.
पहले ब्रिटेन से भाप इंजन मंगवाये थे मगर परिक्षण सफल होते ही भारत मे सन 1856 में भाप इंजन बनाना चालू किया था. और देश के अलग हिस्सों को जोड़ने, रेल की पटरियों को बिछाने का काम तेजी से किया गया था. जो देश को अंग्रेजो की देन थी.
उल्लेखनीय है की दुनिया में पहली ट्रेन भी अंग्रेजो द्वारा ता : 27 सितंबर 1825 को ब्रिटेन में ही चलाई गयी थी. जब इस ट्रेन का सफल परीक्षण हुआ तो दुनिया के अलग अलग देश भी ट्रेन के इंजन और डिब्बे बनाने में जुट गए थे.
भारतीय रेलवे भारत सरकार द्वारा नियंत्रित सार्वजनिक रेलवे सेवा है. पुरे भारत में रेलवे की कुल लंबाई 67,415 किलो मीटर है. ये रोजाना 231 लाख यात्रियों और 33 लाख टन माल का वहन करती है. भारतीय रेलवे में कुल मिलाकर 12,147 लोकोमोटिव, कुल 74,003 यात्री कोच, 289,185 गाड़ियां और 8,702 यात्री ट्रेनों के साथ रोज कुल 13,523 ट्रेनें चलती हैं. भारतीय रेलवे में 300 रेलवे यार्ड, 2,300 माल ढुलाई और 700 मरम्मत केंद्र हैं. यह दुनिया की चौथी सबसे बड़ी रेलवे सेवा है. इसमे कुल 12.27 लाख से ज्यादा कर्मचारियों काम करते है.
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