लंकापति रावण शिवजी का परम भक्त था. विद्वान ब्राह्मण था. उसके पास ज्योतिष, तंत्र, मंत्र के ज्ञान का अखुट विशाल भंडार था. वो अनेकों शास्त्रों का ज्ञाता भी था. रावण का स्वपना था, सोने मे सुगंध का संयोजन करने का. समुद्र का खारा पानीको मीठा करने का. मगर आविष्कार करने के पहले ही राम के हाथों मारा गया. रावण संहिता में रावण की तंत्र – मंत्र विद्या और ज्योतिष का सार मिलता है.
रावण ने स्वयं ” रावण संहिता ” की रचना की थी. जो आज भी लोग अपनी किस्मत चमकाने के लिये , बिगड़ी बनानेके लिये इस्तेमाल करते है. निचे दिए गये टोटके सिद्ध जानकार के मार्गदर्शन में करना जरुरी है.
(1) उपाय नंबर = 1.
यदिआप को धन प्राप्त करना है तो… अपने घर पर प्रतिदिन 108 बार मंत्र जाप करना होगा.
मंत्र: ऊँ सरस्वती ईश्वरी भगवती माता क्रां क्लीं, श्रीं श्रीं मम धनं देहि फट् स्वाहा.
इस मंत्र का जप नियमित रूप से करने पर कुछ ही दिनों महालक्ष्मी की कृपा प्राप्त होगी और आपके धन में आ रही रुकावटें दूर होने लगेंगी.
(2) उपाय नंबर = 2.
किसी भी शुक्रवार को सवा सौ ग्राम साबुत बासमती चावल और सवा सौ ग्राम ही मिश्री को एक सफेद रुमाल में बांध कर मां लक्ष्मी से अपने घर में स्थायी रूप से रहने की प्रार्थना करते हुए उनसे क्षमा मांगे. इसके बाद उक्त रुमाल को ले जाकर किसी साफ, शुद्ध एवं बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें. ध्यान रखें कि यह सामग्री किसी नाले या गंदी नहर में न बहाई जाय. अतः नदी उत्तम पर्याय है.
(3) उपाय नंबर = 3.
किसी भी शुभ मुहूर्त में या किसी शुभ दिन सुबह जल्दी उठकर नहा धोकर किसी पवित्र नदी या जलाशय के किनारे जाकर किसी शांत एवं एकांत स्थान पर वट वृक्ष के नीचे चमड़े का आसन बिछाकर उस पर बैठकर धन प्राप्ति मंत्र का जप करे.
धन प्राप्ति का मंत्र = ऊँ ह्रीं श्रीं क्लीं नम: ध्व: ध्व: स्वाहा.
इस मंत्र का जप आपको 21 दिनों तक करना जरुरी है. मंत्र जप के लिए रुद्राक्ष की माला का उपयोग करना उचित होगा. 21 दिनों में अधिक से अधिक संख्या में मंत्र जप करें. जैसे ही यह मंत्र सिद्ध हो जाएगा आपके लिए धन प्राप्ति के योग बनने शुरू हो जायेंगे.
(4) उपाय नंबर =4.
यदि आपकी आमदनी तेजी से नहीं बढ़ रही है तो आपको कुबेर का मंत्र जाप करना जरुरी है. मंत्र है…..
” ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवाणाय, धन धन्याधिपतये धन धान्य समृद्धि मे देहि दापय स्वाहा.”
यह मंत्र जाप करें. जप करते समय अपने पास एक कौड़ी रखें. तीन माह तक इस मंत्र का जप करने के बाद कौड़ी को उस स्थान पर रख दें जहां आप पैसा रखते हैं.
इससे आपको धन प्राप्ति होंगी.
(5) उपाय नंबर = 5.
प्रातःकाल स्नान ध्यान करके बड़गद के पेड़ के नीचे आसन बिछाकर…..
” ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं नम: ध्व: ध्व: स्वाहा ” इस मंत्र का 1100 बार जप करें. जप के लिए रुद्राक्ष की माला का उपायोग करना ठीक रहेगा. कहते हैं 21 दिनों तक ऐसा करने से मंत्र सिद्ध हो जाता है और धन प्राप्ति के रास्ते खुल जाते हैं.
(6) उपाय नंबर = 6.
मंत्र: ऊँ सरस्वती ईश्वरी भगवती माता क्रां क्लीं, श्रीं श्रीं मम धनं देहि फट् स्वाहा.
यह उपाय 40 दिनों तक किया जाता है , इसे अपने घर पर ही किया जा सकता है. उपाय के अनुसार धन प्राप्ति मंत्र का जप करना है. प्रतिदिन 108 बार.
इस मंत्र का नियमित रूप से जाप करने पर कुछ ही दिनों में महालक्ष्मी की कृपा प्राप्त हो जाएगी और आपके धन में आ रही रुकावटें दूर होने लगेंगी.
(7) उपाय नंबर = 7.
यदि आप दसों दिशाओं से यानी चारों तरफ से पैसा प्राप्त करना चाहते हैं तो यह उपाय करें. यह उपाय दीपावली के दिन किया जाता है. दीपावली की रात में विधि-विधान से महालक्ष्मी का पूजन करें. पूजन के बाद सो जाएं और सुबह जल्दी उठें. नींद से जागने के बाद पलंग से उतरे नहीं बल्कि यहां दिए गए मंत्र का जाप 108 बार करें.
मंत्र: ऊँ नमो भगवती पद्म पदमावी ऊँ ह्रीं ऊँ ऊँ पूर्वाय दक्षिणाय उत्तराय आष पूरय सर्वजन वश्य कुरु कुरु स्वाहा.
शय्या पर मंत्र जप करने के बाद दसों दिशाओं में दस-दस बार फूंक मारें. इस उपाय से साधक को चारों तरफ से पैसा प्राप्त होने लगता है.
(8) उपाय नंबर = 8.
आपको पता चले कि किसी स्थान पर धन गढ़ा हुआ है और आप वह धन प्राप्त करना चाहते हैं तो यह उपाय करें. गड़ा धन प्राप्त करने के लिए यहां दिए गए मंत्र का जप दस हजार बार करना होगा.
मंत्र: ऊँ नमो विघ्नविनाशाय निधि दर्शन कुरु कुरु स्वाहा.
गड़े हुए धन के दर्शन करने के लिए विधि इस प्रकार है. किसी शुभ दिवस में यहां दिए गए मंत्र का जप हजारों की संख्या में करें. मंत्र सिद्धि हो जाने के बाद जिस स्थान पर धन गड़ा हुआ है वहां धतुरे के बीज, हलाहल, सफेद घुघुंची, गंधक, मैनसिल, उल्लू की विष्ठा, शिरीष वृक्ष का पंचांग बराबर मात्रा में लें और सरसों के तेल में पका लें. इसके बाद इस सामग्री से गड़े धन की शंका वाले स्थान पर धूप-दीप ध्यान करें. यहां उपर दिए गए मंत्र का जप हजारों की संख्या में करें.
ऐसा करने पर उस स्थान से सभी प्रकार की नकारात्मक शक्तियों का साया हट जाएगा. भूत-प्रेत का भय समाप्त हो जाएगा. साधक को भूमि में गड़ा हुआ धन दिखाई देने लगेगा.
विशेष टिप्पणी :
ध्यान रखें उपाय करते समय किसी विशेषज्ञ जानकार ज्योतिषी का परामर्श अवश्य लेना जरुरी है.
लंकाधिपति रावण ने रावण संहिता के अलावा शिव तांडव स्तोत्र की स्वयं रचना की थी. महाज्ञानी रावण अस्त्र शस्त्र और कई चीजों में पारंगत था. ज्योतिष शास्त्र में भी उसे महारथ हासिल की थी. इसी वजह जो भी दशानन के संपर्क में आता था वह उससे मोहित हो जाता था.
रावण संहिता और अरुण संहिता में ज्योतिष और तंत्र से संबंधित सैंकड़ों उपाय बताए गए हैं. उक्त उपायों के बारे में कहा जाता है कि यह अचूक होते हैं. उक्त उपायों को ज्योतिष की महान और रहस्यमयी लाल किताब में भी संग्रहित किया गया है. रावण का प्रभाव उसकी तांत्रिक साधना बल पर था.
सौरमंडल के सभी ग्रह रावण के ही इशारे पर चलते थे. कोई भी ग्रह रावण की मर्जी के विरुद्ध कार्य नहीं कर सकता था. जब पुत्र मेघनादअपनी माता की गर्भ में था तब रावण ने सभी ग्रहों को एक निश्चित स्थिति में रहने का आदेश दे दिया था, ताकि उनका पुत्र यशस्वी और महान योद्धा के रूप में जन्म ले. सभी ग्रहों ने रावण के निर्देशानुसार ही कार्य किया लेकिन आयु के कारक कहे जाने वाले शनि देव ने ठीक उसी समय अपनी स्थिति को परिवर्तित कर लिया जब मेघनाद जन्म लेने वाला था. इस वजह से वह यशस्वी, पराक्रमी योद्धा तो बना लेकिन वह अल्पायु हो गया.
रावण संहिता में कुछ ऐसे ही खास प्रकार के तांत्रिक तिलक की चर्चा की गई है. जो भी व्यक्ति यह तिलक लगाता है सहज ही लोग उसकी तरफ खिंचे चले आते हैं.
रावण संहिता के तांत्रिक तिलक इस प्रकार है :
(1) चमत्कारिक तिलक उपाय नं. = 1.
सफेद आंकड़े (अकवन) को छाया में सुखा कर इसके बाद उसे कपिला गाय यानी सफेद गाय के दूध में मिलाकर उसे पीस कर फिर उसका तिलक लगाया जाय तो ऐसा करने वाले व्यक्ति का समाज में वर्चस्व स्थापित होता है.
(2) चमत्कारिक तिलक उपाय नं. = 2.
आप अगर आप घर, समाज या ऑफिस जैसी जगहों पर लोगों को आकर्षित करना चाहते हैं तो बिल्वपत्र तथा बिजौरा नींबू को बकरी के दूध में मिलाकर उसका तिलक लगाया जाय तो आपका आकर्षण बढ़ेगा और आप हर जगह लोगों का ध्यान अपनी तरफ खींचने में सफल होंगे.
(3) चमत्कारिक तिलक उपाय नं.= 3.
कोई व्यक्ति सफेद गाय के दूध के साथ सफेद दुर्वा घास का लेप बनाकर उसका तिलक लगाता है, तो वह किसी भी काम में असफल नहीं होता है.
(4) चमत्कारिक तिलक उपाय नं.= 4
अपामार्ग के बीज को बकरी के दूध में मिलाकर उसे पीसकर उसका लेप बनाकर लगाया जाय तो इस लेप को लगाने वाले व्यक्ति का समाज में आकर्षण काफी बढ़ जाता है. उसका कहा सभी लोग मानते हैं.
(5) रावण संहिता के उपाय :
किसी भी चौराहे पर खड़े होकर काली मिर्च के 5 दाने अपने सिर पर से 7 बार घुमाकर 4 दाने चारों दिशाओं में और एक दाना आकाश की ओर उछाल दिया जाय तो इससे अवश्य ही आकस्मिक धन लाभ होता है. यह मंत्र जप करते समय अपने पास धनलक्ष्मी कौड़ी रखें. जब तीन माह हो जाएं तो यह कौड़ी अपनी तिजोरी में या जहां आप पैसा रखते हैं वहां रखे इस उपाय से जीवनभर आपको पैसों की कमी नहीं होगी.
(6) रावण संहिता के उपाय :
किसी भी शुभ अवसर जैसे अक्षय तृतीया, दीपावली, होली आदि की मध्यरात्रि में यह उपाय विशेष फलदायी रहता है. कुमकुम के द्वारा थाली पर ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं महालक्ष्मी, महासरस्वती ममगृहे आगच्छ-आगच्छ ह्रीं नम: लिखें. जिससे आपको मा महालक्षी जी और मा सरस्वती की कृपा होंगी.
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