खूबसूरत जवान दिखना किसे पसंद नहीं आता ? हम लोग खूबसूरती की तुलना अपसरा, परीओ के साथ करते है. मगर क्या आप जानते है ? ” हुंजा ” नामक जन जाति के लोग 80 साल की उम्र में भी जवान दिखते है. यहांकी महिला 65 साल तक जवान रहती है और इस उम्र तक बच्चे को जन्म दे सकती है. यहाके लोगों की औसत उम्र 120 साल है.
हुंजा जनजाति पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में गिलगित बाल्टिस्तान के पहाड़ों पर हुंजा घाटी में पाई जाती है. हुंजा भारत और पाकिस्तान के बीच नियंत्रण रेखा के पास पड़ता है. इस गांव को युवाओं का नखलिस्तान भी कहा जाता है.
” हुंजा ” जनजाति के बारे में पहली बार डॉ. रॉबर्ट मैक्कैरिसन ने पब्लिकेशन स्टडीज इन डेफिशिएन्सी डिजीज में लिखा था. इसके बाद “जर्नल ऑफ द अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन” में एक लेख प्रकाशित हुआ, जिसमें इस हुंजा प्रजाति के जीवन शैली और इतने लंबे समय तक स्वस्थ रहने के बारे में बताया गया था.
प्रकाशित लेख के अनुसार, यहां के लोग शून्य से भी कम तापमान में ठंडे पानी से नहाते हैं. भोजन में कम खाना और ज्यादा घूमना फिरना इनकी जीवन शैली है. हुंजा जाति लोगों के लिये रोजाना 15 से 20 किलोमीटर तक चलना तो आम बात है. जहां की महिलाएं 80 साल की उम्र में भी महज 30-40 साल की लगती हैं.
ये लोग खुमानी, मेवा , सब्जियां और अनाज में जौ, बाजरा और कूटू खुद उगाते है.ये लोग भूख लगने पर अंजीर, अखरोट, खुमानी खाते है प्यास लगने पर नदीका पानी पीते है और बीमारी का इलाज जड़ी बूटियों से करते है. आने जाने के लिये मिलो तक पैदल चलतें है. यहीं कारणवश ये लोग 120 साल तक जिंदा रहते है. कई लोगों ने तो अलोपथी डॉक्टर का नाम तक सुना नहीं है.
हुंजा जाति को कुछ लोग किसी यूरोपीय नस्ल से जोड़ते हैं. यहाँ के लोग गोरे-चिट्टे, जवान, हंसमुख और आसपास की बस्ती से बिल्कुल अलग दिखते हैं.
हुंजा गांव हिमालय की पर्वतमाला पर स्थित हैं. इसे दुनिया की छत के नाम से भी पहचाना जाता है. यह भारत के उत्तरी छोर पर स्थित है जहां से आगे पर भारत, पाकिस्तान, चीन, अफगानिस्तान की सीमाएं मिलती है. इस हुंजा जाति मे औरतों का राज चलता है.
हुंजा जनजाति की जनसंख्या करीब 87 हजार है. यह जनजाति और उनकी जीवन शैली सैकड़ों साल पुरानी है. हुंजा जनजाति के लोग बिना किसी समस्या के कई सालों तक जीवित रहते हैं. बताया जाता हैं कि इनमें से कई लोग तो 165 साल तक जिंदा रहते हैं. हुंजा जनजाति की खास बात यह है कि यहां के लोग बहुत कम बीमार पड़ते है.
हुंजा जाति के लोग सिकंदर को अपना वंशज मानते है. जो चौथी सदी में भारत आए थे. इनकी तंदरूस्ती का राज यहां की आबोहवा है. इन लोगोंका गांव प्रदुषण मुक्त है. यहां पर ना तो धुआं है, ना प्रदूषित पानी. लोग खूब मेहनत करते हैं और रोजाना करीब 15 किलोमीटर पैदल चलते हैं,
हुंजा लोग करीब 60 साल तक जवान बने रहते हैं और गंभीर बीमारियों से बचे रहते हैं. हुंजा घाटी एक समय भारत का हिस्सा थी, लेकिन अब बंटवारे के बाद यह पाक अधिकृत कश्मीर में चली गई है.
दुनिया भर के डॉक्टरों ने भी ये माना है कि इनकी जीवनशैली ही इनकी लंबी आयु का असली राज है. ये लोग सुबह जल्दी उठते हैं और बहुत पैदल चलते हैं.
इस घाटी और यहां के लोगों के बारे में जानकारी मिलने के बाद डॉ. जे मिल्टन हॉफमैन ने हुंजा लोगों के दीर्घायु होने का राज पता करने के लिए हुंजा घाटी की यात्रा की थी उनके निष्कर्ष 1968 में आई किताब हुंजा- सीक्रेट्स ऑफ द वल्र्ड्स हेल्दिएस्ट एंड ओल्डेस्ट लिविंग पीपल में प्रकाशित हुए थे.
पाकिस्तान हुंजा समुदाय की ये महिलाएं दुनिया की सबसे खूबसूरत कही जाती हैं. यहां की औरतें बूढ़ी होने पर भी जवान दिखती हैं, तो वहीं यहां के पुरुष 90 साल की उम्र में भी पिता बन सकते हैं.
यह समुदाय मुस्लिम धर्म को मानता है और इनके सारे क्रियाकलाप भी मुस्लिमों जैसे ही हैं. हुंजा घाटी पाकिस्तान के मशहूर पर्यटन स्थलों में से एक है. दुनियाभर से लोग यहां पहाड़ों की खूबसूरती देखने आते हैं. इस समुदाय के ऊपर कई किताबें भी लिखी जा चुकी हैं, जिसमें ‘द हेल्दी हुंजाज’ और ‘द लॉस्ट किंगडम ऑफ द हिमालयाज’ शामिल हैं.
मित्रों यह थी हुंजा समुदाय की कहानी. आपको पसंद आयी ?.
——===शिवसर्जन ===——–