कई लोग दारू को दैत्य मानते है. फिरभी लोग शान से पीते है. दारू पिने वाले को बेवड़ा, पिंडुक, नशेडिया, शराबी, आदि नामोंसे पुकारा जाता है. अधिक दारू पीनेसे दिमाग का संतुलन खो जाता है. पिने वाला पागल की तरह हरकत करता है. नशीले पदार्थ का सेवन करके उसे बेढंगी तरीके से प्रदर्शन करना कानूनन अपराध है.
शराब पीनेसे नशा चढ़ता है, इसके पीछे का कारण, शराब में मौजूद अल्कोहल होता है. शराब में अल्कोहल का प्रमाण जितना ज्यादा, उतनी शराब ज्यादा नशीली होती है. सामान्य शराब एथाइल एल्कोहल होती है जबकि ज़हरीली शराब मिथाइल एल्कोहल कहलाती है. उत्पादक शराब को अधिक नशीली बनाने के लिए इसमें ऑक्सिटोसिन मिला देते है. जो मौत का कारण बनती है.
जानकारों का कहना है कि स्पिरिट शराबी को आक्रामक, सेक्सी या यहां तक कि भावुक बना देती है जबकि रेड वाइन या बीयर पीने से व्यक्ति राहत महसूस करता है. स्पिरिट में अल्कोहल की मात्रा अधिक होती है और इसे भाप से बूंद-बूंद इकट्ठा के बनाई जाती है. हार्ड ड्रिंक्स शराब सबसे जल्दी रक्त में शामिल होती है, इसके बाद वाइन और फिर बीयर का नंबर आता है. वाइन पीने के 54 मिनट बाद रक्त में अल्कोहल की मात्रा सबसे ज्यादा होती है और बीयर पीने के 64 मिनट बाद अल्कोहल की मात्रा खून में सबसे ज्यादा होती है.
वाइन विभिन्न प्रकार की होती हैं जैसे कि बीयर, शैम्पेन, पोर्ट साइडर, शेरी, व्हिस्की, रम, ब्रांडी, फैनी और जिन आदि. बीयर में नशा की मात्रा बहुत कम होती है, जबकि रम में यह मात्रा ज्यादा होती है, और इन सब में शैम्पेन सबसे महंगी शराब है. जो लोग सप्ताह में तीन-चार बार, एक या दो पेग शराब पीते हैं, उनमें हार्ट अटैक की आशंका कम होती है.
PETA के अनुसार बियर पीना दूध से ज्यादा फायदेमंद है. क्योंकि यह न सिर्फ हड्डियों को मजबूत बनाती है, बल्कि इसे पीने से उम्र भी बढ़ती है. एक शोध के अनुसार बीयर पीने से किडनी स्टोन्स बनने की आशंका कम होती है. न्यू इंग्लैंड जनरल ऑफ मेडिसिन के मुताबिक, बीयर पीने से हार्ट अटैक का खतरा कम होता है. बीयर पीने से हड्डियां मजबूत होती हैं. ये फायदे के साथ नुकशान भी कुछ कम नहीं है.
बियर मोटापे को बढाती है. बीयर का सबसे ज्यादा और गहरा असर लीवर पर पड़ता है. बीयर पीने का दूसरा बड़ा असर पेट पर पड़ता है.
आपको पता है ? रोज की दिनचर्या में आप जिन चीजों का प्रयोग करते हैं, उनमें से कुछ चीजों में अल्कोहल होता है.
कफ, खांसी या सीने में जकड़न के लिए आप जिस कफ सीरप, यानि खांसी की दवा का जो प्रयोग करते हैं, दरअसल उसमें कुछ मात्रा में अल्कोहल का प्रयोग किया जाता है. यही कारण है, कि अक्सर खांसी की दवा पीने के बाद नशा आने के साथ ही कई बार नींद आ जाती है.
हाथों को साफ रखने के लिए आप जिस सेनेटाइजर का प्रयोग करते हैं, उसमें अल्कोहल की मात्रा लगभग 60 से 85 प्रतिशत तक होती है, जो कि कीटाणुओं की बेहतर सफाई में मददगार होती है. बाजार में अल्कोहल मुक्त सेनेटाइजर भी उपलब्ध हैं, लेकिन वे उतने प्रभावशाली नहीं होते है.
परफ्यूम में भी अल्कोहल होता है. परफ्यूम या कोलोजन में अल्कोहल की मात्रा 50 से लेकर 90 प्रतिशत तक होती है.
मुंह को बैक्टरिया और दुर्गंध से बचाए रखने के लिए हर सुगह आप जिस माउथवॉश का प्रयोग करते हैं, उसमें लगभग 30 प्रतिशत अल्कोहल पाया जाता है. गलती से भी निगल लेने पर यह आप पर नशीला प्रभाव डाल सकता है.
नशेड़ियों को शराब छुड़ाने के भी अनेक नुस्खे मौजूद है.
अगर कोई व्यक्ति शराब छोड़ना चाहता है तो उस व्यक्ति को जब भी शराब पीने की इच्छा हो तब किशमिश का 1 -2 दाना मुंह में डालकर चूसने कहे और उसे किशमिश का शरबत का सेवन करने कहे. इससे शराब छुड़ाने में आसानी होती है.
कहां जाता है की गाजर के जूस से शराब पीने की इच्छा कम होजाती है. दिन में एक गिलास गाजर का जूस अवश्य ही पीये यह शराब को छोड़ने में बहुत सहायक होता है इससे नेत्रों की रौशनी बढ़ती है और पाचन तंत्र में सुधार होता है. शराब छुड़ाने के लिए खजूर बहुत अधिक सहायता देता है. इसके लिए पानी में कुछ खजूर घिसें फिर दिन में दो – तीन बार इस मिश्रण का सेवन करें. इससे शीघ्र ही शराब की आदत छूट जाती है.
शराब छुड़ाने का एक और आजमाया हुआ उपाय करने जैसा है. शिमला मिर्च लेकर जूसर से उसका रस निकाल कर इस रस का सेवन दिन में दो बार आधा आधा कप भोजन के बाद करें तो इस अचूक उपाय से शराब की तलब अपने आप घटने लगती है और फिर जल्द ही पूरी तरह से शराबी शराब पीना छोड़ देता है.
तंबाकू, गुटका,बीड़ी, सिगरेट आदि नशा करने वालो के शरीर में फास्फोरस (PHOSPHORUS) तत्व की कमी हो जाती है उसके लिए PHOSPHORUS 200 का ऐसे ही प्रयोग डॉक्टर की सलाह अनुसार करना चाहिए.
शराब छुडानेके और तरीके में 500 ग्राम देसी अजवाइन को पीसकर उसे 7–8 लीटर पानी में दो दिन के लिए भिगो कर रखके फिर उसे धीमी आंच पर इतना पकाएं कि अंदर का पानी लगभग 2 लीटर रह जाए. इस पानी को ठंडा होने पर छान कर किसी साफ बोतल में भर दें. अब जब भी आपकी शराब पीने की इच्छा हो इसे 5 – 5 चम्मच पियें.
इसके सेवन में कुछ ही दिनों में शराब पीने कि आदत ख़त्म हो जाती है.
शराब और शराबियो पर अनेक शेरो शायरी बनी है. बॉलीवुड इंडस्ट्रीज में अनेकों फ़िल्म बनी है. अनेकों सुपर डुपर गाने बने है. ता : 12 जुलाई 2002 के दिन रिलीज हुई संजय लीला भंसाली निर्देशित 100 करोड़ बजट की फ़िल्म “देवदास” जिसके कलाकार थे शाहरुख़ खान, ऐश्वर्या राय माधुरी दीक्षित, जैकी श्रॉफ और किरण ख़ैर. यह फ़िल्म की कहानी शरतचन्द्र चट्टोपाध्याय के उपन्यास देवदास पर आधारित है.
इस फ़िल्म को 48 वें फ़िल्म फेयर पुरस्कार के लिये नामांकित की गई थी. जिसमे भरत शाह को सर्वश्रेठ फ़िल्म पुरुस्कार. सर्व श्रेष्ठ निर्देशक संजय लीला भंसाली . सर्वश्रेष्ठ अभिनेता शाहरुख ख़ान. सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री ऐश्वर्या राय. सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्रीमाधुरी दीक्षित. नई संगीत प्रतिभा श्रेया घोषाल. सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायिका डोला रे डोला के लिये श्रेया घोषाल और कविता कृष्णमूर्ति. को अनेकों पारितोषक प्राप्त हुए थे. इस फ़िल्म में नशेडिये की जिंदगी का आलेखन किया गया था. जो बॉक्स ऑफिस पर हिट थी.
इससे पहले बनी दिलीप कुमार की फ़िल्म देवदास को लोगो ने सहराया था.
विशेष टिप्पणी :
यहां बताये गये दारू छुड़वाने के नुस्खे को आजमाने से पहले विशेषज्ञों की सलाह अवश्य ले. *
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