प्रकृति की गोदमें घोलवड – बोर्डी. 

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मेरी भाईंदर से डहाणू लोकल ट्रैन का सफर. पोस्ट पढनेके बाद मरवडा घोलवड के रिस्तेदार माजी प्रिंसिपल श्री अजित अर्जुन माछी जी की फरमाइश पर आज की पोस्ट लिखनेको प्रेरित हुआ हूं. 

             घोलवड वेस्टर्न रेल्वे का एक स्टेशन है, जो महाराष्ट्र के पालघर जिले का हिस्सा है. घोलवड स्टेशन के पश्चिम स्थित एक किलोमीटर के अंतराल पर अरबी समुद्र के तट पर बसा घोलवड गांव अपना प्राकृतिक नयनरम्य सौंदर्य और हरीयाली की वजह पर्यटकों का पसंदीदा आकर्षण केंद्र है. 

        घोलवड गांव आदिवासी, बारी, माच्छी, वार्ली, दुबळा, धोड़ी, कांबळी, मांगेला, ईरानी और पारसी लोगो की आबादी वाला गांव है जहां ग्रामपंचायत की हकूमत चलती है. 

       यहा के लोगोंका मुख्य व्यवसाय खेती वाड़ी है.घोलवड अपनी चीकू की वाडी, नारियल पानी और सफेद जामुन और लीची फल के लिए जाना जाता है. घोलवड के चीकू की मांग भारत भर मे थी, मगर कई स्थानीय जानकारों का मानना है , कि तारापुर परमाणु ऊर्जा परियोजना और डहाणू थर्मल पावर के बाद वहां निकलने वाले उत्सर्ग किरणों की वजह अपनी पहचान अब खोते जा रहा है. 

    घोलवड के नजदीक पूर्व मे कोसबाड हिल स्थित कृषि विज्ञान केंद्र है जिसकी मुलाक़ात तत्कालीन माजी प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गाँधी ले चुकी है. 

     यहांपर कोसबाड हिल स्थिर जैनों का पवित्र स्थल मल्लीनाथ जैन तीर्थ मंदिर विध्यमान है. यहांका नयनरम्य नजारा मन को मोह लेता है. 

     वापिस चलतें है घोलवड पश्चिम मे. बोर्डी गांव से घोलवड, मरवडा, चीखले से डहाणू तक विशाल अरबी समुद्र का किनारा दृष्टिगोचर होता है. सरु के वृक्ष यहांकी खूबसूरती को बढ़ावा देता है. 

     देश जब आजादी की लड़ाई मे रंग चूका था तब देशहित मे शिक्षा साक्षरता अभियान को आगे बढ़ाने के लिए तब आचार्य श्री भिसे गुरूजी ने आजीवन कुंवारा रहकर गरीब आदिवासी बच्चों के उत्थान के लिए अपना पुरा जीवन समर्पित कर दिया. 

      उन्होंने घर घर जाकर आदिवासी बच्चों को स्कूल मे ले आकर दाखिला दिलवाया, उनको साक्षर करने का बीड़ा उठाया. और आज हम लोग उसके स्वपनोंका स्कूल ” सूनाबाई पेस्टनजी हकीमजी हाई स्कूल ” के रूपमें साकार हुआ देख रहे है. 

     यह स्कूल घोलवड बोर्डी रोड स्थित समुद्र तट के नजदीक विध्यमान है. इस परिसर को आचार्य भिसे विद्यानगर के नाम से जाना जाता है, ये स्कूल गोखले एजुकेशन सोसाइटी, नासिक के तहत कार्य करता है. 

      इस स्कूल की स्थापना तारीख : 11 जनवरी 1920 के दिन की गई थी. इस स्कूल के लिए श्रीमती धनबाई पेस्टनजी हकीमजी – घोलवड़ ने अपनी माता श्रीमती सूनाबाई पेस्टनजी हकिमजी की स्मृति में स्कूल भवन के निर्माण के लिए 50,000 रुपये और दो एकड़ भूमि का दान दिया था.  

        आचार्य भिसे गुरूजी ने राष्ट्रीय शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया. इसके अलावा, संस्था मे समर्पित सामाजिक कार्यकर्ताओं का निर्माण किया, जिन्होंने स्वतंत्रता के लिए राष्ट्रीय संघर्ष में भी भाग लिया 

       स्वतंत्रता के पश्चात आयोजकों ने कमजोर वर्गों के उत्थान के लिए कार्य किया. तब ठाणे जिले मे आदिवासीयों की जन संख्या पांच लाख से अधिक मानी जाती थी. उनमे निरक्षरता का प्रमाण ज्यादा था. 

       सन 1949 में, “”कृषि संस्थान””, कोसबाद हिल, तत्कालीन जिला, ठाणे, वर्त्तमान पालघर स्थित बोर्डी के स्वर्गीय पद्मश्री हरिश्चंद्र पाटिल (जापानी धान की खेती पद्धति के संस्थापक और महाराष्ट्र कृषि विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति) और डॉ जयवंतराव पाटिल ( कृषि विशेषज्ञ, योजना आयोग के पूर्व सदस्य, भारत सरकार ) के नेतृत्व में संस्थान की शुरुआत की और कृषि विकास को तेज करने के लिए कृषि संस्थान के विकास में गहरी दिलचस्पी ली थी. 

       बोर्डी स्कूल का पोस्टल पिन कोड 401 701 है. यह स्कूल महाराष्ट्र राज्य S.S.C. बोर्ड के अंतर्गत आता है और मराठी और गुजराती में प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षा प्रदान करता है.

          आज बोर्डी में गोखले एजुकेशन सोसाइटी का शिक्षा परिसर ग्रामीण क्षेत्र में शिक्षा का एक आदर्श केंद्र बन गया है जहाँ छात्रोंको माध्यमिक स्तर की शिक्षा तक मराठी, गुजराती और अंग्रेजी माध्यम में सीखने का अवसर प्रदान करती है. 

         सन 1920 मे शुभारंभ हुई इस स्कूल को आज 100 साल पुरे हो चुके है. इस ख़ुशी मे स्कूल ई. सन 1945 मे रजत जयंती, सन1970 मे स्वर्ण जयंत सन 1995 मे पचहत्तरवी जयंती, और सन 1020 मे हीरक जयंती मना चूका है. अर्थात स्कूल ने Silvar jubilee, Golden jubilee, Platinum Jubilee, तथा Diamond Jubilee के सुहाने दिन देखे है. 

        सूनाबाई पेस्टनजी हकीमजी हाई स्कूल भारत के महाराष्ट्र के बोर्डी में स्थित एक अव्वल नंबर की स्कूल बन चुकी है. आज यहां 2000 से ज्यादा बच्चे अध्यन कर रहे है. वर्तमान मे स्कूल की प्रिंसिपल सौ अरूंधती सावे जी हैं. 

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प्रकृति की गोदमें घोलवड - बोर्डी.  3

आजतक इस स्कूल मे करीब एक लाख विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर चुके हैं. 

*** पहली-चौथी एसटीडी गुजराती माध्यमिक प्राथमिक विद्यालय
*** एसपीएच मराठी और गुजराती हाई स्कूल
*** 5वीं-10वीं एसटीडी मराठी मीडियम हाई स्कूल
*** 5वीं-10वीं एसटीडी गुजराती मीडियम हाई स्कूल
*** प्रिं. आत्मारामपंत सेव केजी और प्राइमरी इंग्लिश स्कूल
*** पूज्य चित्रे गुरुजी इंग्लिश मीडियम हाईस्कूल
*** गोदरेज तकनीकी संस्थान और एमसीवीसी जूनियर कॉलेज
*** फिरोजशा गोदरेज साइंस एंड कॉमर्स जूनियर कॉलेज
*** इंजीनियरिंग डिप्लोमा कटगरा पॉलिटेक्निक संस्थान
*** एनबी मेहता साइंस कॉलेज (बीएससी और एमएससी)

कॉमर्स कॉलेज (बी.कॉम.)

*** सौ. एलजे पथारे आईटी संस्थान. (स्नातक और परास्नातक पाठ्यक्रम) आदि उपक्रम चलाये जाते है. 

       स्कूल में बड़ा परिसर है जिसमें दो असेंबली हॉल, पुस्तकालय, कंप्यूटर केंद्र, कार्यशालाएं, और अध्यतन प्रयोग शाला शामिल हैं. एथलेटिक सुविधाओं के तहत परिसर में ट्रांसवाल जिमखाना द्वारा विभाजित दो बड़े खेल मैदान हैं

      पाठ्यक्रम एसएससी बोर्ड पैटर्न पर आधारित है. अर्धवार्षिक और टर्मिनल परीक्षाएं होती हैं कक्षा 8 के बाद, छात्र कंप्यूटर एप्लीकेशन, व्यावसायिक शिक्षा जैसे वैकल्पिक विकल्पों में से चुनते हैं.

       वार्षिक खेल दिसंबर में आयोजित किए जाते हैं जहां स्कूल के सभी छात्र खेल विषयों या अन्य श्रेणियों में सक्रिय रूप से भाग लेते हैं. खेल विजेता के लिए मूल्य वितरण प्रत्येक वर्ष ग्यारह जनवरी को आयोजित किया जाता है. इस दिन स्कूल की स्थापना की गई थी. 

उल्लेखनीय पूर्व छात्र : 
(1) रत्नाकर गायकवाड़ : 

मुख्य सचिव, राज्य सरकार.महाराष्ट्र

(2) ताराबाई वर्तक : पूर्व मंत्री.
(3) भाऊसाहेब वर्तक : पूर्व मंत्री.
(4) विजय मांजरेकर : क्रिकेटर.
(5) अमोल पालेकर : फिल्म अभिनेता, निर्देशक और निर्माता
(6) हेमचंद्र गुप्ते : मुंबई के माजी मेयर.
(7) एस. पाटकर :मुंबई माजी मेयर.
(8) डॉ. चंद्रकांत कुलकर्णी : मत्स्य बोर्ड के निदेशक, भारत सरकार 
(9) प्रताप सावे (10) डॉ.एसडी वर्तक
(11) एम. ममसा (12) विजय भट्ट : 

गुजराती अभिनेता.

(13) अशोक भालचंद्र पाटिल : प्रख्यात बहुराष्ट्रीय व्यवसायी.
(14) मिलिंद पाटिल : एमईपी सलाहकार, यूएई, यूएसए और यूके.
(15) केसरीटूर के केसरी पाटील, (16) वीणा वर्ल्ड की वीणा पाटील.

        माछी समाज का गौरव माने जाने वाले श्री अजित अर्जुन माछी. सुनाबाई पिस्टनजी हकीमजी हाई स्कूल मे 5वी से 12वी तक का विद्यार्थि रह चुके है.   

        उन्होंने 1987 से दिसम्बर 2016 तक शिक्षक, पर्यवेक्षक, मुख्याध्यापक और ता : 1जनवरी 2017 से बोरीवली शिंपोली रोड स्थित नामदार गोपाल कृष्ण गोखले हाई स्कूल व जूनियर कॉलेज मे मुख्याध्यापक और बाद मे कोसबाड स्थित आचार्य शंकर रामचंद्र भिसे माध्यमिक स्कूल मे नवंबर 2018 मे मुख्याध्यायक पद पे रहते निवृत हुए.

      सौ. वीणा अजित माछी एक उच्च दरज्जा की कवियत्री है, और उनके दो काव्य संग्रह (1) मी घडतांना और (2) आशेचा किरण. प्रकाशित हुए है. 

      उनका आशेचा किरण काव्य संग्रह, सिंगापूर मराठी मंडल – सिंगापूर मे प्रकाशित किया गया था.वर्तमान आप कोंकण मराठी साहित्य परिषद – डहाणू की अध्यक्षा है.

        सौ. वीणा अजित माछी. वाणगाव की जे.एम.टी स्कूल की विद्यार्थिनी है. सुनाबाई पेस्टनजी हकिमजी हाई स्कूल मे शिक्षिका परिवेक्षिका, उप मुख्य अध्यापिका सन 1989 से जूलै 2020 तक बोर्डी मे. तथा 1 अगस्त 2020 से कोसबाड स्थित आचार्य शंकर रामचंद्र भिसे माध्यमिक विद्यालय मे मुख्य अध्यापिका के रूपमें सेवा कार्य कर रही हैं. 

             आचार्य भिसे विद्या नगरी मे करीबन 5000 विद्यार्थी अध्यन करते है. सुनाबाई पिस्टनजी हकीमजी का माजी विद्यार्थी संघ बहुत बड़ा है. उनके पास कैंपिंग ग्राउंड और विश्रामधाम जैसी दो वास्तु है. ये छह एकड़ मे फैली है. यहां बच्चों का कैंप और शादी होती हैं. विश्रामधाम मे 72 बेड की विविध इमारते हैं

     घोलवड गावमे सुनाबाई पेस्टनजी मेटरनिटी अस्पताल है, जिसका लाभ आसपास के कई गांव के लोग लेते है. 

       पुरानी यादों मे गुरु दक्षिणा मंदिर और शारदाश्रम विशेष ध्यान आकर्षित करता हैं.

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