शीर्षक पढ़कर आप निश्चित विस्मय मे पड़ गये होंगे. ” टाइयो नो टमैंगो ” यह एक आम का नाम है. इस आम का दाम सुनकर आपके चहेरे पर पसीना आ जायेगा. सोचो एक किलो आम का दाम कितना होगा ? …. 500 रुपिया ? 1000 रुपिया ? बिलकुल गलत !.
इस आम की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में एक लाख से 2 लाख 50 हजार रुपये किलो तक बताई जाती है. हे ना अचरज की बात ? इस आम का नाम ” टाइयो नो टमैगो ” आम है. इसका मतलब होता है ” एग ऑफ द सन ” यानि
” सूरज का अंडा.” यह एक निराला आम है जो एक बड़े अंडे की तरह दिखता है. यह आम जापान मे पाये जाते है. यहां हर साल सबसे पहले उगाए गए इस खास आम की बोली लगती है. इस आम की खेती सिर्फ ऑर्डर पर ही की जाती है. इसकी मूल कीमत करीब 3000 डॉलर बताई जाती है. यह आम आधा लाल और आधा पीला होता है. यह आम जापान में गर्मी और सर्दी के बीच के मौसम में तैयार किया जाता है इसलिए यह बहुत ही ज्यादा महंगा होता है.
अब ये आम मध्य प्रदेश के जबलपुर में एक आम के बगीचे मे भी उगाये जाते है. यहां पर इस बगीचे की सुरक्षा के लिए 3 गार्ड और 9 कुत्ते लगाये जाते है. आम इतना महंगा होगा तो उसकी सुरक्षा भी बिलकुल महंगी होंगी ही. इसीलिए इन आमों की रखवाली के लिए प्रशिक्षित किये गये कुत्ते और गार्ड्स 24 घंटे बगीचे में तैनात रहते हैं.
ये खास प्रकारके आमों को उगाने में बडी मसक्कत करनी पड़ती है. इस प्रत्येक आम को एक छोटे जाल के साथ घेरना पडता हैं, उस पर सूरज की रोशनी प्राकृतिक रूपसे गिराने पड़ती है. जो आम को एक समान, रूबी-लाल रंग देता है. और पेड़ से गिरने पर फल को रोकता है. ऐसे में ये आम बिल्कुल स्वादिष्ट होते हैं, तथा बेहद रसदार और आसानी से मुंह में पिघलते हैं. स्वाद अपने आप में एकदम मीठा और खट्टा होता है, जैसे कि अनानास और नारियल के साथ मैंगों का मिश्रण हो.
ये आम खाना सामान्य लोगोंके बसकी बात नहीं है. ये धनाढ्य लोगोंका शौख है. जापान के रईस लोग उसे तोहफे के रूपमें भेट देते है. इस आम के जोड़ो को सावधानी से पैक कर लोग गिफ्ट शॉप पर बेचते है. एक लक्जरी फल की तरह इसे दुकानों में कांच के अन्दर रख कर बेचा जाता है, जैसे ये कोई फल नहीं बल्कि मूल्यवान गहने हो. अब अमीरों मे ये एक परंपरा बन चुकी है.
स्वाभाविक है कि आम जब इतना महंगा है तो इसकी चोरी की सम्भावना भी ज्यादा बढ़ जाती है. अतः मालिक को इसकी सुरक्षा के लिए अधिक खर्चा करना पडता है.
. ” टाइयो नो टमैंगो ” आम जब पूरा पक जाता है तो यह हल्का लाल और पीला होता है और इसका वजन करीब 900 ग्राम तक पहुंच जाता है. इसमें रेशे नहीं पाए जाते और खाने में यह बहुत मीठा होता है. आम की यह प्रजाति जापान में संरक्षित वातावरण में उगाई जाती है, लेकिन भारत इसे खुले वातावरण में उगाया जाता है.
जापानी मिडिया के अनुसार इस आम को दुनिया का सबसे महंगा आम समझा जाता है. पिछले साल अंतरराष्ट्रीय बाजार में इस आम की कीमत 2.5 लाख रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई थी. यह आम जापान में ही उगाया जाता है. खास कर जापान के मियाजाकी में ये आम मिलता है.
भारत मे इसकी खेती जबलपुर के शिवाय कही नहीं होती है. जबलपुर के बागान में 14 अलग-अलग किस्म के आमों को लगाए हैं और इसके अलावा टमैंगो आम के 52 पेड़ लगाए हैं.
महंगे आम के बाद आइये अब दुनिया के कुछ महंगे फलों के बारेमें बात करते है.
जापान का युबरी खरबूजा :
जापान का युबरी खरबूजा दुनिया का सबसे महंगा फल है. ये खास फल जापान में उगाया जाता है. और इस खरबूजे की अधिक बिक्री जापान में ही होती है. इस युबरी खरबूजे की कीमत करीब 20 लाख रुपये प्रति किलो आंकी जाती है. भारत मे इतने पैसे से आप एक शानदार कार खरीद सकते हैं.
जापान का सबसे महंगा अंगूर :
खरबूजे के बाद अंगूर का नंबर आता है. यह अंगूर भी जापान मे उगाया जाता है. इस अंगूर को ” रूबी रोमन अंगूर ” अंगूर कहां जाता है. इसकी गिनती दुनिया के महंगे फलों मे की जाती है.
एक रिपोर्ट के मुताबिक सन 2020 में इस खास किस्म के अंगूर के 24 दानों (24 अंगूर) का गुच्छा करीब 7.5 लाख रुपये में बिका था. इस अंगूर को अमीरों के फल के नाम से भी जाना जाता है.
इंग्लैंड का महंगा अनानास :
इंग्लैंड का यह अनानास को ” लॉस्ट गार्डेन्स ऑफ हेलिगन पाइनएप्पल्स ” के नाम से जाना जाता है. यह अनानास इंग्लैंड में उगता है. इसकी कीमत करीब 1.5 लाख रुपये बताई जाती है. ये अमीरों का पसंदीदा फल है. इस अनानास को तैयार होने में 2 साल लगते हैं, जिस कारण इस की कीमत मे बढ़ोतरी हो जाती है.
जापान का चौकोर तरबूज :
भारत मे तरबूज गोल या अंडाकार होते है. और 100 रुपये प्रति फल मील जाता है. मगर जापान का यह तरबूज की कीमत 60 हजार रुपये है. जिनकी गिनती दुनिया के सबसे महंगे फलों में होती है.
एक तरबूज का बजन करीब पांच किलो होता है. यानी एक किलो तरबूज की कीमत करीब 12000 रुपये होती है. ये तरबूज को चौकोर डिब्बे के अंदर उगाये जाने के कारण अनोखे आकार चौकोर मे रहते है.
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