” राम मंदिर ” रेलवे स्टेशन मुंबई उपनगरीय रेल सेवा की पश्चिमी लाइन पर बना नया रेलवे स्टेशन है. यह स्टेशन जोगेश्वरी और गोरेगांव के बीच में स्थित नया निर्माण किया गया है. राम मंदिर का निर्माण भारतीय जनता पार्टी का एक महत्वपूर्ण चुनावी वादा रहा है.
सन 2002 में श्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार ने राम मंदिर स्टेशन के निर्माण को परवानगी दे दी थी. परंतु संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन के आने से अगले दशक में इसका निर्माण पूरा नहीं हो पाया था. सन 2016 में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने राम मंदिर का निर्माण पूरा कर अपना वादा निभाया था.
चार प्लेटफॉर्म वाला यह उपनगरीय स्टेशन ओशिवारा में स्थित है. राम मंदिर रोड स्टेशन, वेस्टर्न लाइन पर 37 वां स्टेशन है. जिसका उद्घाटन तारीख 22 दिसंबर 2016 के दिन रेल मंत्री सुरेश प्रभु द्वारा किया गया था. चर्चगेट से बोरीवली की ओर चलने वाली इसकी पहली ट्रेन 6 बजे पहुंची थी.
राम मंदिर स्टेशन के चार प्लेटफार्म हैं, पश्चिमी लाइन की धीमी ट्रेनों के लिए दो-दो और हार्बर लाइन खंड के लिए दो
दो मिलकर चार प्लेटफॉर्म है. ता : 29 मार्च 2018 के दिन हार्बर लाइन को गोरेगांव तक बढ़ा दिया गया था. यह स्टेशन मुंबई उपनगरीय रेलवे के पश्चिमी और हार्बर लाइनों पर कार्यरत है.
राम मंदिर रेलवे स्टेशन का कोड: आरएमएआर है. यह ओशिवारा इलाके की सेवा करता है. यह स्टेशन का नाम
इसके आसपास के क्षेत्र में भगवान श्री राम जी के 150 साल पुराने मंदिर के नाम पर रखा गया है.
यह मंदिर गोरेगांव पश्चिम में विशाल मैदानों पर स्थित है. मंदिर के अंदर एक साइनबोर्ड आगंतुकों को सूचित करता है कि इसे सन 1897 में पुनर्निर्मित किया गया था. यहां के निवासियों का कहना है कि उस वर्ष से पहले वर्तमान स्थान पर एक मंदिर मौजूद था.
छोटे मंदिर के गर्भगृह के अंदर श्री राम, लक्ष्मण और सीता की मूर्तियों को पुनर्निर्मित संरचना में स्थानांतरित कर दिया गया था. यह मंदिर 9 साल में बनकर तैयार हुआ था.
राम मंदिर रोड रेलवे स्टेशन के नामाकरण को लेकर काफी राजनीति हुई थी. राम मंदिर के सभी ट्रस्टी रेलवे स्टेशन का नाम ” राम मंदिर ” रखे जाने से बहुत खुश हैं. उनका कहना है कि यह पूरा इलाका राम मंदिर की वजह से पहचाना जाता है इसलिए रेलवे स्टेशन का नाम भी राम मंदिर रखना जरुरी था.
यहां के मेन रोड का नाम भी राम मंदिर मार्ग है. राममंदिर रोड स्टेशन के नामाकरण को लेकर स्थानीय स्तर पर खूब राजनीति हुई थी. इसके लिए राम मंदिर नाम के पक्ष में हस्ताक्षर अभियान को चलाया गया था.
यह स्टेशन का निर्माण होनेसे यहाके यात्रियों को काफ़ी राहत मिली है. पहले यात्रियों को जोगेश्वरी या फिर गोरेगांव जाने के लिए ऑटो या टैक्सी पकड़नी पड़ती थी. लेकिन अब राम मंदिर रेलवे स्टेशन शुरू होने से उनको राहत मिली है.
स्थानीय लोग ओशिवारा स्टेशन की मांग बरसों से करते रहे थे. अब उनकी मांग पूरी होनेसे ख़ुशी की लहर है. यह
स्टेशन का नाम राम मंदिर रखा गया, इसका यश लेने के लिए भाजपा और शिवसेना दोनों पार्टियों की बीच तकरार चल रही थी
शिवसेना के एक स्टेट समन्वयक
का कहना है कि स्थानीय पार्टी सांसद गजानन कीर्तिकर ने राम मंदिर नाम के लिए अभियान चलाया था इसके लिए संसद में भी आवाज उठाई गई थी. अतः शिवसेना की वजह से ही यह नाम रखा जा सका है.
इस संदर्भ मे भाजपा ने शिवसेना का जवाब देते हुए कहा है कि बाबरी मस्जिद गिरने के बाद भी शिवसेना ने क्रेडिट लेने की कोशिश की थी. सभी लोग जानते हैं कि राम मंदिर रेलवे स्टेशन के लिए आंदोलन भाजपा ने छेड़ा था.
उनका कहना है कि जब मस्जिद नाम के स्टेशन को सांप्रादायिकता से नहीं जोड़ा जाता है तो फिर राम मंदिर स्टेशन पर विवाद क्यों होना चाहिए.
कुछ भी हो अब तो राममंदिर स्टेशन शरू होकर 5 साल बीत गये है और ओशिवरा के लोगोंके लिए यह स्टेशन वरदान साबित हुआ है.
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