चूहा जिसे हिंदू धर्म ग्रंथ के अनुसार भगवान श्री गणेश का वाहन माना जाता है. चूहा एक स्तनधारी प्राणी है. ये जीव संपूर्ण विश्व मे पाया जाता है.
चूहा यदि घरमे घुस गया तो कपड़ा, सूटकेश, फर्नीचर आदि को काटकर बहुत हानि पहुँचाता है.
राजस्थान के बीकानेर में स्थित एक करणी माता मंदिर में इसकी पूजा होती है और इसका जूठा प्रसाद भाविक भक्त जनों को वितरित किया जाता है. चूहा एक ऐसा जीव है जिसे हम सभी लोग पहचानते है. चूहा लगभग सम्पूर्ण विश्व मे पाया जाता है,
माना जाता है कि चूहें की उत्पत्ति प्रथम एशिया और ऑस्ट्रेलिया में हुई थी पर अब ये दुनिया में अंटार्कटिका को छोड़कर सभी महाद्वीपों में अक्सर पाया जाता हैं.
विज्ञानिको के अनुसार अब तक चूहों की कुल 60 प्रजातियों को खोजा जा चूका है उनमे से अधिकांश प्रजातियां एशिया में पाई जाती है. हर साल 4 अप्रेल को वर्ल्ड रैट डे मनाया जाता है.
क्या आपको पता है चूहा उन जीवो में से एक है जिसे अंतरिक्ष में जाने का मौका मिला है, चूहे को परिक्षण के लिए सन 1961 में फ्रांस के द्वारा अंतरिक्ष में भेजा गया था. विश्व के विज्ञानिको ने सबसे अधिक रिसर्च चूहों पर किया है.
चूहे को अंग्रेजी में माउस (MOUSE) मराठी में उंदीर, गुजराती में उंदर कहा जाता है. चूहे की याद शक्ति तेह होती है. अगर आप चूहे को एक पारदर्शी पिंजरे में पकड़ कर घर से दूर छोड़ कर आते है तो ये रास्ते को याद कर लेते है और जल्द ही घर वापस आ जाते है.
आपको जानकर हैरानी होगी कि चूहे के कारण इंसानो को 35 से अधिक बीमारिया हो सकती है, इनमे सबसे घातक बीमारी को प्लेग कहाँ जाता है. चूहा यदि 10 मंजिल ईमारत से नीचे गिर जाएं तो भी इन्हें चोट नहीं लगती क्योंकि इनका शरीर लचीला होता है.
चूहेको ईमानदारी, उदारता, बुद्धिमान,
रचनात्मकतता का प्रतीक माना जाता है. मगर यह जीव ख़तरनाक भी है. ये
दुनिया के कृषि उत्पादों का 20% भाग इनके द्वारा ही बर्बाद किया जाता है.
चूहें दो पैरों पर खड़े होकर 2 फ़ीट की ऊँचाई तक कूद सकते हैं. चूहें के दांत स्टील, प्लैटिनम और कॉपर से भी अधिक कठोर तथा मजबूत होते है.
विश्व में चूहों की सबसे बड़ी प्रजाति
” बोसावी वूली चूहा ” है. इसकी सन 2009 में पापुआ न्यू गिनी के वर्षावन में खोज की गई थी. चूहे की यह प्रजाति लगभग बिल्ली के आकार की होती है. इसकी नाक से पूंछ तक की कुल लंबाई 32.2 इंच (82 सेमी) होती है और वजन लगभग 1.5 किलोग्राम होता है.
चीनी राशि चक्र के बारह जानवरों में चूहा सबसे पहले आता है. प्राचीन रोम में सफेद चूहे का रास्ता काटना शुभ और काले चूहाका रास्ता काटना अशुभ माना जाता था.
नर चूहों को “BUCKS ” मादा को ” DOES ” और चूहों के छोटे बच्चों को
” PUPS” या ” KITTENS “कहा जाता है. चूहों का जीवनकाल इस बात पर निर्भर करता है कि वे जंगली हैं या पालतू. यदि चूहों को पालकर उनकी अच्छी तरह देख भाल की जाए, तो वे 4 वर्ष तक जीवित रह सकते हैं. जंगली चूहे मुश्किल 1 या 2 वर्ष तक जीवित रह पाते हैं.
सन 1954 में भारत के मुंबई शहर में चूहों की समस्या इतनी बढ़ गई थी कि वहाँ करों के स्थान पर मृत चूहों को स्वीकार करना प्रारंभ कर दिया गया था. इसका लाभ उठाने के लिए लोग बड़े पैमाने पर चूहों की हत्या करने लगे थे. इसलिए बाद में यह योजना बंद कर दी गई थी.
चूहों को पसीना नहीं आता. लेकिन अपनी पूंछ में मौज़ूद रक्त वाहिकाओं को संकुचित या विस्तारित कर अपने शरीर का तापमान नियंत्रित करने की क्षमता होती हैं.
बिना भोजन के चूहे 4 दिन से अधिक ज्यादा जीवित नहीं रह सकते. मगर कंगारू चूहा बिना पानी पिए भी लगभग 10 वर्ष तक जीवित रहता है.
चूहा सर्वभक्षी जीव होते हैं. ये अनाज, कीड़े, जल जीव जैसे घोंघे, मछली छोटे पक्षी आदि को भोजन के रूप में ग्रहण करते हैं. चूहे एक बार में 20 से अधिक बच्चे को जन्म दे सकते हैं. चूहों का गर्भधारण काल 21 से 24 दिनों तक का होता है. जन्म के समय चूहों के बच्चों का वजन लगभग 6 से 8 ग्राम तक होता है.
नये जन्मे चूहे की आँखें बंद रहती है. उनकी आँखें खुलने में 12 से 17 दिन का समय लगता है. तीन वर्ष की उम्र तक भूरे चूहों में यौन परिपक्वता आ जाती है और वे बच्चे पैदा करने में सक्षम हो जाते है. बच्चे को जन्म देने के पूर्व चूहे अपने रहने के स्थान में उपलब्ध सामग्रियों जैसे टहनियों, कचरे और पेपर आदि से घोंसले बनाते है.
चूहों के दांत बहुत मजबूत होते हैं. वे इससे कांच, तार, एल्यूमीनियम, और सीसे तक को आसानी से चबा सकते हैं. चूहों में टॉन्सिल या पित्ताशय की थैली नहीं होती, लेकिन नाभि होती है. चूहे अच्छे तैराक होते हैं. वे पानी के अंदर 3 मिनट तक अपनी सांस रोक सकते हैं
कई देशों में चूहें को खाया जाता है.
कंबोडिया, लाओस, म्यांमार, चीन और फिलीपींस, इंडोनेशिया, थाईलैंड, घाना, और वियतनाम के कुछ हिस्सों में चूहों का मांस खाया जाता है.
चूहों से कई रोग फैलते है. चूहों द्वारा काटे जाने या उनके मल-मूत्र, लार आदि के संपर्क के आने से मनुष्य उन रोगों से संक्रमित हो सकता है. चूहों द्वारा प्रसारित प्रमुख रोग प्लेग है. अन्य रोगों में हंटावायरस (Hantavirus), तुलारेमिया (Tularemia) आदि है.
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