स्व. सेठ श्री चंदूलाल छबिलदास.
सन 1960 मे मैं भाईन्दर, (पश्चिम) की पाठशाला में पढ़ता था. 15 अगस्त, 26 जनवरी के दिन सेठ श्री चंदूलाल जी की और से नोट बुक तो कभी फुट पट्टी तो कभी, पेनसिल बाटी जाती थी. वर्तमान देना बैंक के सामने उनका बंगला था. जहा सुबह रोज फ्री में छाश का वितरण करते थे. तब सेठ के बारेमे कुछ भी जानता नहीं था.
श्री चंदूलाल जी का जन्म सन् 1911 में भाईन्दर मे हुआ. तब भाईन्दर की जन संख्या 5000 से कम थी. पिताजी ने बनवाया श्री शंकर मंदिर शिवालय का जीर्णोध्दार आपने सन् 1948 में किया. जो वर्तमान राव तालाब स्थित विध्यमान है. आप श्री राम मंदिर ट्रस्ट- भाईंदर, साल्ट मर्चेंट एसोसिएशन – भाईन्दर के अध्यक्ष पद पर रहे, श्री चंदूलाल सेठ भाईन्दर के सरपंच भी रह चुके हैं. आप ने भाईन्दर मे सरकारी मराठीशाला , हिन्दी, गुजराती प्राथमिक स्कूल शुरु करने के लिए प्रमुख भूमिका निभाई हैं.
सचमूच आप निस्वार्थ, जन सेवक, दानशूर, कुशल कार्यकर्ता थे, यू कहो कि आप जरूर मंद लोगोका मशीहा थे. आपका योगदान भाईन्दर वासी बरसो तक याद रखेंगे.
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श्री हरिश्चंद्र केशव पाटील – मूर्धा गांव.
” माधवराव ” के उपनाम से प्रसिद्ध मूर्धा गांव के समाज सेवक श्री हरिश्चंद्र केशव पाटील अपनी निःस्वार्थ सेवा के लिये पहचाने जाते है.
सन 1962 – 63 मे समुद्र का पानी मूर्धा, राई, नवघर गाव के खेतों मे घुसकर खेती की फसल को नुकसान करता था, अतः तत्कालीन समाज सेवक श्री कृष्णा म्हात्रे, श्री बालाराम पाटील, श्री मोरेश्वर पाटील आदि के सहकार्य से शासन से खार लैंड का बंधारा बाँधनेका मंजूर करवा लिया इसमे माधवराव का पुरा योगदान रहा.
सन 1961 मे भाईंदर पूर्व के गावोंको पानीके लिये तालाव, कुआ या वावड़ी पर आधार रखना पड़ता था. गर्मी के सीजन मे कुए तालाब सुख जाते थे तो मूर्धा गांव की महिलाओ को पांच किलोमीटर दूर डोंगरी, धारावी स्थित पानी के लिये पैदल चलकर लाना पड़ता था.
उस समय उन्होंने चुनाव प्रचार के लिये आये श्री कृष्ण मेनन को पानी समस्या से अवगत कराया और बादमे तत्कालीन विधायक श्री ईश्वर भाई पारीख की सहायता से भाईंदर परिसर के लिये नल की पानी योजना कार्यन्वित की गई, इससे राई, मूर्धा, मोरवा, खारीगाव, गोड़देव, नवघर भाईंदर और बांदरवाडी आदि आठ पुराने गावोंको पानी योजना पेयजल का लाभ मिला.
आपके सेवा कार्य की कदर करते आपको मूर्धा, राई, गांव वालोने आपको ग्रामपंचायत सदस्य के रूपमें नियुक्त किया. बादमे आप सन 1964 मे राई, मोरवा, मूर्धा गांव के सरपंच पद पर नियुक्त किया और आपने 11साल तक इस पदको सुशोभित किया.
आप भाईंदर सेकेंडरी स्कूल के कमिटी सभासद पद पर सात साल कार्य किया. श्री धारावी देवी मातोश्री मंदिर के जीर्णोद्धार मे आपकी भूमिका प्रशंसनीय रही. बाद मे आप ने मंदिर के अध्यक्ष पद पर कई साल कार्य किया.
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डॉ. शिव भगवान अग्रवाल.
डॉ. शिव भगवान अग्रवाल भाईंदर के नामी स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर है. उनका मूल गांव राजस्थान जिला नागौर का लेडी गांव है. इनका परिवार करीब 160 साल पहले भाईंदर मे आकर बसा था. इसमे गाड़ोदिया परिवार के स्व : नंदलाल लादूराम गाड़ोदिया के सुपुत्र श्री शिव भगवान अग्रवाल एवं उनकी धर्म पत्नी डॉ. लीला अग्रवाल ने सर्व प्रथम भाईंदर गांव मे सन 1973 साल मे, ” अग्रवाल नर्सिंग होम ” की स्थापना की थी.
उसके बाद आपने सन 1980 मे बॉम्बे मार्किट स्थित एक शाखा की शुरुआत की थी. अन्य डॉक्टरों को संगठित करने के उदेश्य से आपने सन 1976 मे, ” भाईंदर मेडिकल असोसिएशन ” की स्थापना की. इसके शिवा भाईंदर पश्चिम मे आपने लायंस क्लब ऑफ़ भाईंदर की स्थापना की.
आप लायंस क्लब फॅमिली प्लानिंग कमिटी के डिस्ट्रिक्ट चेयरमैन सह कई पदों पर कार्य कर चुके है. आप भाईंदर की अग्रवाल सेवा समिति सहित कई संस्था ओसे जुड़े है.
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श्री भालचंद्र आनंदराव रक्वी.
भाईंदर मे एक से बढाकर एक निःस्वार्थ समाज सेवक हो गये. जिनकी कीर्ति की खुशबू आज तक फैली हुई है. ऐसे ही राष्ट्र समर्पित स्वतंत्रता सेनानी निःस्वार्थ समाज सेवक श्री भालचंद्र आंनदराव रक्वी उनमे से एक है.
आपकी प्राथमिक शिक्षा भाईंदर पश्चिम पुराना नगर पालिका कार्यालय के ठीक सामने स्थित स्कूल मे हुई. बादमे आपने एस एस सी तक पढाई की.
1942 के भारत छोडो आंदोलन मे आपने सक्रिय भाग लिया. जिसके लिये आपको ठाणे कारावास मे छह साल की सजा मिली. 200 रूपया जुर्माना भरकर जेल से बाहर आने के बाद भी आपने अंग्रेजो के खिलाफ बगावत चालू रखी. भारत स्वतन्त्र होने के बाद भी आपने देश सेवा का कार्य जारी रखा. शिक्षा से ही स्वयं और देश का उद्धार हो सकता है ये आपका मंत्र रहा. फलस्वरुप भाईंदर पूर्व स्थित अभिनव विद्या मंदिर स्कूल को आपने 40 साल पहले लाखों रुपये की जमीन दान मे दी थी. भाईंदर पश्चिम की ” भाईंदर सेकेंडरी स्कूल ” को आप ही के परिवार ने जमीन दान मे दी है . ऐसे राष्ट्रप्रेमी, दानशूर समाज सेवक को नत मस्तिक प्रणाम करता हूं.
——–====शिवसर्जन ====——