(1) भाईंदर के पत्र एवं पत्रकार.
लोकशाही का चतुर्थ स्तंभ कहे जाने वाले पत्रकारों की भारत देश के निर्माण मे मुख्य भूमिका रही है. मगर आज मुजे भाईंदर के पुराने पत्र और पत्रकारों की बात करनी है.
अस्सी और नब्बे के दशक मे भाईंदर के इतिहास मे अनेक पत्रकार हो गये. उस समय किसीके खिलाफ लिखना खतरे से खाली नहीं था.
तब गली के गुंडोका राज चलता था. खुलकर लिखने वाले पत्रकारों की पिटाई होती थी. अतः पत्रकार भी निडर या निर्भीकता से लिखना पसंद नहीं करते थे. अस्सी के दशक के उत्तरार्ध मे ” भाईंदर भूमि ” हिंदी साप्ताहिक के पत्रकार निष्पक्षता से लिखते थे तब एक बार उनके उपर जानलेवा हमला भी हुआ था. कई बार प्रेस के कार्यालय मे लोग धमकी देने पहुंच जाते थे. फिर भी पत्र ने अपनी गरिमा को गिरने नहीं दीया था.
अस्सी के दशक मे पत्रकार श्री वसंत माने साहब डायनामिक पत्र प्रकाशित करते थे. उसकी लेखनी ,” लवंगी मिर्ची कोल्हापुर ची. ” की तरह तीखी पर सत्य होती है. वो हर समाचार को निष्पक्ष और निर्भीकता से उजागर करते थे. आज भी राजसत्ता मराठी समाचार पत्र के माध्यम से आम जनता मे छाये हुए है.
यहाके पुराने पत्रकारों मे स्व: प्रमोद क्रन्तिकारी ” भाईंदर दर्पण ” अख़बार से प्रसिद्ध थे, तो “सूरज प्रकाश” अखबार के माध्यम से श्री सूरज प्रकाश शर्मा अपनी बुलंदी पर थे. तो श्री आसिफ गुलाब शेख ” नवाकाळ ” से जुड़े थे. अनेक वर्ष पत्रकारिता करने के बाद वे राजनीति मे उतर गये और अपनी बुद्धि कौशल्य से राज्य मंत्री दरज्जा प्राप्त नेता बन गये अतः पत्रकारिता से दुरी बनाये बैठे.
स्व. श्री राजेंद्र कांबले भी अस्सी के दशक के पत्रकार है. वे मराठी सामना मे लिखते थे. हाल मे वे पत्रकार संघ के संस्थापक अध्यक्ष थे. उनका अब देहांत हो चूका है.
स्व: श्री वैजनाथ भोईर मोरवा गांव के रहवासी थे और मराठी लोकसत्ता के वरिष्ठ पत्रकार थे. भाईंदर मोरवा गांव मे रहते थे. आगरी समाज के पहले प्रसिद्ध पत्रकार थे.
श्री मिलिंद लिमये अस्सी के दशक के पत्रकार है और मराठी महाराट्र टाइम्स मे लिखते थे आप ” दूरदर्शन ” के वरिष्ठ पत्रकार के रुप मे कार्यरत थे. हाल खुद की MMC न्यूज़ पोर्टल चला रहे है.
श्री कमल दाधीच पुराने पत्रकरोमे से एक है . और ” थाने की आवाज ” पत्र प्रकाशित करते थे.
श्री बाल निमकर जी तत्कालीन वरिष्ठ पत्रकार थे और मराठी ” नवशक्ति ” का प्रतिनिधित्व करते थे.
श्री रविराज राठौड़ जी पुराने पत्रकरोमे से एक है, जो हिंदी ” राज बंजारा ” पत्र प्रकाशित करते है.
पुराने पत्रकारों मे हिंदी ” जनसत्ता ” के वरिष्ठ पत्रकार श्री देवेन्द्र पोरवाल का नाम सम्मान के साथ लिया जाता था. वे अनेक संस्थाओ से जुड़े थे.
श्री विनोद मिश्र अस्सी के उत्तरार्ध मे आये पुराने पत्रकारों मे से एक है आज भी हिंदी ” दोपहर का सामना ” के पत्रकार है.
वरिष्ठ पत्रकार स्व: श्री श्याम सुंदर मालपानी भले आज हयात नहीं है मगर वो निर्भीकता से लिखते थे. वे स्वतन्त्र पत्रकार ( free lancer ) थे और हर पत्र मे लिखते थे. भाईंदर के अनेक पत्रमे उनके आर्टिकल , न्यूज़ छपती थी.
श्री मीठालाल जैन यहाके जाने माने पुराने राजनेता है. अपनी प्रसिद्धि के लिये आपने ने भी भाईंदर टाइम्स नामक पत्र प्रकाशित करके मुफ्त मे बाटते थे.
श्री सुभाष पाण्डेय जी भी पुराने पत्रकारों मे से एक है जो खुदका ” क्राइम फेस ” नामका पत्र निकालकर खुले आम लिखते थे. हमेशा सनसनी खेज न्यूज़ देते है. आप हमेशा निडरता से लिखते है.
श्री गुलाब शुक्ला भी तत्कालीन पुराने पत्रकारों मेसे एक है जो नवभारत टाइम्स मे लिखते थे. आप नब्बे के दशक के पत्रकार थे. और पत्रकार संघ के अध्यक्ष रह चुके है.
श्री वेदप्रकाश श्रीवास्तव हिंदी महानगर मे लिखते थे और बादमे आप ने ” भाईंदर दर्शन ” नामक अपना मासिक प्रकाशित करना प्रारंभ किया.
श्री एस एस राजू पुराने वरिष्ठ पत्रकारों मे से एक है जो मुंबई के अंग्रेजी अखबार मे लिखते थे. आप मार्क्सवाद की साम्यवाद विचार धारा से प्रभावित है.
पत्रकारों को विशेष विनंती :
पत्रकार महोदय ,
उपरोक्त आर्टिकल मे मुजसे कोई क्षति रह गई हो तो कृपया हमें कमैंट्स करके बताये ताकी अगले समय इसे सुधार कर पेश किया जा सके. धन्यवाद.
——=== शिवसर्जन ===——