एक मत ट्रस्ट के शत चंडी यज्ञ की विशेषता यह थी की भाईंदर मे विगत नव सालसे भक्ति भाव से नवरात्र उत्सव मनाते आ रहा था. भाईंदर पूर्व जेसल पार्क खाड़ी, चौपाटी स्थित श्री शतचंडी महायज्ञ एवं श्री रामलीला दशहरा मेला का भव्य आयोजन लगातार नव साल तक चला जिसके संस्थापक, संयोजक, श्री पुरुषोत्तम ” लाल ” बिहारी लाल चतुर्वेदी जी. ( गुरूजी ) थे.
इस कार्यक्रम को सफल बनानेमें गुरूजी के परिवार सहित कई मित्र , पत्रकार बंधु , नगर सेवक, उद्योग पति, आमदार, विशेष यहांकी प्रबुद्ध जनता का विशेष योगदान रहा है.
मथुरा से कौशलेन्द्र रामलीला मंडल के प्रसिद्ध कलाकार एवं संचालक श्री जगदीश चतुर्वेदी जी ( आरतीवाले ) के मार्गदर्शन मे रामलीला का भव्य और विशाल आयोजन किया जाता था. जिसका एक मात्र उदेश्य नयी पीढ़ी को रामायण से अवगत कराना था. सुबह शाम माधवबाग के आचार्य लव कुश शास्त्री के मार्गदर्शन मे शास्त्रोक्त पद्धति से यज्ञ का आयोजन होता था. सूखे घास से बना सुंदर विशाल यज्ञ पंडाल दार्शनिक होता था.
अंतिम दशहरा के दिन आकाश मे भव्य आतिशबाजी करके रावण का पुतले की विशाल प्रतिमा जलाई जाती थी. जिसको दूर दूर से हजारों लोग उमड़ कर देखने आते थे. पटाखे और आतिश बाजी से आसमान रंग बिरंगी नजारो से भर जाता था.
इस अवसर पर कवि सम्मेलन का भव्य आयोजन भी किया जाता था. मगर इस शहर का दुर्भाग्य हे की दूषित राजनीत की वजह से इस कार्यक्रम को बंद करना पड़ा था.
एकमत ट्रस्ट के तत्वविधान मे जेसल पार्क खाड़ी स्थित यज्ञ के दौरान एक अविस्मरणीय घटना घटी थी. शायद सातवा या आठवां साल था . यज्ञ का समय पूरा होतेही रामलीला का मंचन हो रहा था. अचानक तेज हवाके साथ तूफानी बारिस हुई. उपस्थित भाविक भक्त जन इधर उधर आश्रय लेने तम्बू मे चले गये तो कुछ लोगने कार्यालय मे पनाह ली.
दस मिनट के बाद बारिस रुकी. आसमान मे सफ़ेद बादल छा गये और बर्फीले बादल मे कैलाश पर्वत की कलाकृति बनते स्पस्ट दिखाई दी और अचानक चमकती बिजली से बादल की तेज गर्जना हुई और मानो स्वयं शंकर पार्वती का आगमन होनेका वहां उपस्थित कई लोगोंने अहसास किया. वो घटना आज तक मे भुला नहीं हुं.
” एकमत ट्रस्ट ” के आयोजन के बाद जेसल पार्क खाड़ी की जगह पुण्यभूमि तपोवन बन चुकी है. इसके बाद यहां पर अनेकों कार्यक्रम हो रहे है. यज्ञ के दौरान कई नामी हस्ती ने यज्ञ स्थल की मुलाक़ात लेकर कार्यक्रम की शोभा मे वृद्धि की थी. हर साल हुए इस कार्यक्रम मे मथुरा से पधारे सेकड़ो कलाकारों ने रामलीला के मंचन मे भाग लेकर अपना करतब दिखाके दर्शकों का मन जीत लीया था.
एकमत ट्रस्ट की यह विशेषता है की ये एक निष्पक्ष संघठन है. और समाज के हर वर्ण , लोगों को साथ मे लेकर मानव कार्य करता है. यज्ञ से वातावरण शुद्ध होता है. शुद्ध वातावरण से वृस्टि होती है. वृस्टि से धान का उत्पादन होता है जो मानव को उदर पूर्ति करके जिंदा रखता है. यहीं उदेश्य के साथ एकमत ट्रस्ट का उदय हुआ है. देश हित मे मानव कार्य. विश्व का कल्याण , प्राणियों मे सद्भावना, पर्यावरण की रक्षा, सनातन धर्म का प्रचार और प्रसार करना संस्था का मुख्य उदेश्य रहा है.
यज्ञ से वातावरण की शुद्धि , रामलीला से हमारी धार्मिक परंपरा को नयी पीढ़ी से अवगत कराओ, यहीं उदेश्य की पूर्ति एकमत ट्रस्ट ने करके राष्ट्र के निर्माण मे मदद की है.
एकमत ट्रस्ट संस्था के उपक्रम मे अनेकों कार्यक्रम चलाये गये , जिसमे बाल कथा कार द्वारा भाईंदर पश्चिम मे संपन्न हुवा भागवत कथा का कार्यक्रम , कृष्ण जन्मोत्सव, आदि प्रमुख थे. एकमत ट्रस्ट ने किये भाईंदर पूर्व के कार्यक्रम की हजारों तस्वीर खींची गई थी मगर मुजे उपलब्ध नही हुई है
——=== शिवसर्जन ===——