आप श्री राम भक़्त हनुमानजी के भक़्त हो ? आप भाईन्दर ( पश्चिम ) उत्तन स्थित श्री हनुमान जी मंदिर के दर्शन करने गये हो ? यदि नहीं तो आप को अवश्य एक बार इस मंदिर की मुलाकात करनी चाहिए ये मेरा कहना है.
आप प्रकृति प्रेमी हो ? क्या आपको नीरव शांति पसंद है ? क्या आपको हरीयाली पसंद है. क्या आप हनुमान जी के भक्त हो ? तो आपको एक बार अवश्य वहां जाना चाहिए.
वैसे तो आप MBMC की बस द्वारा वहा पहोच सकते हो, मगर आप फॅमिली के साथ में हो तो बस का सफर किरकिरा बन सकता है, एक तो बारिस का मौसम और बस की अनियमितता आपको परेशान कर सकती है अतः वहा तक पहुँचने के लिये खुद की बाइक या फिर फॉर व्हीलर हो तो अति उत्तम रहेगा. यदि आप रिक्शा में जाना चाहोंगे तो रिक्षा वाले मनचाहा भाड़ा वसूल कर सकते है.
खुद का वाहन हो तो आप उत्तन – भूत बंगला स्थित पुलिस चौकी से उत्तर की तरफ टर्न मारकर आगे बढ़कर करीब एक किलोमीटर की दुरी पर श्री हनुमान मंदिर पहुंच सकते हो. जो राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ केशव सृस्टि का एक सुंदर उपक्रम है.
मंदिर पहुंचते ही विशाल काय – उत्तम शिल्पकला का मंदिर देखते ही आप धन्यता का अनुभब करोंगे.
मंदिर में बिराजमान श्री हनुमान जी की जागृत मूर्ति को देखते ही भाविक भक़्त भक्ति भाव में दुब जाते है. ऐसा प्रतित होता है की प्रभु साक्षात हमे अपने कर कमलो से आशीर्वाद दे रहै है. मंदिर के पास हनुमान चालीसा लिखी गयी है जो भाविक भक़्त उसका पठन कर सकते है. मंदिर में बैठकर आप शांति से ध्यान धर सकते हो. चारो दिशा जहां पर नजर डालो हरियाली ही हरियाली नजर आती है , जो आँखों को ठंडक पंहुचाती है. और मन मस्तिक को ताज़ा तरो रखती है.
मंदिर के पूर्व में राम रतन विद्यालय तथा पश्चिम, उत्तर, दक्षिण में दूर दूर तक पहाड़ी एरिया एवं हरियाली को देखते ही मन मुग्ध हो जाता है. वातावरण साफ हो तो आपको पश्चिम दिशा में अरबी समुद्र का दर्शन हो सकता है. मंदिर से थोड़ी दुरी पर सामने आपको तालाब का नयन रम्य नजारा दिखेगा. आगे वायव्य दिशा में उत्तन शहर का कुछ अंश दिखाई देगा. बड़े शहर की भीड़भाड़ वाली, ध्वनि प्रदूषण युक्त्त जिंदगी से त्रस्त लोग, शांति की शरण में आकर यहा पर प्राकृतिक सौंदर्य का भरपूर आनंद उठाते है.
वहा पहुंचकर आप सेल्फी लेना मत भूलियेगा. यदि आपको आगे और सफर करनी हो तो तीन किलोमीटर की दुरी पर गोराई बीच प्रेक्षणीय है मगर बरसाती मौसम में तेज समुद्री हवा एवं तूफानी मौज को देखते वहा जाकर नहाना उचित नहीं होगा.
उससे भी आगे ग्लोबल पगोडा ( बौद्ध बिपासना केंद्र ) वास्तु देखने योग्य है. जिसका कभी ओर दिन जिक्र करूंगा.
आपको इससे ओर आगे जाना हो तो मनोरी स्थित करीब डेढ सो एकड़ में फैला श्री गगनगिरी महाराज का आश्रम है. यह मनोरी जेटी के नजदीक ही है. आश्रम स्थित शिवलिंग मंदिर का दर्शन करने दूर दूर से भाविक भक़्त यहा पर आते है. मंदिर परिसर में नीरव शांति से मन प्रफुल्लित हो जाता है. आगे पश्चिम दिशा की ओर चार वेद, अष्ठ विनायक, बारा ज्योतिर्लिंग को दर्शाता प्रेक्षणिक मंदिर है. जिसके दर्शन का आप लाभ उठा सकते हो.
यदि आपको बोट में बैठनेका शोख है तो आप यहासे बोट में बैठकर खाड़ी के दूसरी छोर पर जा सकते हो. एक तरफी भाड़ा दस रुपिया है. खाड़ी का खूबसूरत नजारा आपको तृप्तता का अहेसास करायेगा.
उत्तन भूत बंगला से श्री हनुमान मंदिर वहासे गोराई बीच फिर बीच से मनोरी जेटी तक का रमणीय रास्ता हरियाली के बीच से गुजरता है.
आते समय आपका निजी वाहन हो तो आप डोंगरी होकर जागृत धारावी मंदिर जा सकते हो. यहांसे उत्तर दिशा की ओर जंजीरे धारावी किला आप देखने जा सकते हो.
वहां स्थित चिमाजी अप्पा स्मारक के पास से आप मोरवा, राई, मुर्धा और भाईंदर गांव का नयनरम्य नज़ारे का लुफ्त उठा सकते हो. भाईंदर से चौक पहाड़ी तक MBMC की बस वहां तक जाती है मगर समय सारिणी का पता लगाकर ही जाना उचित होगा.
तो कब चलते हो हनुमान जी मंदिर ?
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