आप गुजरात के सावरकाठा जिले के प्रांतीज तालुका स्थित मोडूका गांव के सेठ श्री मोतीचंद वालचंद संघवी परिवार मे सेठ श्री जेठालाल मोतीचंद संघवी के घर सन 1912 के जून माह मे देवचंद भाई का जन्म हुआ था.
बाल्यावस्था मे आप गांव छोड़कर बंबई ( हाल मुंबई ) आ गये थे. यहांपर आपने मासिक 15 रुपये मे जीवन की शुरुआत की. उसके बाद आपने देवचंद एंड कंपनी नामकी नॉन फेरस मेंटल की कंपनी डालकर खुदका व्यवसाय शुरू किया. किस्मत ने साथ दी और व्यापार दिन दुगुना, रात चौगुना तरक्की करने लगा. और आपकी पहचान उद्योगपति के रूपमे होने लगी.
मलाड मे आपने देवचंद नगर का निर्माण करके हाई स्कूल, जैन मंदिर उपाश्रय, पाठशाला, की शुरुआत की.
भाईंदर पश्चिम मे आपने देवचंद नगर की स्थापना की. तथा बावन जिनालय का निर्माण करके 9 मई 1987 के दिन मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा व अंजन शलाका का भव्य समारोह का आयोजन बड़े भक्ति भाव और हर्षोउल्लास के साथ शोभायात्रा निकालकर सम्पन्न किया.
18 जुलाई 1987 मे गुजरात के हिम्मत नगर के नजदीक एक कार अकस्मात् मे उनका निधन हो गया. जाते जाते आप चक्षु दान करके अपनी दानशूरता का प्रमाण देते गये. आज भी लोग श्री देवचंद सेठ को धर्मवीर , दानशूर के नामसे , गुजराती समाज का गौरव के रूपमे याद करते हे.
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स्व : श्री शशिकांत रतिलाल शाह.
श्री शशिकांत रतिलाल शाह भले आज हमारे बिच मे नहीं है, मगर उनकी कारकिर्दी की सुगंध आज भी मीरा भाईंदर शहर मे फैली हुई है.
हसमुख स्वभाव के तत्कालीन गुजराती नगर सेवक श्री शशिकांत भाई का मूल वतन गुजरात के करबटिया जिला महेसाणा के है. श्री शशिकांत भाई एफ वाय आर्ट्स तक पढ़े थे. आप 1984 – 85 मे भाईंदर पश्चिम के सरपंच पद पर रह चुके थे. उनके कार्यकाल के दौरान उन्होंने रोड , गटर , स्ट्रीट लाइट , पानी समस्या पर विशेष कार्य किया था.
श्री शशिकांत आर शाह ने भाईंदर केळवणी मंडल के सेक्रेटरी पद पर कार्य किया. श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथ देवचंदनगर जैन संघ के कार्यकारिणी मेंबर के रूप मे 25 साल से ज्यादा समय तक कार्य किया. आप श्री बेतालीस वीसा श्रीमाली जैन ज्ञाती मंडल के अध्यक्ष पद पर रहे है
करबटिया पिपलधर जैन कल्याण ट्रस्ट के आप अध्यक्ष रहे है. आप मीरा भाईंदर शहर के नगर सेवक जैसी अनेको संस्था से जुड़कर सक्रिय कार्य करते रहे.
आप गुजराती नगर सेवक थे फिर भी हर जाती के लोगोंको साथ मे लेकर चलते थे. आप पर स्कूल प्रवेश के लिये डोनेशन लेनेका आरोप लगे थे उस संबंध मे उनका कहना था की हम लोग उसके लिये पक्की रिसिप्ट देते है तो भ्रस्टाचार का मुद्दा ही नहीं आता.
आप कांग्रेस पक्ष के निष्ठावान कार्यकर्त्ता थे. उपरांत आप भवन निर्माता भी थे. बिल्डरों के संबंध मे उनका मानना था की कुछ बिल्डरों की वजह सभी बिल्डरों को दोषी माना जा रहा है. वास्तवमे मुंबई के महंगे आवास की वजह लोग वहां खुदका घर नहीं ले सकते थे उनको यहाके भवन निर्माता ने सस्ते आवास उपलब्ध कराने का सौभाग्य प्राप्त किया है.
भाईंदर के विकास मे गुजराती समुदाय का सहरानीय योगदान रहा है. भाईंदर पूर्व की सरस्वती स्कूल, भाईंदर पश्चिम की पोद्दार स्कूल, एवं भाईंदर पश्चिम का बावन जिनालय तीर्थ स्थल गुजरातीयों की देन है.
आज श्री शशिकांत शाह हमारे बीचमे नहीं है मगर उनकी याद भाईंदर वासी हमेशा करते रहेंगे. पूर्व गुजराती नगर सेविका श्रीमती कैलाश बेन जानी ने भी यहां सहरानीय योगदान दीया है.
——=== शिवसर्जन ===——