अस्सी के दशक के प्रारंभ मे भाईंदर की जनसंख्या दिन दुगुना रात चौगुना बढ़ रही थी. रेल्वे क्रासिंग करते समय अनेक लोग ट्रैन दुर्घटना के शिकार होते थे. वाहनोको रेल्वे क्रॉसिंग के लिए एक मात्र विकल्प फाटक था. जो भाईंदर और मीरारोड स्टेशन के बिच, भाईंदर स्टेशन से करीब एक किलोमीटर की दुरी पर था.
भाईंदर पूर्व स्टेशन के करीब जेसल पार्क तथा नवघर रोड के लोगोंको वाहन से यदि भाईंदर पश्चिम स्थित मोदी पटेल रोड, बालाजी नगर जाना हो तो फाटक तक घूमके जाना पड़ता था.मिरा भाईंदर स्थापना के कुछ साल बाद फाटक को बंद कर दिया गया और वहांसे कुछ दुरी पर फ्लाई ओवर ब्रिज बना दिया गया.
नया फ्लाई ओवर ब्रिज तो बन गया मगर भाईंदर पूर्व स्टेशन के नजदीक तथा जेसल पार्क के लोगो को अब भाईंदर पश्चिम जानेके लिए अंतर बढ़ गया. अतः भाईंदर इस्ट वेस्ट के लिए भूमिगत मार्ग बनाने का जरुरी हो गया.
वेस्टर्न रेल्वे प्रशासन और महानगर पालिका के सयुंक्त प्रयास से बंदरवाड़ी नाका स्थित भूमिगत मार्ग बनाने की योजना कार्यान्वित की गई. कुछ साल विलंब होने के बाद, आखिरकार नव निर्माण भूमिगत मार्ग का लोकार्पण किया गया. जिसका नाम शहीद श्री भगतसिंह भूयारी मार्ग रखा गया. इससे रिक्शा से इस्ट वेस्ट जानेका चार पांच किलोमीटर का अंतर घट गया है. जिस से जनता मे ख़ुशी है.
मगर दूसरी और इस मार्ग को बनाने वाले ठेकेदारों की लापरवाही के कारण लाखों रुपये खर्चा करने के बावजूद भी मार्ग मे पानी लीकेज हो ही रहा है.
अस्सी के दशक मे जेसलपार्क चौपाटी का निर्माण नहीं हुआ था. ग्राम पंचायत की हकूमत थी. उस समय भाईंदर पूर्व के सार्वजनिक गणेशोत्सव की मूर्ति तथा देवी की मूर्ति को भाईंदर पश्चिम स्थित जेटी (धक्का ) तक विसर्जन के लिए जाने के लिए तस्वीर नंबर एक मे बताये गये मार्ग से रेल्वे क्रॉसिंग करना पड़ता था.
90 के दशक तक भाईंदर मे पूर्व पश्चिम आवागमन के लिए फुट ओवर ब्रिज नहीं था. लोग बंदरवाड़ी नाकासे रेल्वे क्रॉसिंग करते थे. B/W तस्वीर मे आप देख सकते हो. उस वक्त रेल्वे के सुरक्षा कर्मचारी, क्रॉसिंग करने वाले निर्दोष लोगोंको अपनी खानापूर्ति करने के लिए जबरन पकड़कर ले जाते थे. और 500 रुपिया दंड वसूल करते थे.
शहीद भगतसिंह भूमिगत मार्ग बननेसे छोटे वाहनों को काफ़ी हद तक राहत हुई है. उल्लेखनीय है कि तारीख : 20 अक्टूबर 2017 के दिन शहीद भगत सिंह भूमिगत ( subway ) मार्ग का उद्घाटन तत्कालीन मुख्य मंत्री श्री देवेंद्र फडणवीस ने किया था.
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