मिरा भाईंदर महानगर क्षेत्र मे हजारों स्कूल चलाई जा रही है. मगर आज मुजे मेरे स्तंभ मे बात करनी है, भाईंदर की श्रेष्ठम स्ट्रीट स्कूल की. वैसे तो इस महा नगर मे एक से बढाकर एक नई पुरानी स्कूल चलाई जा रही है, मगर इन सभी स्कूलों मे श्रेष्ठम स्ट्रीट स्कूल का नाम अलग जुगनू की तरह चमकता दिखाई दे रहा है.
ये स्कूल खास इसीलिए है कि ये स्कूल मिरा भाईंदर शहर के नवनिर्माण बिल्डिंगो मे काम करने वाले मजदूरों के बच्चों को मुफ्त मे शिक्षा प्रदान करके देश और जनहित मे साक्षरता अभियान चलाकर मानवता का कार्य कर रही है.
आज मिरा भाईंदर की अनेक नामी स्कूल डोनेशन के प्रकोप से बदनाम है ऐसे मे श्रेष्ठम स्ट्रीट स्कूल रेगिस्तान मे मीठे पानीका कुआ समान है. शिक्षा से ही देश और दुनिया की प्रगति होती है. आजके शिक्षित बच्चे कलके भारत का शिल्प कार नव निर्माता है.
श्रेष्ठम स्कूल की प्रधानाचार्य श्रीमती पूनम प्रसाद का इस स्कूल को संबल मिला हुआ है. पूनम जी एक शिक्षित स्नातक पदवीधर है. शांत स्वभाव की पूनम जी अपना हर काम बडी लगन से करती है. यहीं कारण है कि उन्होंने कम समय मे उच्च सिद्धि हासिल की है.
श्रेष्ठम स्ट्रीट स्कूल के लिए सबसे खुशीका दिन वो था जब उनके बच्चों का महा नगर पालिका की स्कूल नंबर 30 मे दाखिला दिलवाया गया. श्रेष्ठम स्ट्रीट एजुकेशन ने जब स्कूल की प्रथम शुरुआत की तब सिर्फ कुल 15 बच्चे थे उसके बाद 55 विद्यार्थी की संख्या हो गईं. और हाल मे स्कूल मे करीब 100 बच्चे अध्ययन कर रहे है. उसमे से पहिले 28 और बादमे 7 विद्यार्थी मिलाकर कुल 35 विद्यार्थीका महा नगर पालिका की स्कूल नंबर 30 मे दाखिला ( admission ) दिलवाया गया. ओर 8 – 9 कलास मे सेकेंडरी स्कूल मे 5 बच्चों का दाखिला हुआ हे जिसकी न्यूज़ पत्रकार बंधु ओने अपने पत्र एवं न्यूज़ चैनल मे उजागर की थी.
अच्छे काम मे बाधा डालने वाले समाज कंटको की कमी नहीं है. एक रात श्रेष्ठम स्ट्रीट स्कूल के बच्चों का सामान किसी अंजान व्यक्ति ने गटर मे बहा दिया था. उस दिन नीलम जी के आंसु इस धरा पर गिरे थे , मगर उनके आंसू पोछने वाला कोई नहीं था.
श्रेष्ठम स्ट्रीट स्कूल की खुदकी निजी जगह नहीं होने की वजह से उनको खुलेमें अपनी क्लास चलाने पड रही है. वर्तमान मे ये स्कूल बबुड़ा कदम अंडर कंस्ट्रक्शन साइट, एस वी रोड, फायर ब्रिगेड के पास स्थित बच्चों को शिक्षा देनेका कार्य कर रही है.
श्रेष्ठम स्ट्रीट स्कूल ” शांति सेवा फाउंडेशन ” (रजि.) के अंतर्गत चलाई जा रही है. और विगत पांच साल से यह स्कूल नवनिर्माण ईमारत स्थित साक्षरता अभियान चला रही है. इस स्कूल को प्रिंसिपल श्रीमती पूनम प्रसाद जी, मीस्टर अक्षयजैन, सिद्दू धानुका, शुभम धानुका श्रीमती केना दोशी , श्रीमती सीमा शाह, श्रीमती दीपा गांधी, श्रीमती शोभा बंग, जिनल शाह , भरत शाह आदि कई लोगोका साथ और सहकार मिला हुआ है.
शांति सेवा फाउंडेशन संस्था के सचिव श्री प्रकाश भाई शाह, वाईस प्रेजिडेंट श्री राजेश पुनमिया जैन, युवा अध्यक्ष श्री संदीप लोहार जी, महा सचिव श्रीमती मेघना सेन, मिस कंचन चौधरी तथा संस्था के मार्गदर्शक के रूपमें पत्रकार श्री श्रवणकुमार शर्मा जी अपना कार्यभार संभाले हुए है.
संस्थापक नीलम तेली जैन का संपर्क नंबर : 9820519136 है.नीलम जी की विशेषता यह है की नामी हस्ती अपना जन्मदिन अपनी प्रसिद्धि के लिए या पक्ष पॉलिटिक्स को मजबूत बनाने या अपना शक्ति प्रदर्शन करने के लिए लाखोंका खर्चा करके बड़े लोगोंकी उपस्थिति मे करते है. जबकि समाज
सेविका श्रीमती नीलम तेली जैन अपना जन्मदिन शहर के फुटपाथ पर रहने वाले बच्चे या स्कूल के गरीब बच्चों के साथ मे अपना जन्मदिन मनाती है.
श्रीमती नीलम तेली जैन वो महिला है जिन्होंने हर जरूरतमंद बच्चों को शिक्षा प्रदान करने का बीड़ा उठाया है. आप श्री सरदार वल्लभ भाई पटेल संस्था की राष्ट्रीय महा सचिव के रूपमें भी कार्य कर रही है.
समाज सेविका श्रीमती नीलम तेली जैन सिमित साधनो मे असिमित प्रयास कर रही है. अपनी गृहस्ती को संभालते हुए ये पुलिस प्रशासन और स्कूल के बच्चों के साथ मिलकर नशा मुक्ति अभियान चलाती है. पार्टी, शादी ब्याह मे बचा भोजन को स्वयं अपनी स्कूटी मे डालकर झोपड़पट्टीओमे ले जाकर गरीबों को बाटती है.
घायल मूक पशु पक्षियों की सेवा करती है. बाढ़ पीड़ित लोगोंको राहत सामग्री भेजना हो या भूकंप पीड़ितों को सामग्री भेजनें जैसे कामोमे प्रमुखता से हिस्सा लेती है.
वैश्विक करोना महामारी कालमे उनकी भूमिका विशेष रही है. मास्क का वितरण करना, दवाइयो का वितरण करना, जरुरतमंदो को भोजन सामग्री उपलब्ध कराना जैसे कामोंकी वजह उनको अनेक पारितोषिक मिले हुए है.
इस वक्त नीलम जी महा महिला के रूपमें उभर चुकी है.
किसी की मुस्कुराहटों पे हो निसार
किसी का दर्द मिल सके तो ले उधार
किसी के वासते हो तेरे दिल में प्यार
जीना इसी का नाम है……..
——=== शिवसर्जन ===——