जमाना तेजी से बदल रहा है. पश्चिमी संस्कृति ने हमारी पारम्पारिक भारतीय संस्कृति को कुचलने का काम शुरु कर दिया है. मोबाइल तकनीकी ने विश्व को मुठ्ठी मे रख दिया है. और यहीं असली कारण है कि एक दूसरे की रीति रिवाज़ का तेजी से आदान प्रदान हो रहा है.
वर्तमान मे युवा ओसे लेकर बुजुर्गो तक चोरी छुपके से पोर्न वीडियो देखने मे व्यस्त है. हमें जानना जरुरी है कि , पोर्न किसे कहते है ?
पॉर्न अर्थात रतिचित्रण या पोर्नोग्राफी अर्थात कामोद्दीपक चित्र किसी पुस्तक, चित्र, फिल्म या अन्य किसी माध्यम से संभोग का चित्रण करना रतिचित्रण कहलाता है. भारत में अश्लील सामग्री का प्रकाशन या प्रसारण अवैध है. फिर भी चोरी छुपके से पोर्न देखने का चलन बढ़ गया है जिससे युवा वर्ग भटक रहा है. जो चिंता का विषय है.
सूत्रों के अनुसार भारत में पोर्नोग्राफ़ी देखने वाले करोड़ों लोग हैं. मोबाइल इंटरनेट के विस्तार होने से पोर्नोग्राफ़ी अब पर्सनल मामला हो गया है. आप कहीं भी, कभी भी ऐसे वीडियो देख लो किसीको इसकी भनक तक नही लगती.
मगर आपके लिए सुरक्षा और प्राइवेसी का भी मामला है, जिसको अनदेखी नहीं करना चाहिए. क्योंकि आपके मोबाइल सर्विस ऑपरेटर और जो भी ऐप आपने डाउनलोड किये हुए हैं और जो आपकी ब्राउज़िंग पर नज़र रखते हैं उन्हें पता चल जाता है
मोबाइल धारकों की ऑनलाइन आदतों को कई कंपनियां ट्रैक करती हैं. इनकी ट्रैकिंग की मदद से कंपनियों को ये पता चल जाता है कि आपको कैसे विज्ञापन ऑनलाइन दिखाए जाने चाहिए. मगर प्राइवेट ब्राउज़िंग या फिर कुकीज़ डिलीट करने से ऑनलाइन ट्रैकिंग से बच सकते हैं.
बताया जाता है कि ऐशले मैडिसन नाम के वेबसाइट के डेटा लीक होने के बाद लाखों लोगों के नाम सामने आये जब लोगों ने ऑनलाइन पोर्न का सहारा लिया. इसमें भारत के भी लोगों के नाम थे. इसके बाद कुछ आत्महत्या के भी मामले सामने आये. और कुछ लोगों को ब्लैकमेल का सामना करना पड़ा था.
किसी अनजाने वेबसाइट पर अगर आप अपना क्रेडिट कार्ड डिटेल दे देंगे तो आपको पता नहीं उसका कैसे कैसे इस्तेमाल हो सकता है. कभी कभी ऐसे वेबसाइट पर जाने के बाद एक अंजाना सा फ़ाइल आपके कंप्यूटर पर डाउन लोड हो जाता है जो आपके कंप्यूटर को लॉक कर देता है. उसके बाद उन्हें पैसे देने पर ही आपके कंप्यूटर का पासवर्ड मिलता है. इस ब्लैकमेल के तरीक़े को रैनसमवेयर कहते हैं.
कई देशों में चाइल्ड पोर्नोग्राफ़ी के ख़िलाफ़ क़ानून बहुत सख़्त है. अगर आपके कंप्यूटर पर चाइल्ड पोर्नोग्राफ़ी के फ़ाइल मिल गए तो आप परेशानी में पड़ सकते हैं.
पॉर्नोग्राफी को अगर छोटा करे तो उसे पॉर्न कहते हैं. यानी पोर्नोग्राफी का शॉर्ट फॉर्म. पोर्न वीडियो को भारत में कई लोग “ब्लू फिल्म” या फिर ” गंदी पिक्चर “भी कहते हैं. जो गूगल पर सर्च करने से आसानीसे मील जाती हैं.
यक्ष प्रश्न है कि क्या भारत देश में अश्लील फिल्में देखना गैरकानूनी है?
पोर्न कंटेट को आप किसी मल्टीप्लेक्स में नहीं देख सकते, क्यों की भारत में पॉर्नोग्राफी को लेकर बहुत सख्त कानून है. इसके पीछे कारण ये है कि पॉर्न में सेक्स बिना कीसी सेंसर के दिखाया जाता है. पहले लोग सीडी या पेन ड्राइव के जरिए पॉर्न देखते थे पर अब जमाना हाईटेक है और इंटरेनेट की मदद से लोग अब पॉर्न कंटेंट को बड़े आसानी से मोबाइल पर देख लेते हैं.
भारत में पोर्नोग्राफी को लेकर कानून :
पोर्नोग्राफी से जुड़े अपराध करने वालों के खिलाफ आईटी एक्ट के तहत कार्रवाई की जाती है. कुछ वेबसाइटों को छोड़कर, भारत में पोर्नोग्राफी पूरी तरह से प्रतिबंधित है, लेकिन सरकार के सभी प्रयासों के बावजूद, कई वेबसाइटें इस सामग्री को दिखाती हैं.भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा पोर्न देखने वाला देश है. हाला कि भारत में पोर्न बनाने, शेयर करने, प्रदर्शित करने आदि पर प्रतिबंध है.
सन 2018 में आई एक खबर के मुताबिक, 2017 से 2018 के बीच भारत में पोर्न देखने की दर में 75 %की बढ़ोतरी हुई थी. छोटे शहरों के लोग इसे बड़ी संख्या में देख रहे हैं.
पोर्नोग्राफी के तहत आने वाले मामलों में आईटी एक्ट 2008 की धारा 67 (ए) और आईपीसी की धारा 292, 293, 294, 500, 506 और 509 के तहत सजा का प्रावधान है. अपराध की गंभीरता के आधार पर पहली गलती पर 5 साल तक की कैद या 10 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है. लेकिन इस तरह के अपराध में दूसरी बार पकड़े जाने पर जेल की सजा बढ़कर सात साल तक हो सकती है.
भारत में कई पोर्नोग्राफी वेबसाइटों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. 2018 में भारत सरकार ने करीब 850 पॉर्न वेबसाइटों पर बैन लगा दिया था. ऐसा पहले भी किया गया है. लेकिन इसका कोई खास प्रभाव नही पड़ा था.
हम सब जानते हैं कि इंटरनेट को अब तक का सबसे बड़ा आविष्कार माना जाता है और इसकी मदद से हम अपने कई काम निपटा सकते हैं, परंतु इससे लाभ के साथ हानि भी है. कुछ लोग इंटरनेट के माध्यम से पोर्न संस्कृति को विकशित कर रहे है.
पोर्नोग्राफी में उत्पादों की एक विशाल श्रृंखला शामिल है. प्यार करने वाले जोड़ों की घर की तस्वीरों से लेकर बड़े पैमाने पर उत्पादित कामुक फिल्मों तक जो एक बड़ा लाभ कमाने के लिए डिज़ाइन की जाती हैं.
पोर्नोग्राफी हमारे समाज में बहुत प्रचलित है, और पोर्न की लत कई वयस्कों को बुरी तरह प्रभावित करती है. पोर्न देखने के आदी व्यक्ति प्रति सप्ताह कम से कम 11 से 12 घंटे पोर्न देखने में बिताते हैं. ज्यादातर लोग जिसे पोर्न की लत है, उनका कहना है कि पोर्न उनके निजी संबंधों को नुकसान पहुंचाता है.
पोर्न एडिक्शन के साथ कई स्थिति सह-होती हैं, जिनमें चिंता, अवसाद, सेक्स की लत, सामाजिक चिंता और मादक द्रव्यों के सेवन के विकार वगेरा शामिल हैं. पॉर्न का मतलब अश्लील सामग्री, जैसे अश्लील तस्वीरें, अश्लील वीडियो आदि जिसमें महिला और पुरुष को नग्न अथवा अर्धनग्न अवस्था में दिखाया जाता है. या संभोग का चित्रण किया जाता हैं.
ये विडिओ क्लिप काफी उत्तेजक होती है और इन सब की लत भी पड़ जाती है. पोर्नोग्राफी देखने वालो के लिए वैसी ही लत है जैसे शराबी या नशेड़ी के लिए शराब और चरस की लत होती हैं. उन्हें पता हैं कि यह सब सही नहीं है, पर फिर भी वह छोड़ नहीं पाता है.
सबसे चिंताजनक बात यह है कि पोर्नोग्राफी वेबसाइट इंटरनेट पर सभी के लिए आसानी से उपलब्ध है, जो भी इंटरनेट का उपयोग करते हैं. ना ही कोई उम्र की सीमा है और इनकी सुरक्षा नीतियां भी कमजोर है इसका मतलब यह है कि छोटे नाबालिक बच्चो को भी यह आसानी से उपलब्ध है.
लगातार पोर्न देखने से इसकी लत लग जाती है, जो कि अपने आप में एक खराब आदत है. इस खराब आदत से शारीरिक स्वास्थ्य पर बहुत खराब प्रभाव देखने को मिलता है, यह सिर्फ कही सुनी बात नहीं है बल्कि वैज्ञानिकों ने यह साबित किया है कि हमारी प्रजनन प्रणाली में बीमारियां उत्पन्न हो जाती है अथवा सेहत भी खराब होती है. इसकी लत से मानसिक स्वास्थ्य को भी हानि पहुंचती है, पोर्न देखने वाला इंसान यह सोचता है कि असल दुनिया में भी यही सब वास्तव में होता है, हालांकि यह सत्य नहीं है. पोर्न की दुनिया अत्यधिक दिखावटी और झूठी होती है.
जिस किसी को पोर्न की लत लगती हैं, उनकी एकाग्रता में कमी आ जाती है, वह कभी भी मन लगाकर कोई काम नहीं कर पाते हैं, अगर किशोरावस्था में यह लत लग जाए, तो पढ़ाई में मन नहीं लगता है, हमेशा दिमाग में खराब विचार ही रहते हैं.
चिंताजनक पहलू यह है कि बहुत छोटे बच्चों तक भी इसकी पहुंच बहुत आसान है, जो कि हमारे समाज के लिए असल में चिंताजनक बात है. जिन बच्चों की उम्र भी नहीं है इन सब चीजों की, वह भी यह सब देख रहे हैं और अपनी उम्र से पहले ही मानसिक और शारीरिक तौर पर परिपक्व हो रहे हैं, जो कि अंत में स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभप्रद है.
सोशल मीडिया रीपोर्ट के अनुसार इंटरनेट पर किसी समय के प्रत्येक सेकंड में कम से कम 28,258 यूजर्स पोर्नोग्राफी देखते हैं. साथ ही नेट पर पोर्नोग्राफी का कारोबार इतना बड़ा है कि दुनिया भर में लोग नेट पर पोर्नो ग्राफी देखने के लिए प्रत्येक सेकंड पर 3075.64 डॉलर खर्च करते हैं.
सर्च इंजनों पर प्रत्येक सेकंड में कम से 372 लोग एडल्ट पोर्न शब्द टाइप करते हैं और इसके टाइप करते ही तुरंत आपका गूगल एडल्ट पोर्न साइट्स से कनेक्शन जुड़ जाता है. यदि आप पोर्न मॉडल लिखो तो भी कई वेबसाइट खुल जाती हैं. चार करोड़ अमेरिकी लोग नियमित तौर पर पोर्न साइट्स ढूंढते हैं. इंटरनेट से जितना डेटा या कंटेंट डाउनलोड्स किया जाता है, उसमें से 35 फीसद पोर्नोग्राफी से संबंधित होती है.
पोर्न देखने वालों में से एक तिहाई महिलाएं होती हैं. सर्च इंजनों पर प्रति दिन एक लाख और सोलह हजार प्रश्न चाइल्ड पोर्नोग्राफी से जुड़े होते हैं.
प्रतिदिन भेजी जाने वाली 2.5 बिलियन ईमेल्स भेजी या पाई गई में पोर्न होता है. अमेरिका में प्रत्येक 39 मिनट पर एक नया पोर्नोग्राफी वीडियो पैदा हो जाता है. इस कारण से करीब दो लाख अमेरिकी पोर्न एडिक्ट्स पोर्न वीडियो के व्यसनी हैं.
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