आपने कई बार रजत, सुवर्ण और हीरक जयंती के बारेमें अवश्य सुना होगा. आज जानते है विस्तार से….
रजत जयंती :
जयंती शब्द का प्रयोग खास करके किसी घटना के घटित होने के दिन की, आगे आने वाले वर्षों में पुनरावृत्ति को दर्शाने के लिये किया जाता है. इसे वर्ष गाँठ भी कहते हैं. उदाहरण के लिये यदि
किसीका जन्म ता : 1 जनवरी 1980 मे हुआ तो ता : 1 जनवरी 1981 को उसकी प्रथम वर्षगाठ होंगी.और ता : 1 जनवरी 1982 को द्वितीय जयंती होगी.
जयंती शब्द का प्रयोग केवल सुखद घटनाओं के लिये किया जाता है. जब कि मृत्यु के लिए “पुण्यतिथि” शब्द का प्रयोग किया जाता है.
रजत जयंती वर्ष : ( 25 वर्ष )
घटना की चौबीसवीं वर्षगाँठ के दिन से लेकर रजत जयंती तक चलने वाले एक वर्ष को रजत जयंती वर्ष कहा जाता है.
स्वर्ण जयंती : ( 50 वर्ष )
स्वर्ण जयंती का प्रयोग किसी घटना की 50वीं जयंती अथवा 50वीं वर्षगाँठ के लिये किया जाता है. किसी व्यक्ति, संस्था आदि या किसी महत्त्वपूर्ण कार्य के जन्म या आरम्भ होने के पचास वर्ष पूरे होने पर मनाई जाने वाली जयंती.
यदि किसीका जन्म भारत 15 अगस्त 1947 को हुआ हो तो ता : 15 अगस्त 1997 को उसकी स्वर्ण जयंती होगी. खास बात ये भी है कि इसी उदाहरण में 15 अगस्त 1997 उस का इक्यावनवां स्वतंत्रता दिवस होगा. क्यों कि जयंती घटना के एक साल के बाद से प्रारम्भ होती है इसलिये ये घटना की वास्तविक सँख्या से एक कम चलती है. अंग्रेजी भाषा में इसके लिये गोल्डेन जुबली शब्द का प्रयोग होता है.
स्वर्ण जयंती वर्ष :
घटना की उंचासवीं वर्षगाँठ के दिन से लेकर स्वर्ण जयंती तक चलने वाले एक वर्ष को स्वर्ण जयंती वर्ष कहा जाता है.
हीरक जयंती : ( 75 वर्ष )
हीरक जयंती का प्रयोग पच्हत्तरवीं जयंती अथवा पच्हत्तरवीं वर्षगाँठ के लिये किया जाता है. उदाहरण के लिये यदि भारत देश 15 अगस्त 1947 को स्वतन्त्र हुआ तो 15 अगस्त 2022 को स्वतंत्रता प्राप्ति की हीरक जयंती होगी. ध्यान देने की बात ये भी है कि इसी उदाहरण मे 15 अगस्त 2022 भारत का छिहत्तरवां स्वतंत्रता दिवस होगा. क्यों कि जयंती घटना के एक साल बाद से प्रारम्भ होती है इसलिये ये घटना की वास्तविक सँख्या से एक कम चलती है. अंग्रेजी भाषा मे हीरक जयंती के लिये डायमंड जुबली शब्द का प्रयोग होता है. हीरक शब्द हीरे का द्योतक है.
हीरक जयंती वर्ष :
घटना की चौहत्तरवीं वर्षगाँठ के दिन से लेकर हीरक जयंती तक चलने वाले एक वर्ष को हीरक जयंती वर्ष कहा जाता है.
अधिकतर समूह या संगठन जो किसी घटना का हीरक जयंती वर्ष मना रहे होते हैं, वो इस पूरे वर्ष कोई न कोई आयोजन अथवा समारोह करते रहते हैं जो कि अंत मे हीरक जयंती के दिन सम्पन्न होते हैं.
पुण्यतिथि :
जिस दिनांक अथवा तिथि को किसीकी मृत्यु होती है , उस तिथि को हर वर्ष पुण्यतिथि के रूप में मनाया जाता है. इस तिथि पर दिवंगत आत्मा को आत्मीय रूप से श्रद्धा-सुमन अर्पित करके याद किया जाता है.
सिल्वर या गोल्डन जुबली एनिवर्सरी :
शादी के 25 साल पूरे हो जाने पर सिल्वर जुबली मैरिज एनिवर्सरी और शादी के 50 साल पूरे हो जाने पर गोल्डन जुबली एनिवर्सरी कहते है.
प्लैटिनम-जयंती :
किसी व्यक्ति, संस्था आदि या किसी महत्त्वपूर्ण कार्य के जन्म या आरम्भ होने के पचहत्तर वर्ष पूरे होने पर मनाई जाने वाली जयंती को प्लैटिनम जयंती कहते है.
जयंती शब्द का प्रयोग मुख्यत: किसी घटना के घटित होने के दिन की, आगे आने वाले वर्षों में पुनरावृत्ति को दर्शाने के लिये किया जाता है. इसे वर्षगाँठ भी कह सकते हैं.
आजादी का अमृत महोत्सव :
भारत सरकार ने इस उत्सव का नाम “आजादी का अमृत महोत्सव” रखा है. अमृत महोत्सव का अर्थ है ब्रिटिश शासन से भारत की आजादी के 75 साल. प्रधानमंत्री मोदीजी ने मार्च 2021 में गुजरात के साबरमती आश्रम अहमदाबाद से ” आजादी का अमृत महोत्सव” शुरू किया था, जो 15 अगस्त, 2023 तक जारी रहेगा.
“आजादी का अमृत महोत्सव” प्रगतिशील भारत की आजादी के 75 साल और इसके लोगों, संस्कृति और उपलब्धियों के गौरवशाली इतिहास को मनाने और मनाने के लिए हमारे भारत सरकार की एक पहल है. यह महोत्सव भारत के लोगों को समर्पित है, जिन्होंने न केवल भारत को अपनी विकासवादी यात्रा में लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
बल्कि उनके भीतर प्रधानमंत्री मोदी के भारत 2.0 को सक्रिय करने के दृष्टिकोण को सक्षम करने की शक्ति और क्षमता भी है, जो आत्मनिर्भर की भावना से प्रेरित है।
आजादी का ” अमृत महोत्सव ” भारत की सामाजिक-सांस्कृतिक, राजनीतिक और आर्थिक पहचान के बारे में प्रगतिशील है.
बॉलीवुड फ़िल्म इंडस्ट्रीज मे कोई फ़िल्म सफल होती है और 25 वीक तक चलती है तो उसे सिल्वर जुबली फ़िल्म कहते है, उसी तरह यदि कोई फ़िल्म 50 वीक तक चलती है तो उसे गोल्डन जुबली फ़िल्म कहते है.