राजा और कवि की कविता.

king and poet

सोशल मीडिया पर एक सुंदर कहानी सुननेकी मिली. प्रस्तुत है…….

एक समय की बात. एक राजाके दरबार में एक प्रसिद्ध कवि आया. उसने राजाको कहा कि मैं अपनी कविता से आपको खुशीसे खुश कर दूंगा. राजाने कहा ठीक है, कल शाम ठीक सात बजे भरी दरबार में आ जाना.

पूर्व आयोजन के अनुसार दूसरे दिन दरबार भरा. कविने पहली कविता सुनाई, राजा खुश हुआ. बोला वाह…! क्या बात है…. मेरी तरफ से एक हजार रुपये बक्षिस दिया जाता है.

कविने दूसरी कविता सुनाई… राजा खूब खुश हुआ और बोला, वाह.. वाह… बहोत खूब… मेरी तरफ से एक हजार चांदी के सिक्के बक्षिस दिये जाते है. कवि खुश हुआ और कविने तीसरी कविता सुनाई. राजा बोला, वाह वाह… वाह वाह… क्या कविता है. मेरी तरफ से एक हजार सोना मोहर भेट.

कवि का हौसला और बढ़ा. उसने गर्म जोस से चौथी कविता सुनाई, राजा अतियंत प्रभावित हुआ और बोला कि माशा अल्लाह, माशा अल्लाह क्या गजब की कहानी है. मेरी तरफ से मेरी एक जागीर आपको भेट करता हूं.

कवि की ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा. वो सोचने लगा, आज तो एक ही दिन में जिंदगी भर की कमाई हो गई है. अब तो पुरी जिंदगी सुख चेन से बीत जायेगी. वो राजी ख़ुशी रहने लगा. दो दिन बीते, चार दिन बीते, एक सप्ताह हुआ, एक महीना हुआ, मगर राजा की ओर से कोई बक्षिस नहीं मिली.

एक दिन वो राजा को मिलने उनके महल मे गया. उसने याद दिलाते हुये कहा कि उसे आज तक कोई बक्षिस नहीं मिली है.

राजा ने पुरी बात सुनी और उत्तर देते कहा कि इसमे लेन देन की बात ही कहा आती है. आपने कविता सुनाई मेरे कान को पसंद आयी. मैंने बक्षिस देने की बात कही तो तेरे कानको पसंद आयी. हिसाब बरोबर चुकता. दोनों खुश तो हुये…!

इसे कहते है हथेली पर चाँद दिखाना :

कहानी का तात्पर्य ये है कि हथेली पर चाँद दिखाना मतलब चालाकी करना, धोका देना, राजा ने भी वोही किया जो एक धोके बाज धोका देते है. राजा ने चालाकी से कवि को धोका दिया. हमारे समाज में भी ऐसे धोकेबाजो की कोई कमी नहीं है. कोई ना कोई प्रकार से हर किसीको इसका अनुभव होते रहता है.

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कहानी : 2.

एक बार गधा और एक आदमी रास्ते से जा रहे थे, रास्ते में गधा किसी गहरे गड्डे में गिर जाता है, आदमी अपने पसंदीदा गधे को गड्डे से निकालने का हर प्रयास करता है, लेकिन वो काफी प्रयत्न करने के बाद भी सफल नहीं होता है.

वह बहुत दुखी होता है, लेकिन उसको ऐसा अकेला छोड़कर जाना भी नही चाहते, तब वह उसे उसी गड्डे में ज़िंदा गाड़ने का विचार बना लेता है, जिससे वह आसानी से मर सके.

वह आदमी उस पर मिट्टी डालना आरंभ कर देता है, जैसे ही गधे पर मिट्टी गिरती है, तो गधा उसे वजन के कारण हिलाकर हटा देता है और उसी मिट्टी पर चढ़ जाता है. वह प्रत्येक बार यही कार्य करता है, जब जब मिट्टी उसके ऊपर गिरती है. अंत में मिट्टी से गड्डा भरने लगता है और वह सुरक्षित बाहर आ जाता है. ( समाप्त )

आजकी शायरी :

कौन कहता है की बूढ़े

इश्क नहीं करते,

वो इश्क तो करते है

पर कोई उनपे शक नहीं करते.

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