भारत मंदिरों का देश है. मूर्ति पूजा सनातन हिंदू धर्म की वारसागत पुरानी परंपरा है. देश की हर गली मे कोई ना कोई मंदिर आपको जरूर मील जायेगा. ये भक्तों की आस्था का प्रतिक है.
आज मुजे भारत में उत्तर प्रदेश राज्य के मथुरा जिले के नजदीक वृंदावन में स्थित प्रेम मंदिर की बात करनी है. जिस मंदिर का निर्माण जगद्गुरु श्री कृपालु महाराज द्वारा भगवान कृष्ण और राधा के मन्दिर के रूप में किया गया है.
करीब 150 करोड़ से ज्यादा की लागत से बना यह मंदिर का शिलान्यास 14 जनवरी 2001 के दिन कृपालुजी महाराज के कर कमलो द्वारा किया गया था. इस मंदिर के निर्माण मे ग्यारह साल लगे थे. इसको बनानेमें इटैलियन करारा संगमरमर का उपयोग किया गया है.
इस मंदिर का निर्माण राजस्थान और उत्तरप्रदेश के एक हजार से ज्यादा शिल्पकारों ने अपनी कला का करतब दिखाया है. यह मंदिर दिल्ली – आगरा – कोलकाता के राष्ट्रीय राजमार्ग 2 पर छटीकरा से लगभग 3 किलोमीटर की दूर पर वृंदावन की ओर भक्तिवेदान्त स्वामी मार्ग पर स्थित है.
” प्रेम मंदिर ” की कुल ऊंचाई 125 फुट, लम्बाई 122 फुट तथा चौड़ाई 115 फुट है. श्री मंदिर में कुल मिलाकर 94 खम्भे हैं. इसमें फव्वारे, राधा-कृष्ण की मनोहर झांकियां, गोवर्धन लीला, कालिया नाग दमन लीला, झूलन लीला की झांकियां उद्यानों के बीच सजाई गई हैं. मन्दिर की शिलाओं पर राधा गोविन्द गीत सरल भाषा में लिखे गए हैं.
प्रेम मंदिर की वास्तुकला अपनी सुंदरता से हर किसी को मंत्रमुग्ध करती है. ये वृंदावन के बाहरी इलाके में 54 एकड़ की एक जगह पर स्थित है. इस मंदिरों के दरवाजे और पर्दे बेहद ही खूबसूरत बनाए गए हैं, जो यहां आने वाले लोगों को आकर्षित करते हैं. इसके अलावा दीवारों और फव्वारों के अलावा जिन पर कलियों और फूलों के साथ झिलमिलाते फूलों के लेटर्स के चित्र बने हुए हैं. प्रेम मंदिर को ऐसी सुंदर लाइट के साथ रोशन किया जाता है जो सच में प्रेक्षणीय है. प्रेम मंदिर की लाइट हर पांच मिनट में रंग बदलती है.
मंदिर में एक परिधि मार्ग मे कुल मिलाकर 48 फलक हैं. इसके अलावा मंदिर के बाहरी हिस्से में 84 पैनल भी लगाए गए हैं और ये श्री कृष्ण की प्रेम लीला को चित्रित किया गया है. प्रेम मंदिर की पहली मंजिल में भगवान कृष्ण और राधा की तस्वीरें स्थित हैं और दूसरी मंजिल भगवान राम और सीता को समर्पित है.
प्रेम मंदिर सुबह 5:30 बजे खुलता है और रात 8:30 बजे बंद हो जाता है. लेकिन दर्शनार्थी को दर्शन का कुछ समय निश्चित किया जाता है जो इस प्रकार है…..
प्रेम मंदिर सुबह 5:30 बजे से 6:30 बजे के बीच दर्शनार्थी आरती और परिक्रमा के लिए खुला रहता है.
सुबह 6:30 बजे से 8:30 बजे के बीच प्रेम मंदिर भोग के लिए द्वार बंद कर दिए जाते हैं.
सुबह 8:30 बजे से दोपहर के 12:00 बजे तक दर्शन के लिए प्रेम मंदिर के द्वार खोल दिए जाते हैं. प्रेम मंदिर दोपहर के 12:00 बजे से शाम के 4:30 बजे तक बंद रहता है. शाम के 4:30 बजे से 5:30 बजे के बीच मे आरती और दर्शन होते हैं. शाम 5:30 बजे से 8:00 बजे के बीच प्रेम मंदिर भोग के लिए फिर से द्वार बंद कर दिए जाते हैं. रात 8:00 बजे से 8:30 बजे शयन आरती और दर्शन होते हैं और फिर मंदिर का दरबाजे बंद कर दिए जाते हैं.
मथुरा के प्रेम मंदिर मे हर साल जन्माष्टमी और राधाष्टमी त्योहारों को बड़े ही उत्साह और धूम-धाम के साथ मनाता है. इस खास स्थल पर देश के विभिन्न शहरों से भक्त मंदिर के दर्शन करने के लिए आते हैं और मंदिर में होने वाले ये पवित्र समारोह में भाग लेते हैं.
यदि अगर आप प्रेम मंदिर की यात्रा करने के लिए जा रहे हैं तो ध्यान रखें कि मंदिरके भीतर शराब और फोटो ग्राफी प्रतिबंधित है. शारीरिक रूप से विकलांग लोगों के लिए मंदिर परिसर में व्हीलचेयर से उपलब्ध है. प्रेम मंदिर में म्यूजिकल फाउंटेन शो का आयोजन हर शाम 7:00 बजे से शाम 7:30 बजे तक होता है. मंदिर का भ्रमण करने वाले भक्त इस शो को बेहद पसंद करते हैं.
प्रेम मंदिर वृंदावन पहुंचने के लिए
आप हवाई मार्ग, सड़क मार्ग और ट्रेन मार्ग पसंद कर सकते हो. प्रेम मंदिर तक पहुंचने के लिए हवाई अड्डे से टैक्सी भाड़े से ले सकते हैं. अगर आप ट्रेन से प्रेम मंदिर के लिए जाना चाहते हैं तो यहां का कनेक्शन रेल स्टेशन मुथ रेल स्टेशन है, जहां से मंदिर 8 किलोमीटर दूर है. जहासे आप को टैक्सी, बस या ऑटो रिक्शा मील जाती है.