” बिटकॉइन ” दुनिया भर में सबसे लोकप्रिय डिजिटल मुद्रा में से एक है. और इसे डिजिटल गोल्ड भी कहा जा रहा है. यह तेजी से कई देशों में भुगतान करने मुख्यधारा का एक तरीका भी बन रहा है. बिटकॉइन एक आभासी मुद्रा है, आभासी मतलब कि अन्य मुद्रा की तरह इसका कोई भौतिक स्वरुप नहीं है. यह एक डिजिटल करेंसी है. यह एक ऐसी मुद्रा है जिसको आप ना तो देख सकते हैं और न ही छू सकते हैं. यह केवल इलेक्ट्रॉनिकली स्टोर की जाती है. अगर किसी के पास ” बिटकॉइन ” है तो वह आम मुद्रा की तरह ही सामान खरीद सकता है.
वास्तवमे अंतरराष्ट्रीय लेन देन में इसका उपयोग कर सकते हैं पर इसमें ट्रांजेक्शन फीस लगती हैं. इसमें मध्यस्त की भूमिका नहीं रहती है जिससे कम खर्च में लेन देन किया जाता है. मगर इसे किसी देश में वैधानिक मान्यता नहीं है इसलिए इसका उपयोग बिना किसी अतिरिक्त कीमत से किया जा सकता है.
बिटकॉइन मुद्रा को किसी केन्द्रीय बैंक द्वारा संचालित नहीं किया जाता है. यह कम्प्यूटर नेटवर्किंग पर आधारित है, और इसे भुगतान हेतु निर्मित किया गया है. इस मुद्रा का आविष्कार सातोशी नकामोतो नामक अभियंता ने 2008 में किया था. और इसे 3 जनवरी 2009 के दिन ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर के रूप में जारी किया गया था. जापान देश के
आविष्कारक सातोशी नाकामोटो का जन्म 5 अप्रैल 1975 को जापान में हुआ था.
यह विश्व का प्रथम पूर्णतया खुला भुगतान तन्त्र है. दुनिया भर में 2 करोड़ से अधिक बिटकॉइन हैं, और बहुत ही लोकप्रिय हुआ है. वर्तमान में लोग कम कीमत पर बिटकॉइन खरीद कर ऊँचे दामों पर बेचने का कारोबार कर रहे हैं.
यदि हम डेबिट या क्रेडिट कार्ड से भुगतान करते है तो लगभग दो से तीन प्रतिशत लेनदेन शुल्क लगता है, लेकिन बिटकॉइन में ऐसा कुछ नहीं है. इसके लेनदेन में कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लगता है, इस वजह से भी यह लोकप्रिय होता जा रहा है.
दूसरी बात यह है कि सुरक्षित और तेज है, जिससे लोग बिटकॉइन स्वीकार करने के लिए प्रोत्साहित हो रहे हैं. किसी अन्य क्रेडिट कार्ड की तरह इसमें कोई क्रेडिट लिमिट नहीं होती है न ही कोई नगदी लेकर घूमने की समस्या है. खरीदार की पहचान का खुलासा किए बिना पूरे बिटकॉइन नेटवर्क के प्रत्येक लेन देन के बारे में पता किया जा सकता है. यह बहुत सुरक्षित और सुपर फास्ट है और यह दुनिया में कहीं भी कारगर है और इसकी कोई सीमा भी नहीं है.
बिटकॉइन माइनिंग का मतलब एक ऐसी प्रोसेस है जिसमें कम्प्यूटिंग पावर का इस्तेमाल कर ट्रांजैक्शन प्रोसेस को पुरा किया जाता है, नेटवर्क को सुरक्षित रखा जाता है.
भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा तारिख : 24 दिसम्बर 2013 के दिन बिटकॉइन जैसी वर्चुअल मुद्राओं के सम्बन्ध में एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की गयी थी. इसमें कहा गया था की इन मुद्राओं के लेन-देन को कोई अधिकारिक अनुमति नहीं दी गयी है और इसका लेन-देन करने में कईं स्तर पर जोखिम है.
बाद में बिटकॉइन पर आर बी आई द्वारा लगाई गई रोक सुप्रीम कोर्ट की तरफ से हटाई गई थी मगर 1 फरवरी 2017 और 5 दिसम्बर 2017 को रिजर्व बैंक ने पुन: इसके बारे में सावधानी जारी की थी.
सोशल मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बिटकॉइन का कुल बाजार पूंजीकरण $615.8 बिलियन से अधिक है, जो स्वीडन, पोलैंड, बेल्जियम, यूएई, नॉर्वे, हांगकांग, सिंगापुर और अन्य सहित दुनिया के अधिकांश देशों की जीडीपी से अधिक है. बिटकॉइन दुनिया भर के उपयोगकर्ताओं के बीच सबसे प्रसिद्ध डिजिटल मुद्रा है. यह न केवल पहला डिजिटल टोकन है, बल्कि सबसे अधिक कारोबार उपयोगी और प्रसिद्ध क्रिप्टोकरेंसी भी है.
बिटकॉइन के नुकसान की बात करें तो इससे मूल्य अस्थिरता, काला बाजार, घोटाले और धोखाधड़ी, साइबर हैकिंग, नो बेयर प्रोटेक्शन, वॉलेट का खोना, बिटकॉइन की अमान्यता, तथा
प्रदूषण उत्सर्जन जैसी अनेक समस्या उदभव हो सकती है.
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