अहमदाबाद नगर को अमदावाद या कर्णावती भी कहा जाता है. भारत के गुजरात राज्य का सबसे बड़ा नगर है. यह अहमदाबाद ज़िले का मुख्यालय है. भारत देश में यह नगर सातवें स्थान पर आता है. ये शहर, साबरमती नदी के किनारे बसा हुआ है.
सन 1970 में गांधीनगर में राजधानी स्थानांतरित होने से पहले अहमदाबाद ही गुजरात की राजधानी हुआ करती थी. प्रारम्भ में अहमदाबाद को अशावल कहा जाता था. इस शहर की बुनियाद सन 1411 में अहमद शाह प्रथम ने गुजरात सल्तनत के रूप में रखी थी.
इसे जुलाई 2017 में यूनेस्को ने विश्व धरोहर स्थल के रूपमें घोषित किया है. अहमदाबाद नगर को “भारत का मेनचेस्टर” कहा जाता है. वर्तमान समय में, अहमदाबाद को भारत के गुजरात राज्य के एक प्रमुख औद्योगिक शहर के रूप में जाना जाता है.
” अहमदाबाद ” का इतिहास भील राजाओं से प्रारंभ होता है. देवेन्द्र पटेल जी की श्रंखला ” पटेल महाजाती ” में भील राजा आशा भील जी को पटेलो का कड़वा पूर्वज बताया गया है , अंतिम भील राजा आशा भील थे. राजा आशा भील के समय अहमदाबाद साम्राज्य या अशावाल साम्राज्य , आशावाल की साबरमती से लेकर कच्छ तक फैला हुआ था. कई इतिहासकारों ने कर्णदेव और अहमदशाह को भील राजा से संघर्ष करते हुए दिखाया है और फिर अहमदाबाद पर इन तीनों राजाओं का शासन इतिहास में बताया है.
ऐतिहासिक तौर पर देखा जाय तो भारतीय स्वतंत्रता संघर्ष के दौरान अहमदाबाद ने प्रमुख भूमिका निभाई थी. इसी शहर में महात्मा गांधी जी ने साबरमती आश्रम की स्थापना की और स्वतंत्रता संघर्ष से जुड़ें रहे और अनेक आन्दोलन की शुरुआत भी यही से हुई थी. अहमदाबाद बुनाई के लिए भी काफी प्रसिद्ध है. और व्यापार और वाणिज्य केन्द्र के रूप में बहुत अधिक विकसित हो रहा है.
अंग्रेज़ी हुकूमत के समय अहमदाबाद
नगर को फ़ौज़ी तौर पर इस्तमाल किया जाता था. अहमदाबाद इस प्रदेश का सबसे प्रमुख शहर है. पश्चिम भारत में बसा ये शहर, समुद्र से 174 फ़ुट की ऊंचाई पर स्थित है. शहर में दो झीलें हैं कंकरिया और वस्त्रापुर तालाब.
साबरमती नदी के गर्मी के मौसम में सूख जाने के कारण, नदी की जगह सफ़ेद मिट्टी रह जाती है. बारिश के महिनों के अलावा पूरे साल गर्मी का माहौल रहता है. सबसे उच्च तापमान 47 डिग्री तक पहंचता है और कम से कम 5 डिग्री ठंड के समय रहता है.
यहां जाने के लिए सबसे उत्तम समय अक्टूबर से फरबरी तक का है. इसके अलावा नौ दिनों तक चलने वाले नवरात्रि उत्सव (अक्टूबर-नवम्बर) में भी जाया जा सकता है. यहां गली गली पारम्पारिक रूपसे गरबा नृत्य होता है.
अहमदाबाद जहां से महात्मा गांधी और मोहम्मद अली जिन्ना का परिवार संबंध रखता है. महात्मा गांधी का आज भी आश्रम यहां विध्यमान है. नमक सत्याग्रह कूच की शुरुआत अहमदाबाद के साबरमती में स्थित गांधी आश्रम से हुई थी.
अहमदाबाद का क्षेत्रफल 6585 वर्ग किलोमीटर का है. साल 2011 की जनगणना के अनुसार यहां की कुल जनसंख्या 7059056 है. अहमदाबाद में बहुत सारी कॉटन मिले स्थित है. यहां पर अहमदाबाद में पहली सूती मिल सन 1859 में स्थापित हुई थी. अहमदाबाद को भारत का मेनचेस्टर इसी लिए कहा जाता है कि यहां पर सूती वस्त्र का उत्पादन बहुत अधिक होता है.
अहमदाबाद के कुछ दर्शनीय स्थल :
सरदार वल्लभभाई पटेल संग्रहालय :
यह संग्रहालय सरदार वल्लभाई पटेल की विरासत और सम्मान के लिए बनाया गया है. सरदार वल्लभ भाई पटेल के इस संग्रहालय में सगाई के समय की कई तस्वीरें हमें देखने मिलती है. यह संग्रहालय मनपाड़ा के प्रमुख पर्यटन स्थलों में जाना जाता है.
कांकरिया झील — अहमदाबाद :
कांकरिया झील को कांकरिया तालाब के रूप में भी जाना जाता है. कांकरिया झीलका निर्माण 15वी सदी में हुआ था. कहा जाता है कि पहले कांकरिया झील को कुतुबु हौज और हौज-ए-कुतुबु के नाम से भी जाना जाता था. कांकरिया झील मनपाड़ाके मणिनगर क्षेत्र के पास स्थित हैं. और लगभग 2 किलोमीटर के क्षेत्र में फैली हुई है.
कांकरिया में मनोरंजन के लिए यहां पर चिड़ियाघर, बाल दृश्यिका, स्पिरिस हाउस, कमला नेहरू प्राणी संग्रहालय,
झूले और कांकरिया झील का सबसे खूबसूरत स्थान नगीना वादी है जो की कांकरिया झील के बीचो बीच स्थित है.
टॉय ट्रेन, एक वाटर पार्क है.
अहमदाबाद की प्रसिद्ध जामा मस्जिद :
अहमद शाह के द्वारा बनवाई गई जामा मस्जिद भारत की सबसे बड़ी मस्जिदों में से एक है. जामा मस्जिद को अहमद शाह के राज में सन 1424 मे बनाया था. पीले रंग के झटकों से बने जामा मस्जिद की बड़ी-बड़ी दीवारों को कलात्मक और ऐतिहासिक बना दिया गया है. जामा मस्जिद में हिंदू , मुस्लिम वास्तुकला शैलियों का एक सुंदर मिश्रण यहां देखा गया है. जामा मस्जिद महानगर के ऐतिहासिक स्थलों में से एक है.
अक्षरधाम मंदिर अहमदाबाद :
अहमदाबाद शहर से करीब 9.5 किमी. दूर पर स्थित यह अक्षरधाम मंदिर स्वामिनारायन जी को समर्पित है, जो सनातन धर्म के अंतर्गत आते हैं. श्री स्वामिनारायन जी का यह मंदिर तीन मंजिला है, जिसके अंदर विराजमान स्वामी नारायण जी की मूर्ति पूरी तरह से सोने से मढी हुई है.
यह शानदार मंदिर गुलाबी पत्थर से बना है. जिसमें कहीं पर भी स्टील या लोहा वगैरह का इस्तेमाल नहीं किया गया है. मंदिर में भगवान स्वामीनारायण की जीवन-कथा के चित्र हैं. प्रदर्शनी हॉल जो अपने विशाल परिसर में भगवान श्री स्वामीनारायण की शिक्षाओं और दर्शन को चित्रित करते हैं.
आगमन का समय यहां मंगलवार से रविवार तक सुबह 9:30 बजे से शाम 7:30 बजे तक है और सोमवार को बंद रहता है.
स्टैचू ऑफ यूनिटी :
दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा के रूप में जाने जाने वाली स्टैचू आफ यूनिटी लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल का स्मारक है इसकी ऊंचाई 182 मीटर है. इस विशाल प्रतिमा को बनाने का मुख्य उद्देश उनकी देशभक्ति स्वतंत्रता संग्राम के माध्यम से लोगों को प्रेरित करना था.
यहां तक कैसे पहुंचा जा सकता है :
हवाई मार्ग से :
यहां सरदार वल्लभभाई पटेल एयरपोर्ट है. यह प्रमुख भारतीय शहरों के साथ साथ विदेशों जैसे, कोलंबो, मशकट, लंदन और न्यूयार्क को भी जोड़ता है.
रेल मार्ग से :
अहमदाबाद स्टेशन ( कालूपुर स्टेशन) देश के लगभग सभी प्रमुख स्टेशनों से सीधे तौर पर जुडा हुआ है.
सड़क मार्ग से :
अहमदाबाद की दूरी मुम्बई से लगभग 545 किलोमीटर तथा दिल्ली से 873 किलोमीटर है. यहां मुम्बई से बस द्वारा भी जाया जा सकता है