” सागर महासागर की रोचक बातें.”

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आपने कभी आसमान से लिया गया पृथ्वी का फोटो जरूर देखा होगा.

उसमें दिखाई देने वाला नीला रंग का भाग पृथ्वी पर हयात पानी को दर्शाता है. पृथ्वी का 71 प्रतिशत हिस्सा पानी से ढका हुआ है. ये पानी ज़मीन के नीचे है और वाष्प और बादलों के रूप में है.

पृथ्वी की सतह पर जो पानी मौजूद है उसमें से 97 % सागरों, महासागरों में है जो नमकीन है और पीने के काम नहीं आ सकता. केवल तीन प्रतिशत पानी पीने योग्य है जिसमें 2.4 % ग्लेशियरों और उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव में जमा हुआ है और केवल 0.6 प्रतिशत पानी नदियों, झीलों और तालाबों में है जिसे इस्तेमाल किया जा सकता है.

एक अनुमान के मुताबिक पृथ्वी पर कुल मिलाकर 32 करोड़ 60 लाख खरब गैलन पानी है. और ये एक ताजुब की बात है कि ये मात्रा कभी भी घटती बढ़ती नहीं है. सागरों का पानी वाष्प बनकर उड़ता है, बादल बनकर बरसता है और फिर सागरों में जाकर समाता है. और ये चक्र निरन्तर चलता रहता है.

पृथ्वी पर कुल पांच महासागर हैं.

(1) प्रशांत महासागर,

(2) अटलांटिक महासागर,

(3) हिंद महासागर,

(4) आर्कटिक महासागर और

(5) अंटार्कटिक महासागर.

इसमे प्रशांत महासागर सबसे बड़ा और सबसे गहरा महासागर है. भारत के उत्तर में हिमालय पर्वत है, और तीनों ओर से सागर से घिरा हुआ हैं. इसके पूर्व में बंगाल की खाड़ी, दक्षिण में हिंद महासागर और पश्चिम में अरब सागर विध्यमान है.

बहुतसे लोग सागर और महासागर को एक ही समजते है, मगर सागर और महासागर में बहुत बड़ा अंतर है.

*** सागर महासागर की तुलना में छोटे छोटे भागों में विभाजित होते है.

*** सागर स्थलों के निकट स्थित होते है, जबकि महासागर स्थलों से काफी दूरी पर स्थित होते है.

*** छोटे छोटे सागरो से मिलकर ही महासागर बनते है.

*** नदियों का पानी सागर में मिलता है, जबकि सागर का पानी महासागर में मिलता है.

*** सागर कम गहरे होते है इस वजह से यहां जीव जंतु और पौधे निवास करते है. जबकि महासागर सागर की तुलना में अधिक गहरे होते है इसलिए इनकी गहराई तक सूर्य का प्रकाश नही पहुंच पाता है. इसलिए महासागर में जीव जंतु निवास नहीं करते है.

*** विश्व में सागर की संख्या बहुत है, जबकि विश्व में महासागरों की संख्या केवल पांच है.

विश्व का सबसे छोटा महासागर आर्कटिक महासागर है. जबकि सबसे बडा महासागर प्रशांत महासागर है.

काला सागर को कृष्ण सागर भी कहा जाता है. यह सागर पश्चिम में रोमानिया, बुल्गारिया, उत्तर-पूर्व में रूस व यूक्रेन, दक्षिण में तुर्की के बीच स्थित है.

अरब सागर जिसका भारतीय नाम सिंधु सागर है,भारतीय उपमहाद्वीप और अरब क्षेत्र के बीच स्थित हिंद महासागर का हिस्सा है. अरब सागर लगभग 38,62,000 किमी2 सतही क्षेत्र घेरते हुए स्थित है तथा इसकी अधिकतम चौड़ाई लगभग 2,400 किमी (1,500 मील) है.

सिन्धु नदी सबसे महत्वपूर्ण नदी है जो अरब सागर में मिलती है, इसके आलावा भारत की नर्मदा और ताप्ती नदियाँ भी अरब सागर में मिलती हैं.यह एक त्रिभुजाकार सागर है जो दक्षिण से उत्तर की ओर संकरा होता जाता है और फ़ारस की खाड़ी से जाकर मिलता है. अरब सागर के तट पर भारत के अलावा जो महत्वपूर्ण देश स्थित हैं उनमें ईरान, ओमान, पाकिस्तान, यमन और संयुक्त अरब अमीरात सबसे प्रमुख हैं.

भारत के पश्चिमी तट पर स्थित मुंबई महाराष्ट्र की राजधानी है. भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई पर्यटकों को बहुत लुभाता है. मुंबई को भारत का प्रवेश द्वार भी कहा जाता है. मुंबई भारत के पश्चिमी समुद्र तट पर स्थित है. यह अरब सागर के सात द्वीपों का एक हिस्सा है, इसलिए इसे सात टापुओं का नगर भी कहा जाता है.

हमारी धरती सात महाद्वीपों में बंटी है. (1) एशिया,(2) अफ्रीका,(3) यूरोप,(4) उत्तर अमेरिका (5) और दक्षिण अमरीका, (6) ऑस्ट्रेलिया और (7) अंटार्कटिका.

सात समुद्रों में आर्कटिक, उत्तरी अटलांटिक, दक्षिण अटलांटिक, उत्तरी प्रशांत, दक्षिण प्रशांत, भारतीय और दक्षिणी महासागर शामिल हैं.

” सुनामी ” समुद्र में उत्पन्न होती है.

सुनामी जापानी शब्द है जो वास्तव में दो शब्दों “सू” अर्थात “बंदरगाह ” और “नामी” अर्थात “विनाशकारी लहरें” से मिलकर बना है यानि “ऐसी समुद्री लहरें जो अत्यंत व्यापक नुकसान करती हैं”.

समुद्री तल पर आने वाले तीव्र भूकंप के परिणामस्वरुप विनाशक समुद्री लहरे उत्पन्न होती है, उन्हें सुनामी कहते हैं. इन लहरों की गति अपने उत्पत्ति स्थान पर अत्यधिक होती है (लगभग 600 kmph) परंतु ऊँचाई काफी कम होती है (लगभग 3-5 फीट).

परंतु जैसे-जैसे ये तटीय क्षेत्रों की ओर बढ़ती हैं, इनकी ऊँचाई बढ़ती ही जाती है और गति कम होती जाती है तथा तट से ये 80-100 फीट की ऊँचाई व 150-200 kmph की गति के साथ टकराती हैं. अपनी इतनी अधिक ऊँचाई व गति के कारण ही ये तटीय भागों में व्यापक विनाश करती हैं. ( समाप्त )

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