असदुद्दीन ओवैसी के नामसे कोई भी अनजान नहीं है. उनको अक्सर आप लोगों ने देश के मुसलमानों के हक के लिए लड़ते हुए देखा होगा, इसलिए असदुद्दीन ओवैसी को मुसलमानों के नेता के तौर पर पहचाना जाता है.
ओवैसी हमेशा भारत के मुसलमानों की तरक्की के लिए जोर देते हैं. इसके अलावा जब भी देश में किसी भी प्रकार का कोई विवाद के समय ओवैसी हमेशा अपनी राय उस पर जरूर देते है. इतना ही नहीं असदुद्दीन ओवैसी हमेशा से ही बिना किसी के डर के अपने विचार लोगों के सामने प्रकट भी करते हैं. वहीं सरकार द्वारा लिए गए कई फैसलों के खिलाफ भी आपने असदुद्दीन ओवैसी को बोलते हुए देखा होगा.
असदुद्दीन ओवैसी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिममीन (AIMIM) के अध्यक्ष है. इन्होंने अपना पहला चुनाव हैदराबाद लोकसभा क्षेत्र से सन 2004 में जीता था. उसके लिए मीडिया वाले भड़काऊ भाईजान जैसे शब्दों का प्रयोग करते है. क्योंकि अपने भाषणों के चलते काफी चर्चा में रहते है.
इतना ही नहीं मुंबई पर हुए आतंकी हमले पर भी ओवैसी ने कहा था, कि निर्दोष लोगों के हत्यारों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करनी चाहिए. जो हमारे देश के दुश्मन हैं, वो मुसलमानों के भी दुश्मन हैं. ऐसे लोगों को माफ नहीं करना चाहिए.
असदुद्दीन ओवैसी का जन्म भारत के तेलंगाना, हैदराबाद में ता : 13 मई 1969 को हुआ था. इनके पिताजी का नाम सुल्तान सलाहुद्दीन ओवैसी था.
असदुद्दीन ओवैसी ने भारत सरकार द्वारा दिए जाने वाले हज यात्रा सब्सिडी का विरोध किया था, और कहा कि इस सब्सिडी को भारत सरकार मुस्लिम महिलाओं की पढ़ाई में लगाएं.
असदुद्दीन ओवैसी एक सुन्नी विचारधारा के मुसलमान है. इनके पिताजी भी हैदराबाद से विधानसभा और लोकसभा चुनाव जीत चुके है.
असदुद्दीन ओवैसी ने अपने शहर हैदराबाद से ही अपनी प्रांरभिक शिक्षा प्राप्त की है. ओवैसी के पास बैचलर ऑफ आर्ट्स की डिग्री है, ये डिग्री उन्होंने उस्मानिया विश्वविद्यालय से प्राप्त की है. इसके अलावा उन्होंने लंदन के एक विश्वविद्यालय से अपनी वकालत की पढ़ाई पूरी की हैं.
असदुद्दीन ओवैसी हिंदुत्व के कट्टर विरोधी है. उन्होंने अपना पहला चुनाव आंध्र प्रदेश की चारमीनार विधानसभा से लड़ा था. और इस चुनाव में उनकी जीत हुई थी. वहीं 2004 में ओवैसी ने लोकसभा का चुनाव लड़ा था. उन्होंने ये चुनाव अपने शहर हैदराबाद से लड़ा था और अभी तक वो इसी चुनाव क्षेत्र से लोकसभा का चुनाव लड़ते आ रहे हैं. इस सीट पर उनका कब्जा अभी तक कायम है. चुनाव लड़ने के अलावा ओवैसी सरकार द्वारा गठित की गई कई समिति के सदस्य भी रहे हैं.
मुस्लिमो के लिए आरक्षण के पक्षधर है. इनके परिवार के ज्यादा सदस्य राजनीति से जुड़े हुए है. इनके भाई भी तेलंगाना विधानसभा के सदस्य है. असदुद्दीन ओवैसी का नाता वैसे तो हिंदू मुस्लिम विवाद से रहा है लेकिन उन्हें सन 2014 में संसद रत्न पुरस्कार से भी नवाजा जा चुका है.
वहीं साल 2004 में ओवैसी ने लोकसभा का चुनाव लड़ा था. उन्होंने ये चुनाव अपने शहर हैदराबाद से लड़ा था और अभी तक वो इसी जगह से लोकसभा का चुनाव लड़ते आ रहे हैं. इस सीट पर उनका कब्जा अभी तक कायम रहा है. चुनाव लड़ने के अलावा ओवैसी सरकार द्वारा गठित की गई कई समिति के सदस्य भी रहे हैं.
सन 2017 में भारतीय जनता पार्टी के द्वारा लाए गए गौ रक्षा कानून का उन्होंने जमकर विरोध करते कहा था कि उत्तर भारत के अलावा गाय को कहीं नहीं पूजा जाता. 2010 में उन्होंने एक भाषण में कहा कि आईएसआईएस मुसलमान धर्म का बहुत बड़ा विरोधी है और उससे जुड़े लोग जहन्नुम के कुत्ते हैं.
भाषण के दौरान बंदूक साथ में ले जाने के जुर्म में असदुद्दीन ओवैसी को रोका जा चुका है.
असदुद्दीन ओवैसी अक्सर अपने भाषणों के चलते विवादों में घिरते रहते हैं. एक रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने ये बयान दिया था कि वो किसी भी सूरत में भारत माता की जय नहीं कहेंगे. ये भाषण उनके द्वारा 2016 में महाराष्ट्र की एक रैली में दिया गया था. दरअसल उन्होंने ये बयान आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत द्वारा दिए गए एक बयान के बदले ये बात कही थी. मोहन द्वारा एक बयान दिया गया था और उस बयान के मुताबिक उनका मानना था, कि देश के नौजवानों को भारत माता की जय बोलनी चाहिए.
असदुद्दीन ओवैसी मेडक जिले में एक सड़क काम के कार्य में रुकावट डालने के आरोप के चलते ओवैसी और उनके छोटे भाई को जेल की हवा खानी पड़ी थी. दरअसल इस जिले में एक सड़क चौड़ी की जा रही थी, जिसके लिए वहां पर एक मस्जिद को गिराया जा रहा था. मस्जिद के विध्वंस के विरोध में उनकी पार्टी द्वारा प्रर्दशन किया जा रहा था. जिसके बाद पुलिस ने उनपर आपराधिक धमकी, दंगे और दुश्मनी को बढ़ावा देने सहित कई केस दर्ज किए थे. इसी मामले में उन्हें 2013 में जेल जाना पड़ा था.