क्या हम महाशक्ति बन पाएंगे ?

” महाशक्ति ” किसे कहते है : या महाशक्ति क्या है ? ये जानने की सभी को जिज्ञाषा रहती है. सोशल मीडिया का प्रमुख मंच विकिपीडिया एक मुक्त ज्ञानकोश है. उनके अनुसार महाशक्ति एक प्रमुख स्थिति वाला राज्य है. जिसकी विशेषता वैश्विक स्तर पर प्रभाव डालने या शक्ति प्रदर्शित करने की व्यापक क्षमता है. यह तकनिकी, आर्थिक, सैन्य, और सांस्कृतिक ताकत के साथ-साथ कूटनीतिक और सॉफ्ट पावर प्रभाव के संयुक्त माध्यम से किया जाता है. यह महाशक्ति की एक बहुत व्यापक परिभाषा है, जो सभी क्षेत्रों को कवर करती है.

सोशल मीडिया के अनुसार वर्तमान में, हमारे पास केवल एक ही महाशक्ति संयुक्त राज्य अमेरिका के रूपमें हयात है. यूएसएसआर भी एक महाशक्ति था लेकिन उसके विभाजन के बाद वह वैसा ही रह गया. चीन एक महाशक्ति बनने की राह पर है, लेकिन अब सिर्फ एक क्षेत्रीय शक्ति बनकर रह गया है.

कुछ लोगोंका कहना है कि भारत महाशक्ति बनने की राह पर है. मगर हमें लक्ष तक पहुंचने के लिए कई पहलुओं पर सोचना होगा, कार्य करना होगा.

शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा :

यदि हमें महासत्ता की ओर प्रयाण करना है तो हमें साक्षरता दर को उपर उठाना होगा. स्वास्थ्य के प्रति जागरुक रहना होगा. क्योंकि पहला सुख शरीर निरोगी होना होता है. हर विकसित देश इसका अनुसरण करता है. भारत देश में अभी साक्षरता दर उतना ही है जितना चीन में सन 1991 में था.

देशमें साक्षरता दर ऊंचा होना मतलब देश की 70% समस्याओं का समाधान हैं. वे जीवन स्तर को ऊपर उठाता है. संयुक्त राज्य अमेरिका का जीवन स्तर भारत की तुलना में काफी ऊंचा है.

मजबूत अर्थव्यवस्था :

अगर अर्थव्यवस्था मजबूत हो तो देश तरक्की की राह पर होता है.

भारत अपने राजस्व के अधिकांश भाग के लिए कृषि और कर संग्रह पर निर्भर है. मजबूत अर्थव्यवस्था के लिए हमें अपने विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ावा देने की जरूरत है. विदेशी निवेश तो आना शुरू हुआ है, लेकिन वे ज्यादातर भारतीय बाजारों पर कब्ज़ा करने के लिए ही हैं.

देश में बने उत्पाद की गुणवत्ता मे सुधार लाना होगा. विश्व स्तर पर उसे प्रतिस्पर्धा करने में समर्थ बनाना होगा.

भारत मे बने उत्पाद केवल भारतीयों द्वारा ही उपयोग किए जाते हैं.

अमेरिका 21 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था है, जबकि भारत अभी भी 2024 तक सिर्फ 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बननेका लक्ष्य बना रहा है.

रक्षा व्यवस्था :

हमारे पास दूसरी सबसे बड़ी सेना, चौथी सबसे बड़ी वायु सेना और सातवीं सबसे बड़ी नौसेना है. लेकिन जब हम हमारे उपकरणों को देखते हैं तो उनमें से अधिकांश अलग पीढ़ी के पुराने होते हैं. हम जो उपकरण उपयोग करते हैं वह नवीनतम या सर्वोत्तम तकनीक का होना जरुरी है.

हमारा देश अपना 99% रक्षा उपकरण आयात करता हैं. कोई भी महाशक्ति अपनी सुरक्षा के लिए दूसरे देशों पर निर्भर नहीं रह सकती. हमें महाशक्ति बनने के लिए एक मजबूत अर्थव्यवस्था और सुरक्षा रक्षा की अति आवश्यकता है.

चौथी औद्योगिक क्रांति पर कब्जा :

हमें अब एआई, आईओटी, डेटा साइंसेज, लाइफ साइंसेज, नए ऊर्जा संसाधनों, सामग्रियों आदि में प्रगति के प्रति सतर्क रहना होगा. हमारा देश इन प्रौद्योगिकियों में चीन का लगभग दसवां हिस्सा निवेश करता हैं. अमेरिका की तो बात ही अलग है.

पर्यावरण सूचक अंक :

सन 2018 पर्यावरण प्रदर्शन सूचक अंक (ईपीआई) के अनुसार, जब पर्यावरण संबंधी मुद्दों से निपटने की बात आती है, तो 180 देशों में से भारत दुनिया में 177वें स्थान पर है. ( दावोस में विश्व आर्थिक मंच की बैठक के मौके पर जारी ग्रीन रैंकिंग.) पुरी दुनिया के अधिकांश विकसित देशों का पर्यावरण संरक्षण पर व्यय , सेना और शिक्षा पर संयुक्त व्यय से अधिक है.

हम पर्यावरण की सुरक्षा बारेमें इतना जागरुक नहीं है, जितना हमें होना चाहिए. तेजी से अपनी हरीयाली खो रहे हैं, कई शहर और गांव गंभीर पानी की कमी का सामना कर रहे हैं, उष्णतामान बढ़ रहा है, हमारी नदियां प्रदूषित हो रही हैं.

यदि हमें आगे महाशक्ति की ओर प्रयाण करना है तो मानव उत्थान, प्रेस की स्वतंत्रता आदि रैंकिंग में सुधार लाने पर ध्यान केंद्रित करना होगा. इन क्षेत्रों में हमारी रैंकिंग पीछे है.

जनसंख्या नियंत्रण :

भारत की जनसंख्या दिन दुगुना रात चौगुना बढ़ रही है. क्षेत्रफल के हिसाब से भारत सातवां सबसे बड़ा देश है, लेकिन सन 2025 तक आबादी के मामले में चीन से आगे निकल जायेगा. आगामी होनेवाली जन गणना मे यह पिक्चर क्लियर हो जायेगा.

वर्तमान में चाइना की जनसंख्या करीब 1अरब 46 करोड़ 38 लाख 16 हजार 6 सौ 30 है. (1463816630) है, जबकि वर्तमान में अनुमानित डाटा के अनुसार भारत की जनसंख्या करीब 143 करोड़ पहुँच गई है. अनुमान है कि भारत एक दो सालमे चाइना को पीछे छोड़ जायेगा.

इतनी बड़ी आबादी को नियंत्रण में रखना मुश्किल कार्य है. सभी लोगों की जरूरतों को पूरा करना एक बहुत बड़ा काम है. अधिक जनसंख्या के कारण संसाधनों का अनुचित वितरण और अत्यधिक दोहन होता है.

मजबूत राजनयिक और रक्षा संबंध :

एक वैश्विक महाशक्ति हजारों मील दूर देशों के निर्णयों को प्रभावित करने की क्षमता रखती है, किसी देश को कोई भी कदम उठाने से पहले दो बार सोचने के लिए मजबूर करती है जो उस पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है. हाल ही में इरिस्तान में सैकड़ों अड्डे बंद करने के बावजूद, संयुक्त राज्य अमेरिका के पास अभी भी विदेशों में 70 से अधिक देशों और क्षेत्रों में लगभग 800 सैन्य अड्डे हैं. जरूरतमंद देशों को अरबों डॉलर की वित्तीय सहायता दे रहा है.

अगर भारत को महाशक्ति बनना है तो उपरोक्त महत्वपूर्ण क्षेत्र हैं जहां पर भारत को भारी काम करने की जरूरत है. तब जाकर हम महाशक्ति की मंजिल हासिल कर पाएंगे.

उम्मीद है कि भारत सन 2025 में जीडीपी के मामले में जर्मनी को और 2027 में जापान को पीछे छोड़कर अमेरिका और चीन के बाद तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा.

प्रधानमंत्री मोदी ने सन 2047 तक भारत को एक विकसित देश बनाने का संकल्प लिया है , जब अपनी स्वतंत्रता की 100वीं वर्षगांठ मनाएगा.

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