मानद डॉक्टरेट की उपाधि.

आपको पता है ? मानद डॉक्टरेट उपाधि किसे कहते है ? जो प्रसिद्ध या लोकप्रिय हस्तियों को सम्मानित करने के लिए प्रदान की जाती है. इस उपाधि का वास्तविक दुनिया में कोई मूल्य नहीं है. इस तरह की उपाधि से किसी तरह का आर्थिक लाभ नहीं मिलता लेकिन यह उपाधि पाने वाले लोग अपने नाम के साथ डॉ. लगा सकते हैं.

मानद उपाधि वह सम्मान होता है जो किसी भी क्षेत्र में विशेष कार्य करने पर किसी भी संस्थान, सेना, या कम्पनी द्वारा उसे बिना किसी शोध-पत्र लिखे, या सेना में बिना काम किए मानद पद देने, संस्थान द्वारा बिना परीक्षा पास किए कोई डिग्री दे देना जैसी उपाधियां मानद उपाधि कहलाती हैं.

विश्व रिकॉर्ड पर मानद उपाधि का पहला उदाहरण सन 1470 के दशक में हमें मिलता है, जब प्रथम मानद उपाधि ” ऑक्स फोर्ड विश्व विद्यालय ” द्वारा लियोनेल वुडवर्ड को जारी किया गया था. हालाँकि, यह प्रथा 1600 के दशक में और अधिक आम हो गई जब रॉयल्टी ने इंग्लैंड में विश्वविद्यालयों का दौरा किया. मानद उपाधि किसी कॉलेज या विश्वविद्यालय द्वारा किसी ऐसे व्यक्ति को दी जाती है कि जो छात्र नहीं है लेकिन जिसने कुछ महत्वपूर्ण काम किया है.

एक अंग्रेजी अखबार ने देश में चल रही पीएच.डी. (डॉक्टरेट) की उपाधियों की हेरा-फेरी पर एक खोजपूर्ण खबर छापी थी. उनके अनुसार देश के लगभग सभी विश्वविद्यालय ऐसे लोगों को भी मानद पीएच.डी. की डिग्री दे देते हैं, जिनके मैट्रिक पास होने का भी पता नहीं हैं.

पिछले 20 साल में 160 विश्व विद्यालयों ने 2000 से ज्यादा लोगों को मानद डॉक्टरेट की उपाधियां बाटी हैं. ऐसी मानद डिग्री पाने वालों में देश के राष्ट्रपति, उप-राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और कई मंत्री तो हैं ही, सरकारी अफसर, कई अनपढ़ पूंजीपति और कई तथाकथित समाजसेवी भी हैं.

कुछ विश्वविद्यालयों और कॉलेजों पर बड़े दान के बदले मानद उपाधियाँ देने का आरोप लगाया गया है. मानद डिग्री प्राप्तकर्ताओं, विशेष रूप से जिनके पास कोई पूर्व शैक्षणिक योग्यता नहीं है, की कभी-कभी आलोचना की जाती है यदि वे अपने दिये पुरस्कार के परिणाम स्वरूप “डॉक्टर” कहलाने पर जोर देते हैं, क्योंकि मानद उपाधि आम जनता को उनकी योग्यता के बारे में गुमराह कर सकती है.

मानद डिग्री अकसर ऐसे लोगों को भी प्रदान की जाती है जिसके पास पहले से डिग्री नहीं है परन्तु उन्होंने कुछ विशिष्ट उपलब्धि हासिल की हो और ऐसे लोगों को भी जिनके पास पहले से डिग्री भी हो और बड़ा सम्मान भी हो. वैश्विक नोबेल पुरस्कार प्राप्त विजेताओं को विश्वविद्यालय मानद उपाधि प्रदान करना खुद के लिए गौरव की बडी बात समझते हैं.

पीएचडी किसे कहते है ?

पीएचडी डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी का संक्षिप्त रूप है. यह अकादमिक या व्यावसायिक डिग्री है, जो अधिकांश देशों में, डिग्री धारक को विश्वविद्यालय स्तर पर अपने चुने हुए विषय को पढ़ाने या अपने चुने हुए क्षेत्र में एक विशेष पद पर काम करने के लिए योग्य बनाती है.

” फिलॉसफी ” शब्द प्राचीन ग्रीक फिलॉसफी से आया है, जिस शब्द का शाब्दिक अनुवाद “ज्ञान का प्रेम” है. यह मूल रूप से एक ऐसे व्यक्ति को दर्शाता है जिसने वर्तमान दुनिया के बुनियादी मुद्दों में व्यापक सामान्य शिक्षा हासिल की है. आज, डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी को अभी भी ज्ञान के प्रति प्रेम की आवश्यकता होती है, लेकिन यह उन व्यक्तियों पर लागू होता है जिन्होंने विशिष्ट क्षेत्र में ज्ञान प्राप्त किया है.

पीएचडी एक विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त स्नातकोत्तर शैक्षणिक डिग्री है जो विश्वविद्यालयों व उच्च शिक्षा संस्थानों द्वारा उस उम्मीदवार को प्रदान की जाती है जिसने अपने चुने हुए क्षेत्र में व्यापक और मूल शोध के आधार पर थीसिस या शोध प्रबंध प्रस्तुत किया है. पीएचडी डिग्री की विशिष्टताएँ इस बात पर निर्भर करती हैं कि आप कहाँ हैं और आप किस विषय पर थीसिस या शोध करते है.

मानद उपाधि किसी खास व्यक्ति को, उनका खास सम्मान करने के लिए दी जाती है. ” किंग ऑफ रोमांस ” कहे जाने वाले शाहरुख खान को 5 अप्रैल, 2019 को यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ, लंदन से परोपकार में मानद डॉक्टरेट की उपाधि मिली थी. वह तीन अंतरराष्ट्रीय डॉक्टरेट प्राप्त करने वाले एकमात्र भारतीय सेलिब्रिटी भी हैं.

कई लोग मानद डॉक्टरेट की डिग्री प्राप्त करने वाले व्यक्ति को डॉक्टर ( चिकित्सक ) यानि व्यक्ति के शरीर का निरीक्षण करने वाला समझते है. जो कि बिलकुल गलत है.

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